बच्चे और महिलाए अपने आप को कमजोर न समझे-वंदना योगी

बिलासपुर 20 अगस्त – समाजिक न्याय एंव अधिकारिता विभाग के तहत जिला बाल संरक्षण इकाई बिलासपुर द्वारा बाल सरंक्षण, किशोर न्याय, बालकों के देखभाल सरंक्षण अधिनियम 2015 के अतंर्गत जिला परिषद हाल बिलासपुर में एक दिवसीय कार्याशाला का आयोजन किया गया। कार्याशाला की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश बाल सरंक्षण आयोग की अध्यक्षा बंदना योगी ने कहा कि कार्यशाला में अनाथ व असहाय 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के बाल बालिकाओं को संरक्षण व पुनर्वासित करने के लिए हितधारकों कोे प्रशिक्षित किया गया। उन्होने कहा कि वेसहारा बच्चे और महिलाए अपने आप को कमजोर न समझे इनके सरंक्षण व सशक्तिकरण के लिए आयोग द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे है।
इस अवसर पर उन्होने कहा कि बच्चों के अधिकारों, लैंगिक अपराधों के प्रति सरंक्षण अधिनियम 2012 के प्रचार प्रसार के लिए कार्याशाला का आयोजन किया गया है। कार्याशाला में बाल सरंक्षण अधिनियम 2015 से सम्बन्धित वर्तमान केन्द्रीय सरकार द्वारा 2021 में किये गये संशोधनों की भी हितधारकों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होने कहा कि सभी हितधारकों को पोस्को एक्ट 2012 बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006, बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम 1986, बाल भिक्षा वृति अधिनियम पर और गभीरता से कार्य करने तथा अधिनियमों में समय समय पर हुए बदलाव की जानकारी सांझा की।
कार्यशाला में महिला एवम बाल विकास विभाग के सेवानिवृत सयुक्त निदेशक आर.एस. गुलेरिया ने मुख्य स्त्रोत व्यक्ति के रूप में बाल देखभाल व संरक्षण नियम 2015 की विभिन्न धाराओं, लक्ष्य समुह समेकित बाल संरक्षण योजना व सेवा वितरण संरचना, राज्य दत्तक ग्रहण एजेसी की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होने जिला बाल संरक्षण इकाई तथा जस्टिस जुवेनाईल वोर्ड के संरचना आदि पर भी विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होने अधिनियम की विभिन्न धाराओं की विस्तृत जानकारी प्र्रदान की।