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मेरी माटी-मेरा देश वीरों को श्रद्धांजलि देने का अनुपम कार्यक्रम: अनुराग ठाकुर

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डिजिटल टेक्नोलॉजी को अपनाएं युवाः अनुराग ठाकुर

अगले तीन वर्षों में होगी भारत विश्व् की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था: अनुराग ठाकुर

ग़ुलामी की मानसिकता को अब तोड़ रहा भारत: अनुराग ठाकुर

हिमाचल बलिदानियों की भूमि, यहाँ मेरी माटी मेरा देश को लेकर अपार उत्साह : अनुराग ठाकुर

21 अक्तूबर 2023, हिमाचल प्रदेश: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम के अंतर्गत मोतीपुर, मंडी व बिलासपुर में विशाल सभा को संबोधित किया व भारत सरकार के इस अनुपम कार्यक्रम की बारीकियों व इसकी उपयोगिता पर विस्तृत प्रकाश डाला। इस अवसर पर पंच प्रण की शपथ दिलार्द और वीर नारियों सम्मानित किया। उन्होंने युवाओं को डिजिटल टेक्नोलॉजी से जुड़ने का आह्वान करते हुए बताया कि डिजिटल तकनीक को अपनाने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल साढे 13 करोड़ गरीब लोग गरीबी रेखा से बाहर आ पाए हैं।

श्री अनुराग ठाकुर ने कहा “आज़ादी का अमृत महोत्सव देश में पूरे धूम-धाम से मनाया गया था और उसके अंतिम कार्यक्रम के रूप में ‘मेरी माटी मेरा देश’ – वीरो को वंदन और मिट्टी को नमन इस भाव के साथ इसकी शुरुआत की गई है। ‘मेरी माटी-मेरा देश’ कार्यक्रम के माध्यम से, हर परिवार, हर व्यक्ति, हर नागरिक, हर बच्चा भारत को एक महान राष्ट्र बनाने में योगदान दे सकता है।आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस कार्यक्रम के माध्यम से भूले हुए स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने की एक नई दृष्टि दी है।स्वतंत्रता सेनानियों ने इसके लिए ‘बलिदान’ दिया है, हमारे देश को विकसित भारत बनाने के लिए आप सभी को योगदान देना होगा। इस धरती पर प्राण न्योछावर करने वालों को हम सब अपना समर्पण, अपनी मिट्टी प्रतीक के रूप में दे रहे हैं। हर घर से, हर गांव से, हर देहात से मिट्टी का कण अमृत वाटिका के निर्माण में पहुंचे और हर भारतीय इस देश की मिट्टी से जुड़कर देश के विकास के कार्यरत रहे”

आगे बोलते हुए श्री अनुराग ठाकुर ने कहा” देश ग़ुलामी की मानसिकता से अब बाहर आ रहा है। पहले राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक राजपथ बना था, मोदी जी ने गुलामी की मानसिकता से मुक्ति दिलाने के लिए उसको कर्त्तव्य पथ बना दिया है। उसी कर्तव्य पथ पर इंडियागेट पर आजादी के विगत 13 साल तक किसी ने शहीद स्मारक दिल्ली में नहीं बनाया। शहीद स्मारक वार मेमोरियल भी बनाया है तो नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने। मेरी माटी, मेरा देश’ आजादी के अमृत महोत्सव का अंतिम कार्यक्रम है। इसके अंतर्गत देश के साढ़े 6 लाख गांवो में अमृत कलश यात्रा निकाली जाएगी। 30 करोड़ घरों से मिट्टी ली जाएगी। प्रत्येक गांव में अमृत वाटिका बनेगी। प्रत्येक गांव की मिट्टी को ब्लॉक स्तर से होते हुए देश की राजधानी लाया जाएगा। पंच प्रण के शपथ लिए जाएंगे। वीरों का नमन मिट्टी का वंदन होगा”

श्री ठाकुर ने आगे कहा, “हम घूम-घूम कर स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों का सम्मान कर रहे हैं। मिट्टी के दिल्ली आने पर कर्तव्य पथ से होते हुए इंडिया गेट की ओर एक अमृत वाटिका का निर्माण किया जाएगा। इंडिया गेट के पास आजादी का अमृत महोत्सव मेमोरियल बनाया जाएगा। इसका उद्देश्य देश में एकता एकजुटता की भावना बनाए रखना, गुलामी की मानसिकता से मुक्ति पाना और अपने गौरवशाली इतिहास पर गर्व करना है ताकि देश का हर नागरिक अपने कर्तव्य को पूरा कर एक विकसित भारत के निर्माण में अपना योगदान दे सके”

श्री अनुराग ठाकुर ने कहा “ भाजपा और इसके कार्यकर्ता दिखावे के लिए सहायता नहीं करते। हिमाचल में आपदा के समय केंद्र ने एक नहीं 4 किश्तों में 862 करोड़ तो पहले ही दे दिए, फिर 5000 घर , दूसरी बार 6000 घर, कुल मिला के 11000 घर दिए। 2700 करोड़ ग्रामीण सड़कों के लिए दिया। मनरेगा में जो बंदिशे थीं सुविधा के लिए उन्हें हटाया गया। अब कामगार जितनी दिहाड़ी लगानी उतनी लगा सकते हैं। इससे बावजूद अगर राज्य की सरकार कहे की कुछ नहीं दिया तो आसानी से समझा जा सकता है कि आपदा में भी कुछ लोग राजनीती करते हैं”

डिजिटल तकनीक पर बात करते हुए श्री अनुराग ठाकुर ने कहा” अगले तीन वर्षों में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। डिजिटल प्रौद्योगिकी के कारण ई-पेमैंट में पूरी दुनिया में भारत का शेयर 46 प्रतिशत हो गया है। आत्मनिर्भर अभियान के अर्न्तगत भारत में पिछले एक साल में एक लाख करोड़ रुपये का रक्षा उपकरणों का उत्पादन किया है। जबकि इसी दौरान 16000 करोड़ का निर्यात किया है। अगले पांच साल में रक्षा उपकरणों का उत्पादन दो गुना और निर्यात तीन गुणा हो जाएगा। आत्मनिर्भर अभियान के अर्न्तगत एक लाख रुपये के मोबाईल फोन निर्यात किया गया है। अमृत महोत्सव ने पिछले दो वर्षों में भारत की आजादी के अमर बलिदानियों के बारे में जागरूकता फैलाने का काम किया है। पिछले दो वर्षों में 750 जिलों में यह पता चला है कि उस गांव में किसने आजादी में अपना योगदान दिया है। इसके बारे में ऑनलाईन भी देखा जा सकता है।

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