समानता व समरसता के लिए अपना जीवन समर्पित किया बाबा साहब ने – गोविंद ठाकुर।

कुल्लू, 14 अप्रैल। भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अपना पूरा जीवन समाज में समानता व समरसता लाने के लिए समर्पित किया। वह एक महान शिक्षाविद, राजनीतिज्ञ विधिवेत्ता व अर्थशास्त्री थे। यह बात शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने आज मनाली विधानसभा के बैंची में बाबासाहेब अंबेडकर की 130वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा सैकड़ों वर्षों तक कुरीतियों की बेड़ियों में जकड़े देश में जात पात का बड़ा बोलबाला था। असमानता और समरसता का समाज में अभाव था, उन्होंने न सिर्फ ऊंच नीच को खिलाफ आवाज बुलंद की बल्कि वह समाज के हाशिए पर धकेले गए लोगों की उम्मीद बनकर भी उभरे।
उन्होंने कहा डॉ. भीमराव को भारत के संविधान निर्माण की प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया और उन्होंने सबसे पहला काम गरीबों मजदूरों व दलितों को समाज में बराबरी का दर्जा प्रदान करने के लिए किया। उनका मानना था कि कोई भी समाज तब तक उन्नत समाज नहीं बन सकता जब तक इसके नागरिकों में समानता और समरसता का वातावरण ना हो।