Himachal Tonite

Go Beyond News

कुटलैहड़ की 5000 कनाल भूमि को शिवा परियोजना के तहत लाने का लक्ष्यः कंवर

1 min read
ऊनास 10 जनवरीः ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा है कि कुटलैहड़ विस क्षेत्र की 5000 कनाल भूमि को शिवा परियोजना के तहत लाने का लक्ष्य रखा गया है, जिस पर लगभग 400 करोड़ रुपय खर्च किए जाएंगे। यह बात उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मंदली में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली पर आयोजित गोष्ठी में कही।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि ऊपरी हिमाचल प्रदेश में सेब किसानों और बागवानों की आर्थिकी का मुख्य आधार है तथा राज्य की 5000 करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था सेब की बाग़वानी पर टिकी है। उन्होंने कहा कि राज्य के निचले क्षेत्र में इसी तर्ज़ पर शिवा परियोजना के तहत अमरूद, अनार, मौसमी, मालटा और लीची जैसे फलदार पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि किसान आर्थिक रूप से समृद्ध बन सकें। उन्होंने कहा कि कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में शिवा परियोजना के तहत विकास खंड बंगाणा में दो करोड़ रुपये खर्च कर 9 अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन स्थल स्थापित किए गए हैं, जिनमें मुख्यता अनार और अमरूद की खेती की जा रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं तथा निकट भविष्य में ऊना विकास खंड में भी इस परियोजना को शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिवा परियोजना में बागवानी की आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें टपक सिंचाई व्यवस्था तथा फलदार पौधों की सघन खेती होती है, जिससे बागवान कम भूमि पर भी अधिक लाभ अर्जित कर सकते हैं।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि आज बारिश के पानी का सदुपयोग करना अति आवश्यक है तथा हमें बारिश के पानी को एकत्र कर उसका इस्तेमाल सिंचाई के लिए करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए समूर में चैक डैम का निर्माण किया गया है, जिससे आस-पास के गांवों की 5000 कनाल भूमि को सिंचाई व्यवस्था प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त चपलाह में भी चैक डैम बनकर तैयार है, जबकि डीहर में बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए चैक डैम बनाने को स्वीकृति मिली है।
बाग़वानी विभाग की गतिविधियों की सराहना करते हुए वीरेंद्र कंवर ने कहा कि जिला ऊना में फल उत्पादन के साथ साथ पुष्प उत्पादन, सब्ज़ी उत्पादन, मधुमक्खी पालन तथा मशरूम उत्पादन जैसी गतिविधियों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला में लगभग 28,514 मीट्रिक टन फलों का उत्पादन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रति वर्ष 40-50 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मशरूम की खेती में भी जिला पीछे नहीं है, जिससे यहां के किसानों को अतिरिक्त आय हो रही है।
गोष्ठी के दौरान बागवानी व कृषि से जुड़े विभिन्न विशेषज्ञों ने किसानों को बागवानी तथा खेती बाड़ी की आधुनिक तकनीकों के साथ-साथ उनकी देखभाल के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर जिला परिषद उपाध्यक्ष कृष्ण पाल शर्मा, कैप्टन प्रीतम डढवाल, जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर लाल शर्मा, पंचायत समिति बंगाणा के उपाध्यक्ष जमीत सिंह, बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ, अशोक धीमान एसएमएस केके भारद्वाज तथा संजय चंदेल, संजीव पराशर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *