Himachal Tonite

Go Beyond News

निजी मेडिकल प्रैक्टिशनर को भी रखना होगा क्षय रोगी का पूरा रिकॉर्ड 

1 min read

क्षय रोग उन्मूलन के लिए पंचायती राज प्रतिनिधियों के अलावा गैर सरकारी संगठनों की भी रहेगी सक्रिय भागीदारी- उपायुक्त 

इलाज की अवधि के दौरान पोषण के लिए सामान्य रोगी को मिलेंगे 500 रूपए प्रति माह, एमडीआर रोगी के लिए 1500 की राशि  
हिम केयर योजना में पंजीकरण दोबारा शुरू, 31 मार्च तक चलेगा पंजीकरण 
हिम केयर योजना में सभी पात्र लाभार्थियों को शामिल करने के लिए चलाया जाएगा अभियान
ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास विभाग और पंचायती राज प्रतिनिधियों की भी ली जाएगी मदद
चम्बा, 6 जनवरी–  चंबा जिला में क्षय रोग के खात्मे को लेकर पंचायती राज प्रतिनिधियों के अलावा गैर सरकारी संगठनों की भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उपायुक्त डीसी राणा ने ये बात आज उपायुक्त कार्यालय के सभागार में आयोजित जिला स्तरीय क्षय रोग उन्मूलन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यह लक्ष्य तय किया है कि 2023 तक हिमाचल प्रदेश को क्षय रोग से मुक्त किया जाएगा। इस रोग को लेकर जहां आम जनमानस में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है वहीं क्षय रोग की टेस्टिंग को भी बढ़ाना होगा। उन्होंने आयुर्वेद विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि जिला आयुर्वेद अस्पताल में स्थापित माइक्रोस्कोपिक सेंटर में भी क्षय  रोग की टेस्टिंग को और बढ़ाया जाए।
उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि सामान्य क्षय रोगी को अपने पोषण के लिए इलाज की अवधि के दौरान हर महीने 500 रुपए की राशि दी जाती है। जबकि एमडीआर रोगी के लिए यह राशि 1500 रुपए है। राशि सीधे रोगी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। रोगी की पहचान करने और उसकी टेस्टिंग के लिए आशा वर्कर को भी विशेष प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि क्षय रोगी अपना इलाज सरकारी संस्थान के अलावा किसी निजी मेडिकल प्रैक्टिशनर से भी करवा सकता है। लेकिन निजी मेडिकल प्रैक्टिशनर को रोगी का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा और उसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा करनी होगी। यदि वह ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान रखा गया है। दवाई लेने के लिए यदि बस का सफर करना पड़े तो योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा साधारण बस किराया भी मुहैया किया जाता है।
उपायुक्त ने इस मौके पर रोग का  पूरा इलाज करने के बाद स्वस्थ हुए दो क्षय वीरों रवि कुमार और अशोक कुमार को सम्मानित भी किया। उन्होंने इलाज की प्रक्रिया और बाद के अपने अनुभव भी सबके साथ साझा किए।
उपायुक्त ने कोविड- 19 के तहत अब तक उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हालांकि कोरोना मामलों की संख्या में कुछ कमी तो हुई है लेकिन फिर भी विशेष तौर से सामूहिक आयोजनों में अभी भी पूरी एहतियात बरतने की आवश्यकता है। पंचायती राज चुनाव के दृष्टिगत भी जिला के विभिन्न उप मंडलों के एसडीएम, तहसीलदारों, नायब  तहसीलदारों, खंड विकास अधिकारियों और पुलिस को पूरी निगरानी बरतने के भी निर्देश दिए गए हैं।
उपायुक्त ने यह भी निर्देश जारी किए कि चंबा अस्पताल में स्थापित किए गए कोविड वार्ड में भर्ती किए जाने वाले रोगियों के लिए उनके स्वास्थ्य की मौजूदा स्थिति और जरूरत के मुताबिक पौष्टिक भोजन की व्यवस्था करना भी सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए अलग से टेंडर व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड वार्ड में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के बाद अब वहां  सीसीटीवी कैमरों की स्थापना का काम भी जल्द पूरा  किया जाए।
उपायुक्त ने प्रदेश भर में चलाए गए  हिम सुरक्षा अभियान के कार्यान्वयन की भी समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि हिम केयर योजना में पंजीकरण को 1 जनवरी से दोबारा शुरू किया गया है जो 31 मार्च तक चलेगा। उन्होंने बताया कि जिले में इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए पात्र परिवारों में से कई ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक अपना पंजीकरण नहीं करवाया है। उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने नजदीकी लोक मित्र केंद्र में जाकर अपना पंजीकरण अवश्य करवाएं। पंजीकरण के बाद उन्हें अगले एक साल के लिए 5 लाख की राशि तक  के मुफ्त इलाज की सुविधा हासिल होगी। उपायुक्त ने यह भी कहा कि इस योजना के साथ जिला के सभी पात्र परिवारों को जोड़ने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। जिसमें ग्रामीण विकास और महिला एवं बाल विकास विभागों के अलावा पंचायती राज प्रतिनिधियों की भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *