हिम्कोस्ट के एच०पी० एनविस हब द्वारा भारत में चीता का पुनर्वास बारे जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
शिमला सितंबर 17
हिमाचल प्रदेश राज्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद (हिम्कोस्ट) के पर्यावरण सूचना प्रणाली द्वारा शिमला के 5 स्कूलों में भारत में चीता पुनर्वास परियोजना बारे जागरूकता अभियान चलाया गया| इस अभियान के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक पाठशाला कनलोग, शिमला, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पोर्टमोर, शिमला, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, छोटा शिमला राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय फागली, शिमला और जेपी सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय सोलन के विद्यार्थियों को चीता परियोजना के बारे में अवगत करवाया गया।
श्री सतपाल धीमान, संयुक्त सदस्य सचिव, हिमकॉस्ट ने बताया कि भारत में 70 साल बाद चीतों की वापसी हो रही है| उन्होंने बताया कि इस वर्ष भारत में 20 चीते लाए जा रहे हैं जिनमें से 8 चीते नामीबिया से तथा 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से लाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि भारत में चीतों की वापसी मध्यप्रदेश के वन विभाग के सहयोग से पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय कर रहा है। इस कड़ी में प्रथम चरण में 8 चीते जिनमें 5 मादा तथा 3 नर चीते हैं 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में छोड़े जाएंगे तथा 12 चीते अगले महीने कूनो नेशनल पार्क में छोड़े जाएंगे|
श्रीमती प्रियंका शर्मा प्रभारी एनविस ने जागरूकता कार्यक्रम के दौरान भारत में चीता के पुनर्वास परियोजना बारे स्कूली छात्रों को व्याख्यान प्रस्तुत किया। अपने व्याख्यान में श्रीमती प्रियंका शर्मा ने चीतों के परिचय, उनके लुप्त होने के कारण तथा पारिस्थितिकी तंत्र में उनकी महत्ता बारे जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कूनो नेशनल पार्क चीतों के पुनर्वास हेतु देश में सबसे उपयुक्त स्थल है क्योंकि यहां की जलवायु नामिबिया तथा दक्षिण अफ्रीका की जलवायु के समान है तथा वहां खुले घास के मैदान है जो चीतों के प्राकृतिक आवास स्थल है इसके अलावा यहां चीतों लिए शिकार की भी अच्छी सुविधा है क्योंकि वहां बड़ी संख्या में चिंकारा, चीतल हिरण, नीलगाय, सांभर, लंगूर इत्यादि पाए जाते हैं। इन अभियान के द्वारा लगभग 600 छात्रों को भारत में चीता पुनर्वास परियोजना बारे जागरुक किया गया| कार्यक्रम के दौरान एनविस अधिकारी श्री अजय पंवर, डॉ० ऋत्विक चौहान, श्रीमती वंदना शर्मा और श्रीमती जयप्रिया भी उपस्थित रहे।