प्राकृतिक खेती योजना और कामधेनु हितकारी मंच के बीच एमओयू साइन
1 min readशिमला, मार्च 14 – प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना और दुग्ध उत्पादकों के लिए काम करने वाली प्रदेश की अग्रणी संस्था कामधेनु हितकारी मंच के बीच में प्राकृतिक खेती उत्पादों की बिक्री को लेकर मंगलवार को एमओयू साइन किया गया। इस समझौते में कामधेनु हितकारी मंच प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों के विभिन्न अनाज-फल-सब्जियों को अपने स्टोर में बिक्री के लिए रखेंगे। मंगलवार को कृषि निदेशालय में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक नरेश ठाकुर और कामधेनु हितकारी मंच सचिव जीतराम कौंडल ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और परस्पर सहयोग की बात कही। इस मौके पर राज्य कृषि एवं पशुपालन सचिव राकेश कंवर ने कहा कि इस समझौते से प्रदेश में प्राकृतिक खेती कर रहे किसान-बागवानों के उत्पादों को एक अच्छा मंच मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों के उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध करवाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। मार्केटिंग बोर्ड के साथ प्रदेश की मंडियों में भी प्राकृतिक खेती उत्पादों को अलग से स्थान मुहैया करवाने का कार्य भी जारी है।
कामधेनु हितकारी मंच के सचिव जीतराम कौंडल ने कहा कि प्राकृतिक खेती के उत्पादों को नम्होल स्थित संस्था के मुख्य कैंपस में बिक्री के लिए रखा जाएगा। इसके लिए तैयारियां पूरी की जा रही हैं और जल्द ही प्राकृतिक खेती स्टोर का उद्धघाटन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हमारे संस्थान में रोजाना 500 से अधिक लोग आते हैं और वे कामधेनु के उत्पादों में बेहद रूचि दिखाते हैं। जीतराम ने कहा कि अब हमारे यहां प्राकृतिक खेती के उत्पादों के लिए अलग से स्थान होगा। इससे हमारे यहां आने वाले लोगों को कामधेनु के साथ प्राकृतिक खेती के उत्पादों की लंबी रेंज भी खरीददारी के लिए मिलेगी।
प्राकृतिक खेती उत्पादों की उपलब्धता के लिए कामधेनु हितकारी मंच नम्होल में बिलासपुर जिला के आतमा अधिकारियों, किसानों और प्राकृतिक खेती आधारित किसान-उत्पाद कंपनियों ने आपसी चर्चा कर एक कार्यनीति का निर्धारिण किया है।
प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक नरेश ठाकुर ने कहा कि इस स्टोर में प्राकृतिक खेती के उत्पादों की उपलब्धता बनाए रखने के लिए बिलासपुर जिला के किसानों को जोड़ा गया है। इसके अलावा प्रदेश में प्राकृतिक खेती आधारित बनाई जा रही किसान उत्पाद कंपनियों के विभिन्न उत्पादों को भी उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा।