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जाइका परियोजना ने दिले राम को दिखाई आत्म निर्भरता की राह

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हमीरपुर 12 फरवरी –  जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी यानि जाइका के सहयोग से चलाई जा रही फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना ने किसानों-बागवानों के लिए एक नई उम्मीद पैदा की है। कोरोना काल में जहां कई लोगों को रोजी-रोटी के संकट का सामना करना पड़ा, वहीं जाइका परियोजना ने इस आपदा में भी हमीरपुर जिला के कई किसानों को आत्म निर्भरता की राह दिखाई है।

कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए आत्म निर्भरता के मंत्र को आत्मसात करते हुए ये किसान-बागवान अब जाइका परियोजना की मदद से अपनी थोड़ी सी जमीन पर नकदी फसलें उगाकर अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं। इन्हीं किसानों में से एक हैं गांव जमली के दिले राम।

मात्र 0.20 हैक्टेयर जमीन के मालिक दिले राम को खेती से नाममात्र आय होती थी। इतनी कम जमीन से परिवार का गुजारा करना नामुमकिन था। गांव के अन्य किसानों की हालत भी दिले राम जैसी ही थी, लेकिन जाइका के अंतर्गत गांव में फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना लागू होने के बाद खेती की तस्वीर कुछ बदलने लगी। परियोजना के तहत गांव जमली की करीब 9.55 हैक्टेयर कृषि भूमि के लिए उठाऊ सिंचाई योजना का निर्माण किया गया। गांव के लगभग 35 कृषक परिवारों को इस उठाऊ सिंचाई योजना का सीधा लाभ हुआ। सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के बाद जाइका परियोजना के अधिकारियों और कृषि वैज्ञानिकों ने गांव के किसानों को सब्जी उत्पादन के लिए प्रेरित किया।

किसानों को नकदी फसलों की खेती के लिए प्रशिक्षित करने के साथ-साथ उन्हें उन्नत किस्म के बीज एवं पौध, खाद, कृषि उपकरण तथा मशीनरी इत्यादि उपलब्ध करवाई गई। जाइका परियोजना से इस तरह की आधुनिक सुविधाएं मिलने के बाद जमली के किसान नकदी फसलों की खेती की ओर अग्रसर हुए।

दिले राम ने भी अपनी 0.20 हैक्टेयर भूमि पर सब्जियां लगानी शुरू कीं। इसी बीच, पिछले खरीफ सीजन से ठीक पहले कोरोना का प्रकोप शुरू हो गया। संकट के इस दौर में भी दिले राम ने हार नहीं मानी और इस आपदा को एक बेहतर अवसर मानते हुए उन्होंने खीरा, भिंडी, टमाटर, करेला और अगेती गोभी लगाई। दिले राम की यह मेहनत खूब रंग लाई और उनकी थोड़ी सी जमीन पर ही भरपूर फसल हुई। लॉकडाउन की पाबंदियों के दौरान उन्होंने आस-पास के गांवों को भी सब्जियों की सप्लाई की। एक सीजन में ही दिले राम को इन सब्जियों से लगभग पौने दो लाख रुपये की आय हुई।

इस प्रकार जाइका परियोजना ने लघु किसान दिले राम को आत्म निर्भरता की राह दिखाई और अब उन्होंने सब्जी उत्पादन के लिए अन्य लोगों की जमीन भी किराये पर ले ली है। दिले राम की सफलता को देखते हुए गांव के अन्य किसानों वतन सिंह, नरेंद्र कुमार, प्रीतम सिंह और जगदीश चंद भी नकदी फसलों की ओर अग्रसर हो रहे हैं।

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