ठंड से कोई जान न जाए
शिमला, जनवरी 2 – उमंग फाउंडेशन कड़ाके की सर्दी में शिमला में सड़कों पर रात गुजारने पर मजबूर बेघर लोगों को कम्बल देने का अभियान शुरू कर रहा है। फाउंडेशन “ठंड से कोई जान न जाए” नामक अपने इस अभियान को पिछ्ले सात वर्षों से चला रहा है।
फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव और ट्रस्टी विनोद योगाचार्य ने बताया कि सूरज ढलने के बाद उमंग की टीम रेन शेल्टर, बस अड्डों, ढारों, दूकानों के बरामदों आदि में ठंड से ठिठुरते बेघर लोगों को ढूंढ़ती है। उन्हें कम्बल और गर्म कपड़े देती है। आवश्यकता पड़ने पर बीमार बुजुर्गों और बेसहारा महिलाओं को रेस्क्यू भी किया जाता है।
उन्होंने बताया कि यह अभियान पिछले सात वर्षों से समाज के सहयोग से जनवरी और फरवरी में चलाया जाता है। इसकी प्रेरणा वर्ष 2014 में न्यायमूर्ति राजीव शर्मा ने दी थी। तब उन्होंने उमंग फाउंडेशन को 2000 कंबल दान में दिए थे। इसके बाद से निरंतर यह अभियान जन सहयोग से चलाया जा रहा है।
उमंग फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने आम लोगों से अपील की है कि वे बेसहारा बुजुर्गों और महिलाओं को ठंड में ठिठुरता देखकर उन्हें 9418008595 पर सूचित कर सकते हैं। कोई भी व्यक्ति या संस्था नए कंबल भी फाउंडेशन को दान में दे सकती है।