नफ़रत और नशा बंद करो, रोजगार का प्रबंध करो
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शिमला :- आज दिनाँक 8 जनवरी, 2022 को भारत की जनवादी नोजवान सभा ( DYFI) का दो दिवसीय राज्य सम्मेलन किसान मजदूर भवन चितकारा पार्क कैथू में “नफ़रत और नशा बंद करो, रोजगार का प्रबंध करो” के नारे के साथ शुरू हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन विधिवत रूप से नोजवान सभा के राज्य उपाध्यक्ष महेंद्र राणा ने ध्वजरोहण व शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए किया। इसके पश्चात नोजवान सभा के पूर्व राज्य सचिव कुशाल भारद्वाज ने उद्घाटन भाषण में बात रखते हुए देश के स्वाधीनता आंदोलन से लेकर आजतक देश को आजादी की लड़ाई में नौजवानों द्वारा निभाई गई अहम भूमिका पर बात रखी। इन्होंने देश की राजनीतिक परिस्थितियों पर बात रखते हुए कहा कि वर्तमान की केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार नोजवान विरोधी है। यह सरकार लगातार देश में नवउदारवादी रास्ते पर आगे बढ़ रही है जिससे सभी सार्वजनिक सम्पतियों को बेचा जा रहा है जिसके चलते हुए देश के अंदर बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है ओर बढ़ ही नही रही बल्कि कई दशकों के रेकॉर्ड भी तोड़ रही है। बेरोजगारी चरम पर है बेरोजगारी की हालत में युवाओं में भटकाव आ रहा है और जीवनयापन के लिए गलत रास्तों की तरफ आकर्षित हो रहा है। युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं ओर नशे के कारोबार में संलिप्त हो रहे हैं। जिससे युवा ही नहीं सामाजिक जीवन पर भी प्रभाव पड़ रहा है। क्योंकि इसके चलते समाज में असामाजिक घटनाएं घट रही हैं। इसके साथ ही साथ महिलाओं के खिलाफ हिंसा बढ़ रही है व घरेलू ही नही बल्कि सार्वजनिक स्थानों पर भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा की नौजवान सभा को देश के समस्त युवाओं को संगठित करते हुए आन्दोलन को मजबूत करने की आवश्यकता है।क्योंकि अगर बेरोजगारी के चलते ही समाज में भटकाव पैदा करने वाले अन्य सांप्रदायिक व जातिवादी स्वघोषित उन्मादी आंदोलन भी पैदा हो रहे हैं। जिसका एक उदाहरण हिमाचल प्रदेश में तथाकथित सवर्ण आयोग आंदोलन रहा है। ऐसे आंदोलनों के चलते समाज में विभाजनकारी रुझान पैदा हो रहे हैं। हिंदुओ को मुसलमानो के खिलाफ व सामान्य वर्ग को अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के खिलाफ भड़काया जा रहा है। युवाओं के जहन में डाला जा रहा है कि उन्हें जातिगत भेदभाव के चलते सामाजिक समानता के लिए दिए गए आरक्षण के कारण रोजगार नही मिल पा रहे हैं। उंन्होने कहा कि सच्चाई यह है कि बेरोजगारी के लिए सरकारों की नवउदारवादी नीतियां जिम्मेवार हैं जिसके चलते सरकार सार्वजनिक संपतियों को बेच रही है, जिससे रोजगार के साधन घट रहे हैं और निजी कंपनियां आवश्यकता से कम लोगों को रोजगार दे पा रही है जिससे लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है ।
भारत की जनवादी नोजवान सभा ( DYFI) का यह सम्मेलन 2 दिन चलेगा व 9 जनवरी, 2022 को सम्मेलन का समापन होगा। इस दौरान राज्य भर से सम्मेलन में आए प्रतिनिधि प्रदेश व देश के अंदर रोजगार की स्थिति, नशे के बढ़ते कारोबार, महिलाओं के खिलाफ बढ़ती लैंगिक उत्पीड़न की घटनाओं व देश में संविधान पर हो रहे हमलों जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा परिचर्चा करते हुए आने वाले समय के लिए रणनीति तैयार करेंगे। इस सम्मेलन द्वारा एक राज्य कमेटी का चयन भी किया जाएगा। इस सम्मेलन में राज्य भर से लगभग डेढ़ सौ लोगों ने भाग लिया