कृषि अधिनियमः किसानों के लिए पहल
1 min readशिमला, दिसंबर 29 – भारत सरकार ने तीन कृषि बिलों यानि किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और फार्म सेवा अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 2020 की शुरूआत ग्रामीण भारत के किसानों को प्रत्यक्ष लाभ प्रदान करने के लिए की है। कृषि विज्ञान केंद्र लाहौल स्पिति स्थित ताबो ने भी इन अधिनियमों के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए तरह-तरह के जागरूकता अभियान चलाएं हैं जिनमें किसानों को इन अधिनियमों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
वरिष्ठ वैज्ञानिक एवम् केंद्र अध्यक्ष डा सुधीर वर्मा ने बताया कि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020ः अधिनियम में पारिश्रमिक कीमतों पर किसानों की उपज की बिक्री और खरीद की पसंद की स्वतंत्रता प्रदान की गई है तथा यह कुशल पारदर्शी और बाधा मुक्त राज्य के अंदर और बाहर व्यापार और वाणिज्य प्रदान करेगा।
एम0एस0पी0 पर कोई असर नहीं पड़ता है और भुगतान उसी दिन या तीन कार्य दिवसों के भीतर किसानों को करना पड़ता है जहां पक्रिया की आवश्यकता होती है। मूल्य आश्वासन और फार्म सेवा अधिनियम, 2020ः यह अधिनियम किसानों और प्रायोजकों के बीच कृषि उपज की खरीद के लिए और फसल से पहले दर्ज की गई कृषि संवाओं के प्रावधान के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता है। यह केंद्र सरकार द्वारा माॅडल कृषि समझौतों के लिए दिशानिर्देश भी प्रदान करता है और उपज की कीमत अनुबंध में स्पष्ट रूप से उल्लेखित करता है।
इसके अलावा अधिनियम विवाद समाधान तंत्र को निर्दिष्ट करता है जो किसानों और खरीदारों के दोनों के अधिकारों की रक्षा करने में मददगार है। आवश्यक वस्तु अधिनियम, 2020ः यह अधिनियम केवल एक असाधारण स्थिति यानि युद्ध, अकाल, असाधारण मूल्य वृद्धि और प्राकृतिक आपदाओं में आक्रमण करता है। बिलों का मुख्य लाभ यह है कि किसान अपने खरीदारों को अपने हिसाब से पसंद कर सकता है, एम0एस0पी0 पहले की तरह जारी है, एफ0एस0आई0 और अन्य सरकारी एजेंसियां किसानों से पहले की तरह खरीद जारी रखेगी, किसान बाहरी मंडियों मंे उपज को बेच सकते हैं जो उन्हें सबसे अच्छी कीमत दें।
मंडी प्रणाली पहले की तरह जारी है, ए0पी0एम0सी0 अधिनियम को कम नहीं करता एवं यह मंडियों के बाहर भी किसान को अतिरिक्त व्यपार की अनुमति देता है और किसानों के हितों की रक्षा करता है।