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राजकीय माध्यमिक पाठशाला ग्राहणा में स्मार्ट स्क्रीन से पढ़ाई कर रहे छात्र

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सरकारी अधोसंरचना, अध्यापकों की प्रतिबद्धताजन-सहयोग से बदला पढ़ाई का तरीका

स्मार्ट क्लास से छात्रों में उत्सुक्ताबच्चों को उपलब्ध करवाई जा रही उत्तम पठन सामग्री

आनी क्षेत्र के किसी भी माध्यमिक विद्यालय में संभवत पहला स्मार्ट क्लासरूम

आनी,

सरकारी अधोसंरचना को आधार बनाकर राजकीय माध्यमिक पाठशाला ग्राहणा के अध्यापकों ने पढ़ाने और पढ़ने का तरीका बदल दिया है। पढ़ाने के परंपरागत तरीके को छोड़कर अध्यापकों ने जन सहयोग से पाठशाला में स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किया है जो बच्चों के सीखने और पढ़ने के अनुभव को बेहतर बना रहा है। आनी क्षेत्र में जन सहयोग से किसी माध्यमिक पाठशाला में स्थापित यह पहला स्मार्ट क्लासरूम है जहां बच्चों की अधिकतर कक्षाएं स्मार्ट स्क्रीन पर लगाई जा रही हैं।

स्मार्ट क्लासरूम को स्थापित करने के लिए अध्यापकों के सामने स्मार्ट स्क्रीन स्थापित करने की चुनौती थीऐसे में स्कूल के साथ लगते टोगी गांव के पथ परिवहन निगम से सेवानिवृत क्षेत्रीय प्रबंधक गुरवचन सिंह आगे आए। उन्होंने अध्यापकों की प्रतिबद्धता को देखते हुए स्मार्ट स्क्रीन स्कूल के लिए दान की। इसके पश्चात अध्यापकों ने इंटरनेट का अपने स्तर पर प्रबंध किया। ऐसे में अब प्रतिदिन छात्रों को स्मार्ट स्क्रीन पर पठन सामग्री उपलब्ध हो रही है।

पढ़ाई के इस अनूठे तरीके के लिए के लिए स्कूल के प्रभारी कला स्नातक सुरेंद्र कुमार और विज्ञान कला स्नातक जय सिंह के विशेष प्रयास रहे हैं। कला अध्यापक राजेंद्र सिंह और शास्त्री कल्पना ठाकुर ने भी इस कार्य में पूरा सहयोग दिया है। विजुअल तरीके से पढ़ने और पढ़ाने से छात्रों की उत्सुकता पढ़ाई को लेकर बढ़ गई है। अध्यापकों द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि सभी प्रमुख कक्षाओं की पठन सामग्री ऑनलाइन बच्चों को उपलब्ध करवाई जाए और बच्चों को विजुअल लर्निंग के माध्यम से पढ़ाया जाए। पाठशाला में तीन कक्षाओं में 20 छात्र हैं। अध्यापकों का प्रयास है कि बच्चों के सीखने का क्रम बेहतर हो।

विज्ञान, गणित और भाषा पर फोकस

पाठशाला में विज्ञान की पढ़ाई प्रतिदिन स्मार्ट स्क्रीन पर करवाई जा रही है। पाठशाला से वर्ष 2017 के बाद हर साल इंस्पायर मानक अवार्ड के लिए छात्रों का चयन हो रहा है। एक छात्र शिवांश का चयन राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए भी हुआ है। अध्यापकों का प्रयास है कि छात्रों के लिए जल्द भाषा प्रयोगशाला स्थापित की जाए ताकि हिंदीअंग्रेजी भाषा का उच्चारण में छात्रों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

 

वैदिक गणित से हल हो रहे कठिन प्रश्न

गणित की कक्षाएं ऐबेक्स के माध्यम से पढ़ाई जा रही हैं। वैदिक गणित मुश्किल जोड़-घटाव बच्चों द्वारा चुटकियों में हल किया जा रहा है। स्मार्ट क्लास रूम स्थापित होने के पश्चात गणित और विज्ञान की पढ़ाई में लगातार सुधार का क्रम जारी है। अध्यापक विज्ञान स्नातक जय सिंह की प्रतिबद्धता के चलते ये संभव हुआ है। स्थानीय व्यवसायी एवं समाजसेवी सुरजीत सिंह चौहान ने गणित विषय के लिए ऐबेक्स उपलब्ध करवाया है। आगामी समय में भी वह स्कूल के लिए विभिन्न प्रकार से सहयोग करने की चाह रखते हैं। उन्होंने कक्षाओं के लिए मैट की व्यवस्था भी की है। अध्यापकों के प्रयास को देखते हुए  अभिभावक सतीश कुमार ने 5 हजार की राशि भी स्कूल के लिए सहयोग के तौर पर दी है।

 

अधोसंरचना में होगा सुधार

शिक्षा विभाग की तरफ से हाल ही में स्कूल में अधोसंरचना के सुधार के लिए 1.50 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है। इससे स्कूल प्रबंधन में आसानी होगी। स्कूल में छात्रों के लिए हाल ही में कबड्डी के मैट्स शिक्षा विभाग द्वारा उपलब्ध करवाए गए हैं ताकि पढ़ाई के साथ खेल कूद में भी छात्र आगे बढ़ सकें।

 

स्मार्ट स्क्रीन से पढ़ाई करवाने वाला संभवत पहला स्कूल

स्मार्ट स्क्रीन से इंटरनेट के माध्यम से पढ़ाई करवाने वाला राजकीय माध्यमिक पाठशाला ग्राहणा संभवत आनी क्षेत्र का पहला माध्यमिक विद्यालय है। अध्यापकों ने अपने स्तर पर जन सहयोग के माध्यम से छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए ये कदम उठाया है। स्कूल के प्रभारी कला स्नातक सुरेंद्र कुमारविज्ञान स्नातक जयसिंह का कहना है कि छात्रों की बेहतर पढ़ाई के लिए लगातार प्रयासरत रहेंगे। स्मार्टक्लास रूम से छात्रों को बेहतर पठन सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए वे प्रतिबद्ध है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि आगामी समय में इसके परिणाम अवश्य देखने को मिलेंगे।

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