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500 करोड़ रुपये की हिम गंगा योजना लाएगी ग्रामीण आर्थिकी में बदलाव – संजय अवस्थी

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मलौण में राज्य स्तरीय बैखासी उत्सव समपन्न

मुख्य संसदीय सचिव (लोक निर्माण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग) संजय अवस्थी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ग्रामीण आर्थिकी में पशुधन के महत्व के दृष्टिगत प्रथम बजट में ही ‘हिम गंगा’ योजना को आरम्भ करने का निर्णय लिया है। संजय अवस्थी आज सोलन ज़िला के अर्की विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत में राज्य स्तरीय बैसाखी उत्सव के समापन समारोह को मुख्यातिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
इस उत्सव में सनातन संस्कृति का आधार सोलह संस्कार व लोकगिव संस्कार गीतों की प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई।
मुख्य संसदीय सचिव ने इससे पूर्व मलौण के प्राचीन काली माता मंदिर में शीश नवाया और सभी के सुख और समृद्धि की कामना की।
मंदिर समिति द्वारा इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 21 हजार रुपये प्रदान किए गए है।
संजय अवस्थी ने इस अवसर पर हिम कला संगम को अपनी ओर से 31 हजार रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने वाले महिला मण्डलों को 11-11 हजार रुपये प्रदान करने की घोषणा भी की। उन्होंने प्राथमिक पाठशाला मलौण के तीन नए कमरों के लिए 10 लाख रुपये देने की घोषणा भी की।
संजय अवस्थी ने इस अवसर पर कहा कि हिमाचल की आर्थिकी में कृषि एवं दुग्ध उत्पादन का महत्वपूर्ण योगदान है। इसी के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने अपने प्रथम बजट में ही हिम गंगा को आरम्भ करने का निर्णय लिया है। ‘हिम गंगा’ योजना के कार्यन्वयन पर 500 करोड़ रुपये व्यय होंगे।  योजना के तहत पशुपालकों को दूध की वास्तविक कीमत दिलाई जाएगी और दुग्ध खरीद, संसाधन तथा विपणन की व्यवस्था में व्यापक सुधार लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित बनाएगी कि विशेष रूप से गरीब वर्ग के दुग्ध उत्पादकों को दूध का उचित मूल्य प्राप्त हो।
मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पुरानी पेंशन योजना बहाल कर कर्मचारियों के हित सुरक्षित किए हैं और  वायदा पूरा किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार योजनाएं व नीतियां बनाती है परंतु उन योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने का कार्य हमारे अधिकारी व कर्मचारी करते हैं।
उन्होंने कहा कि किसी भी समाज का विकास उस समय गति पकड़ता है जब समाज एकजुट होता है। विकास के पथ पर अग्रसर होने के लिए जाति, धर्म और भेद-भाव की भावना से उपर उठकर और एकजुट होकर कार्य करना आवश्यक है।
मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम हमारी विलुप्त होती परम्परा को संजोए रखने के लिए एक सराहनीय पहल हैं। हमारी संस्कृति हमारी पहचान है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से उन लोक गायकों को मंच मिला है जो अपनी कला से हमारी संस्कृति को जिंदा रखे हुए हंै।
संजय अवस्थी ने महिला मण्डल मलौण, महिला मण्डल पलौण, दुर्गा माता स्वयं सहायता समूह सैकली, स्वयं सहायता समूह बानली ब्राह्यमणा, महिला मण्डल जोवी, कालका स्वयं सहायता समूह सैकली, लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह पट्टा, काली माँ स्वयं सहायता समूह मलौण, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लोहरघाट, सांस्कृतिक दल नाली पलौण, राजकीय प्राथमिक पाठशाला मलौण खास, ग्रीन पब्लिक स्कूल दयोथ, नृत्य दल मलौण बाल कलाकार, योग प्रशिक्षक दल सिहड़ा को सम्मानित किया।
इस अवसर पर विभिन्न कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।

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