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कोविड-19 के दौरान डिजिटल माध्यम से बताए जा रहे लोगों को उनके अधिकार

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सोलन, दिसम्बर 1 – जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण सोलन द्वारा कोविड-19 संकट में यह प्रयास किया जा रहा है कि लोगों को उनके घर पर ही आवश्यक कानूनी जानकारी उपलब्ध हो सके। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए डिजिटल माध्यम से विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। यह जानकारी जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव गुरमीत कौर ने दी।
जिला विधिक सेवाएं  प्राधिकरण द्वारा इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए डिजिटल माध्यम से जिला के विभिन्न स्थानों पर शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन जागरूकता शिविरों की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोलन के अध्यक्ष एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश भूपेश शर्मा तथा जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव गुरमीत कौर द्वारा की गई।
इन शिविरों में उपस्थित लोगांे को निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने एवं इसके लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश भूपेश शर्मा ने जिला कारागार सोलन के कैदियों से डिजिटल माध्यम से वार्ता की तथा कैदियों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान की। पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना के तहत 03 महिलाओं को 25000-25000 रुपए की राशि प्रदान की गई।
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव गुरमीत कौर ने बताया कि बाल आश्रम अर्की तथा शांति निकेतन आश्रम सुबाथू के बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं और उनके संरक्षण के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। बच्चों को मौलिक कर्तव्यों के बारे में जागरूक बनाकर इनके पालन के प्रति प्रेरित किया गया। ग्राम पंचायत टकसाल, ग्राम पंचायत भारती में विधिक जागरूकता शिविरों के माध्यम से लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता के बारे में अवगत करवाया गया। इन शिविरों में लोगों को लोक अदालत, मोटर वाहन अधिनियम की जानकारी प्रदान की गई।
गुरमीत कौर ने कहा कि सोलन जिला में बनाए गए कोविड केयर केन्द्रों में मरीजों से डिजिटल माध्यम से बातचीत की गई तथा उन्हें प्रदान की जा रही सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की गई। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत गोयला, गांगुड़ी, ढकरियाणा, बुघारकनैता में डिजिटल माध्यम से विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किए गए तथा लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम तथा मध्यस्थता व लोक अदालतों के माध्यम विभिन्न मामलों के समाधान के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
उन्होंने कहा कि सोलन जिला में स्वयंसेवियों के लिए भी एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके माध्यम से स्वयंसेवियों को बताया गया कि लोगों को किस प्रकार उनके विधिक अधिकारों के बारे में जागरूक करना है तथा कोविड-19 से बचाव के लिए प्रेरित करना है।
उन्होंने कहा कि सोलन जिला के विकास खण्ड कण्डाघाट तथा विकास खण्ड नालागढ़ की लगभग 21 पंचायतों में डिजिटल माध्यम से लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता तथा कोविड-19 से जागरूकता के बारे में प्रेरित किया गया।
ग्राम पंचायत भावगुड़ी में पंचायत प्रतिनिधियों को विधिक सेवा योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
उन्होंने कहा कि उपकार ग्राम संगठन सपरून में डिजिटल माध्यम से घरेलू हिंसा अधिनियम, मोटर वाहन अधिनियम तथा निःशुल्क कानूनी सहायता के बारे में जानकारी प्रदान की गई। ग्राम पंचायत नाहरी में उपमंडल विधिक सेवाएं समिति सोलन द्वारा मध्यस्थता के माध्यम से विभिन्न मामलों के निपटारे के बारे में लोगों को विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
उन्होंने कहा कि संविधान दिवस पर भारत के संविधान के महत्व व मौलिक कर्तव्य के बारे में भी लोगों को जागरूक किया गया। ग्राम पंचायत आंजी, कक्कड़हट्टी, कोटली में राष्ट्रीय विधिक दिवस पर डिजिटल माध्यम से कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को विभिन्न कानूनों की जानकारी प्रदान की गई। राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस पर सोलन जिला की विभिन्न ग्राम पंचायतों शहरोल, बीशा, क्वारग, सतड़ोल, गढ़खल सनावर तथा लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह कण्डाघाट में डिजिटल माध्यम से विभिन्न कानूनों की जानकारी प्रदान की गई।

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