जनौषधि केंद्रों में महंगी ब्रांडेड दवाओं की बिक्री
1 min readशिमला, अप्रैल 22 – प्रदेश में अस्पतालों के बाहर खोले जा रहे जनौषधि केंद्रों में महंगी ब्रांडेड दवाओं बेचे जाने पर जिन पर नियमानुसार पूरी तरह पाबंदी है की शिकायत विजिलेंस ब्यूरो के पास पहुंची है।
यह जनौषधि योजना आम और गरीब लोगों को सस्ती जेनेरिक दवाएं देने के नाम पर लाई गई है। इसके लिए अस्पतालों के बाहर दुकानों को बनाने के लिए केंद्र सरकार ने मदद भी दी और शुरू में इन दुकानों में केवल सस्ती जेनेरिक दवाएं ही बिकती रहीं। अब कई दुकानों में ब्रांडेड दवाओं की बिक्री की जा रही है। इससे भारत सरकार की इस योजना पर ही सवाल खड़ा हो गया है।
कई अस्पतालों में जनौषधि केंद्रों में रोगी कल्याण समिति समिति से प्रस्ताव पास कर ब्रांडेड दवाएं बेचने की अनुमति दिलाकर केंद्रीय नियमों की अवहेलना की जा रही है। इस संबंध में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की ओर से भी हिमाचल प्रदेश सहित सभी राज्यों को बार-बार पत्र जारी किए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री भारतीय जनौषधि परियोजना और प्रधानमंत्री भारतीय जनौषधि केंद्र को किसी भी ऐसी दवा को बेचने की मंजूरी नहीं होगी, जो फार्मास्युटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया के पॉकेट में न आती हो। सभी पीएमबीआई दवाओं पर प्रधानमंत्री भारतीय जनौषधि परियोजना का लोगो होता है। इस पर एमआरपी भी लिखे होते हैं।