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“शीतोष्ण फलों का वैज्ञानिक उत्पाद तकनीकी” पर अम्बुजा सिमेंट फाउनडेशन द्वारा एक दिवसिय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

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भा.कृ.अ.प.-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र, शिमला के बागवानी शोध फार्म, ढांड़ा नजदीक टुटू, शिमला पर दिनांक 12.11.2021 को “शीतोष्ण फलों का वैज्ञानिक उत्पाद तकनीकी” विषय पर अम्बुजा सिमेंट फाउनडेशन, दाडलाघाट, सोलन, हि.प्र. द्वारा एक दिवसिय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया ।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत डॉ. कल्लोल कुमार प्रामाणिक, अध्यक्ष, क्षेत्रीय केंद्र ने किया । डॉ. कल्लोल कुमार प्रामाणिक ने इस केंद्र मे चल रहे शोध कार्य से सबको लाभांवित होने के लिए आग्रह किया । उन्होनें शीतोष्ण फलों का वैज्ञानिक तरीके से खेती करके आय बढाने के लिये प्रेरित किया ताकि किसानों / बागवानों की आय 2022 तक दो गुणी हो जाये । इसके लिए उन्नत पौधे/ मूलवृन्त लगाना चाहिए और बागीचों के प्रबंधन के उपर ध्यान देना चाहिए ताकी पोषण युक्त तथा अधिक से अधिक पैदावार की जा सके। डॉ. कल्लोल कुमार प्रामाणिक ने “पुसा खोर” अखरोट, पुसा सेब मुलब्रिंत-101, गुठलीदार फलो मुलब्रिंत-102, पुसा अमरतारा प्राइड ब पुसा गोल्ड सेब के लिये, शिमला डेलिसियस ब जतोघ स्पेसल स्ट्रबेरी के लिये, गुठलीदार फलो एबं किवी के किस्मे का जिगर किया! डॉ. अरूण कुमार शुक्ला, प्रधान वैज्ञानिक ने वैज्ञानिक तरीके से शीतोषण फलों के पौधों को सही तरीके से उगाने के बारे में प्रकाश ड़ाला । उन्होनें कांट छाट, जेविक व रसायनिक खाद के बारे में भी जानकारी दी । डॉ. मधु पटियाल, वैज्ञानिक ने जौ उत्पादन  को  वैज्ञानिक  तकनीक पर आधारित तरीके से करने के बारे में बताया तथा अधिक से अधिक लाभ उठाने के सूझाव दिये ।  डॉ. संतोष वाटपाडे‌, वैज्ञानिक ने पौधों को बिमारियों, कीट पतंगों तथा अन्य खतरों से कैसे बचाया जाता है एवं कौन-2 सी दवाईयां तथा उनके उपयोग के बारे में जानकारी दी  । इस प्रशिक्षण शिविर में 35 से अधिक पुरुष व महिला किसानों /  बागवानों ने भाग लिया । किसानों को व्यवहारिक प्रशिक्षण इस केंद्र के तकनीकी स्टाफ द्दारा जैसे कि गड्डे बनना, खाद को मिलाना व कांट छाट के बारे मे दिया गया ।! इस कार्यक्रम डॉ. जितेंद्र कुमार की संचालन में किया गया ।

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