जब समाज की मदद की जाती है तो राष्ट्र की मदद होती है: कर्नल डी.आर. गार्गी
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एपीजी शिमला विश्वविद्यालय छात्रों व एनसीसी कैडेटों द्वारा आयोजित प्री-हिमाचल दिवस में मुख्य अतिथि रहे 7 एच. पी. (आई) एनसीसी शिमला के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल डी.आर. गार्गी
शिमला, अप्रैल 13
एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ साइंसेज की ओर से विभागाध्यक्ष डॉ. मनिंदर कौर और डॉ. प्राची वैद की अगुवाई में बुधवार को प्री-हिमाचल दिवस के तहत हमारा हिमाचल हमारी शान विषय पर कार्यक्रम विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित करवाया जिसमें विश्वविद्यालय के छात्रों सहित एनसीसी कैडेटों ने बढ़चढ़कर भाग लिया। इस अवसर पर 7 एच. पी. (आई) कंपनी एनसीसी हेडक्वॉर्टर शिमला के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल डी.आर. गार्गी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की वहीं एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान, रजिस्ट्रार बलराम झा, विश्वविद्यालय के मुख्य सलाहकार इंजीनियर सुमन विक्रांत (पूर्व चीफ-इन-इंजीनियर) सम्मानित अतिथि रहे। मुख्य अतिथि कमांडिंग ऑफिसर कर्नल डी.आर. गार्गी का विश्वविद्यालय के कैंपस में प्रवेश करते ही एनसीसी कैडेटों ने प्रभावशाली पायलेटिंग करते हुए गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान और रजिस्ट्रार ने मुख्य अतिथि का हिमाचली टोपी व शॉल भेंटकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया और कमांडिंग ऑफिसर कर्नल डी.आर. गार्गी का विश्वविद्यालय में बतौर वशिष्ट मुख्य अतिथि पधारने और युवाओं को समाज सेवा और राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करने के लिए धन्यवाद किया। एनसीसी कैडेटों ने एनसीसी यूनिट शिमला विवि की ओर से मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया। कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने छात्रों, विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेटों, शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि हर नागरिक अपनी मातृभूमि व राष्ट्र से प्यार करता है और इसकी तरक्की के लिए युवाओं सहित सभी को अपना योगदान देने के लिए हमेशा काम करते रहना चाहिए। कुलपति प्रो. चौहान ने बड़े विस्तार से हिमाचल प्रदेश के अस्तित्व, इतिहास, हिमाचल का गठन से लेकर पूर्ण राज्य बनने तक के सफर पर प्रकाश डाला और कहा कि हिमाचल प्रदेश ऐसी पवित्र भूमि हैं जहाँ मानव सभ्यता, वैदिक संस्कृति का उद्भव हुआ है, उन्होंने पुराणों का जिक्र करते हुए कहा कि पुराणों में हिमाचल प्रदेश का वर्णन आता है। कुलपति चौहान ने कहा कि वर्तमान युवा पीढ़ी को अपने प्रदेश, देश की संस्कृति, इतिहास को जानने और उससे शिक्षा लेनी चाहिए। कुलपति प्रो. रमेश चौहान ने अपने द्वारा हिमाचल प्रदेश पर लिखी पुस्तक का परिचय मुख्य अतिथि , छात्रों और शिक्षकों से करवाया और कहा कि हिमाचल पर अधिक शोधों की जरूरत है। मुख्य अतिथि कमांडिंग ऑफिसर डी.आर. गार्गी ने छात्रों, एनसीसी कैडेटों, प्रध्यापकों को संबोधित किया कि हमें युवा पीढ़ी पर गर्व है क्योंकि युवा देश व राष्ट्र, प्रदेश और समाज की ढाल होती है अगर युवा पीढी को सही तालीम के साथ समाज की मदद के लिए प्रेरित किया जाए क्योंकि समाज की मदद ही राष्ट्र व देश-प्रदेश की मदद होती है परंतु इसके लिए जीवन संघर्ष, देश की एकता, शांति, विकास के साथ-साथ देश व राष्ट्र की रक्षा के लिए भी अपने को न्योछावर करने के लिए तैयार रहना चाहिए। कर्नल गार्गी ने कहा कि छात्रों को पढ़ाई के साथ एनसीसी जॉइन करनी चाहिए क्योंकि यह एक ऐसा संगठन है जो राष्ट्र प्रेम, एकता और अनुशासन का पाठ सिखाता है और छात्रों को हर क्षेत्र में कामयाब बनाता है और आर्म्ड फोर्सेज में जाने के कई अवसर मिलते हैं। कर्नल डी.आर. गार्गी ने कहा कि अनुशासन के बिना कोई भी संगठन और समाज तरक़्क़ी नहीं कर सकता इसलिए जीवन में अनुशासन बनाये रखना चाहिए। कर्नल गार्गी ने सभी आज़ादी के परवानों, सैनानियों और भारतीय सेना के देश रक्षा, संकटकाल में सेना की भूमिका और बहादुर जवानों के बसलिदानों से युवा पीढ़ी को राष्ट सेवा और आत्मनिर्भरता का संकल्प लिया जाना चाहिए। विश्वविद्यालय के छात्रों और एनसीसी कैडेटों ने हिमाचली संस्कृति, इतिहास पर नाटकों, हिमाचली पहाड़ी गीतों के माध्यम से हिमाचली संस्कृति से रूबरू करवाया। नाटक हिमाचली रिश्ते खिसकते-खिसकते ने वाह-वाह लूटी और खूब मनोरंजन किया।विश्वविद्यालय के हॉस्पिटैलिटी व टूरिज्म डिपार्टमेंट के छात्रों ने हिमाचल के सभी जिलों के मशहूर पकवान अतिथियों, शिक्षकों और छात्रों को परोसे और मुख्य अतिथि ने छात्रों के इस प्रयास की प्रसंशा की। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार बलराम झा ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में कर्नल डीआर गार्गी का आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने अपना बहुमूल्य समय देकर छात्रों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया । बसलराम झा ने सभी कुलपति प्रो. रमेश चौहान, डॉ. मनिंदर कौर, डीन एकेडेमिक्स डॉ. अनिल कुमार पॉल, निदेशक डॉ. नील सिंह, छात्रों, शिक्षकों, एनसीसी कैडेटों और 7 एच पी एनसीसी शिमला के पीआई स्टाफ़ और सेना के जवानों, कैडेटों और कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों का धन्यवाद किया।