सरकारी कार्यालयों-परिसरों में ईमानदारी से करें कोविड प्रोटोकॉल का पालन : ऋग्वेद ठाकुर
1 min readमंडी, 9 नवंबर :
उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने सभी सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को कार्यस्थलों पर कोविड प्रोटोकॉल का पूरी ईमानदारी से पालन करने को कहा है। उन्होंने मंडी जिला में कोरोना की रफ्तार रोकने के लिए सरकारी कार्यस्थलों पर कर्मचारियों के एक साथ बैठकर खाना खाने व चायपान पर रोक लगाने के निर्देश दिए। जिलास्तर के सभी अधिकारियों को कहा कि वे जिला से लेकर ग्रामीणस्तर तक के अपने प्रत्येक कार्यालय के हरेक कर्मी को इन निर्देशों की कड़ाई से अनुपालन के लिए दिशानिर्देश जारी करें।
उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यस्थलों पर कोविड प्रोटोकॉल को लेकर लापरवाही व नाफरमानी हरगिज बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उपायुक्त मंडी जिला में कोरोना संक्रमण की स्थिति व बचाव के उपायों की समीक्षा के लिए बुलाई बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि जिला में शिक्षण संस्थानों में एक साथ बड़ी संख्या में अध्यापकों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के मामलों को देखते हुए संबंधित एसडीएम को इसके पीछे के कारणों का पता लगाकर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इसमें स्कूल स्टाफ द्वारा कोविड एसओपी का ठीक से पालन न करने, लापरवाही बरते जाने जैसे पहलुओं की भी छानबीन की जाएगी।
उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कोविड प्रोटोकॉल का सही तरीके से पालन सुनिश्चित बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव की सावधानियों का ठीक तरह से पालन न करने और एक साथ बैठकर चाय पीने एवं खाना खाने से संक्रमण के प्रसार का खतरा कई गुना बड़ा जाता है।
इसलिए यह बेहद जरूरी है कि कार्यस्थलों पर कोरोना से बचाव के दृष्टिगत एक दूसरे से दो गज की दूरी रखने के साथ ही लगातार मास्क पहन कर रखा जाए। इसमें लापरवाही से समस्या और विकराल हो रही है। समय समय पर हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें अथवा हाथ धोते रहें। जब तक सबके लिए कोरोना की कोई दवाई नहीं आ जाती सभी को सावधान रहने की आवश्यकता है।
लक्षण दिखने पर छुपाएं नहीं, जांच कराएं
ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि यह जरूरी है कि कोरोना का कोई भी लक्षण दिखने पर उसे छुपाएं नहीं, बल्कि जांच कराएं और खुद को और परिवार को सुरक्षित बनाएं। यह पाया गया है कि समय पर जांच करवाने एवं जल्दी रोग का पता चलने से समय पर सही ईलाज से बहुतमूल्य जीवन बचाए जा सके हैं।
युवाओं की लापरवाही घर के बुजुर्गों पर भारी
उपायुक्त ने कहा कि विश्लेषण में ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जिनमें कोरोना से संक्रमित बुजुर्गों को कोरोना संक्रमण उनके घर के युवाओं की लापरवाही से हुआ। जिला में कोरोना संक्रमित करीब 61 प्रतिशत मरीज 20 से 50 साल के बीच के हैं। लेकिन अब तक कोरोना संक्रमण से जितनी भी मौतें हुई हैं, उनमें 60 साल की आयु से अधिक और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों की संख्या सर्वाधिक है। कोरोना का संक्रमण स्वस्थ्य व युवा वर्ग के लोगों की अपेक्षा पहले से बीमारी से ग्रसित अथवा बुजुर्गों को अधिक हानि पहुंचा रहा है, इसके दुखद परिणाम भी सामने आ रहे हैं। इसलिए उनका ज्यादा ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
जब भी बाहर निकलें तो मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग रखें और घर पर भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें।
जनता से अपील
उपायुक्त ने जनता से अपील करते हुए कोविड संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने में प्रशासन का सहयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने लोगों से सामुहिक चाय पार्टियों के आयोजन न करने का आग्रह किया ।
उन्होंने कहा कि मास्क लगाना, बार-बार हाथ धोना और 2 गज की दूरी जैसे सामान्य स्वास्थ्य उपायों को आदत में शामिल कर कोरोना संक्रमण से बचाव संभव है।
2789 लोग दे चुके कोरोना को मात
बैठक में अतिरिक्त जिलादंडाधिकारी श्रवण मांटा ने जिले में कोरोना की स्थिति का विस्तृत ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि अब तक जिले में कोरोना को लेकर 42 हजार 328 सैंपल जांचे गए हैं। इनमें कुल 3896 मामले पॉजिटिव पाए गए जिनमें से 2789 लोग कोरोना को मात देकर ठीक हो चुके हैं। 46 लोगों का दुखद निधन हुआ है। जिला में वर्तमान में कोरोना के 1061 एक्टिव मामले हैं।