खेती करते किसान की मृत्यु पर 3 लाख रुपए मुआवजे का प्रावधानः वीरेंद्र कंवर
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ऊना (12 फरवरी)– किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रयासरत प्रदेश सरकार उनकी दुर्घटना के समय भी सहायता करती है। संकट की घड़ी में किसानों की मदद के लिए प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना चला रही है। यह बात ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, कृषि. मत्स्य तथा पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने आज ग्राम पंचायत बटूही में एक दिवसीय किसान प्रशिक्षण शिविर की अध्यक्षता करते हुए कही।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि जीवन सुरक्षा योजना के अंर्तगत खेती-बाड़ी करते हुए दुर्घटना की स्थिति में किसान की मृत्यु पर परिवार को तीन लाख रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यही नहीं, योजना के तहत घायल होने पर भी 1 लाख से 10 हजार तक मुआवजे का प्रावधान है। स्थाई रूप से रीढ़ की हड्डी टूटने पर एक लाख रुपए, दोनों बाजू या दोनों टांगें या एक बाजू व एक टांग के पूर्ण रूप से कटने पर 40,000 रूपए, एक बाजू या टांग या चार उगलियां कटने पर 30,000 रूपए, एक से तीन उगंली के पूर्ण रूप से कट जाने पर 20,000 रूपए और आंशिक रूप से उंगली व अंगूठा कटने पर 10,000 रूपए की राशि सहायता के रूप में प्रदान की जाती है।
प्राकृतिक खेती अपनाने के फायदे अनेक
शिविर के दौरान कृषि मंत्री ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को अपना कर हम न सिर्फ रसायनों से मुक्त हो सकते हैं, बल्कि कृषि खर्च भी कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों को पारंपरिक खेती छोड़कर कैश क्रॉप की ओर जाना चाहिए, ताकि उन्हें अधिक लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में खेती-बाड़ी में राष्ट्रीय स्तर के मुकाबले एक प्रतिशत अधिक रसायनों का इस्तेमाल हो रहा है, जो चिंताजनक है।
घंडावल मैदान के लिए 15 लाख रुपए की घोषणा
वीरेंद्र कंवर ने घंडावल में खेल का मैदान बनाने के लिए 15 लाख रुपए देने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत निर्माण सेवा केंद्र तथा नए पंचायत घर के लिए भी 10-10 लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे।
किसानों को बांटे बीज किट
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने प्रशिक्षण शिविर के दौरान किसानों को निशुल्क बीज किट भी वितरित किए। जिसमें गर्मियों के मौसम में उगने वाली 12 तरह की सब्जियों के बीज शामिल रहे।