जीवन से हारे नहीं, जिंदगी चुनें का एनसीसी कैडेट्स ने दिया संदेश
1 min readशिमला, सितंबर 20
सेवन एचपी राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) शिमला के अंतर्गत सेंट बेड्स कॉलेज शिमला के एनसीसी कैडेट्स ने बुधवार को सेंट बेडेज़ कॉलेज कैंपस से नवबहार और संजौली तक आत्महत्या रोकथाम पर एक विशेष रैली का डॉ. श्वेता ठाकुर के नेतृत्व में आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की थीम जीवन से हारे नहीं, जिंदगी चुनें रही। एनसीसी कैडेट्स ने पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ इस जन जागरूकता रैली में भाग लिया। कैडेट्स ने आत्महत्या रोकथाम बारे जनता में जागरूकता लाने के लिए आकर्षक पोस्टर और नारा लेखन के माध्यम से संदेश दिया। कैडेटों ने स्थानीय लोगों से आत्महत्या रोकथाम बारे बातचीत भी की और उन्हें आत्महत्या रोकथाम के बारे में जागरूक किया।
कैडेट्स ने लोगों को जानकारी दी कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनियाभर में हर साल करीब आठ लाख लोग छोटी-छोटी परेशानियों की बजह से आत्महत्या कर लेते है और ऐसा करने वालों में 15 से 29 साल के लोगों की तादाद सबसे ज्यादा है। कैडेट्स ने आत्महत्या के कारणों और निवारक उपायों के बारे में भी जानकारी दी कि किस तरह परेशानियों से डटकर मुकाबला मुकाबला करें और तनाव को अपने ऊपर किसी भी तरह हावी न होने दें क्योंकि जीवन में हार और निराशा को कड़ी मेहनत कर जीत और खुशी में बदलने का प्रयास करें। जीवन में उत्तर-चढ़ाव स्वाभाविक घटना है और जीवन को चुनें आत्महत्या नहीं। डॉ. श्वेता ठाकुर ने कार्यक्रम के दौरान अपने विचार रखे कि जो लोग डिप्रेशन से जूझ रहे होते हैं, वे किसी से बात नहीं कर पाते और अकेला महसूस करते हुए जिंदगी से हार जाते हैं। कई बार डिप्रेशन जब हावी होने लगे तो लोग गलत कदम उठा लेते हैं। आपके आसपास कोई अपना ऐसी किसी स्थिति में न हो, इसका ध्यान आपको भी रखना चाहिए। डिप्रेशन के कुछ संकेत होते हैं। अगर आपका कोई अपना, दोस्त, सहकर्मी या कोई और जानने वाला अगर डिप्रेशन से जूझ रहा हो तो उसके व्यवहार पर गौर करना जरूरी है। डॉ. आलोक बताते हैं कि डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों की बातों में, उनके बर्ताव में बदलाव जैसे लक्षण देखे जाते हैं।