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माननीय मुख्यमंत्री द्वारा सदन में दिया बजट जवाब

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अध्यक्ष महोदय, मेरे द्वारा 4 मार्च, 2022 को इस सदन को संस्तुतित बजट प्रस्तावों पर चर्चा में कुल 49 माननीय सदस्यों ने भाग लिया, जिसमें भाजपा के 25 सदस्य, कांग्रेस के 22 सदस्य, सी.पी.आई. (एम) के एक सदस्य तथा एक निर्दलीय सदस्य षामिल है। सभी माननीय सदस्यों ने बढ़-चढ़ कर चर्चा में भाग लिया तथा सदन में अपने विचार एवं सुझाव रखे। जहाँ इस बजट अधिकाँष माननीय विधायकों का भरपूर समर्थन मिला है वहीं कुछ माननीय विधायकों द्वारा इस बजट की तथ्यहीन आलोचना भी की गई है।
अध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से माननीय सदस्यों का ध्यान बजट दस्तावेज़ों की प्रमाणिकता की ओर आकर्शित करते हुए कहना चाहूँगा कि माननीय सदन में प्रस्तुत बजट में प्रत्येक आँकड़े तथा सूचना के प्रति सरकार उत्तरदायी है। ऐसे में कुछ माननीय सदस्यों द्वारा बजट को बिना किसी सबूत के ‘झूठ का पुलिंदा’ कहना अषोभनीय है।
वर्तमान सरकार की बढ़ती लोकप्रियता इस ओर संकेत करती है कि वर्तमान सरकार द्वारा प्रस्तुत पाँचों बजटों में समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखते हुये प्रदेष में विकास की प्रक्रिया को समावेषी बनाया गया है। चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा की गई आलोचना तथ्यों पर आधारित नहीं है।
अध्यक्ष महोदय, हमारी सरकार द्वारा पिछले 4 वर्शों में जो नई योजनायें घोशित की हैं उनमें से लगभग सभी योजनायें धरातल पर उतारी गईं हैं तथा इन योजनाओं का लाभ प्रदेष की जनता के सभी वर्गों को सीधे रूप से मिल रहा है। हमारी सरकार द्वारा घोशित योजनाओं के अन्तर्गत प्राप्त की गईं उपलब्धियों में से कुछ का ब्यौरा निम्न प्रकार से हैः-
हमारी सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा दायरे में अभूतपूर्व विस्तार किया गया है। 2017-18 में सामाजिक सुरक्षा लाभार्थियों की संख्या लगभग 4 लाख 25 हजार थी जो कि 2022-23 में बढ़कर साढ़े सात लाख हो जाएगी। हमारी सरकार ने वृद्धावस्था पैंषन की आयु को 80 वर्श से घटाकर बिना किसी आय सीमा के 60 वर्श किया है। इसी के साथ सामाजिक सुरक्षा पैंषन में अप्रत्याषित वृद्धि की है। 2017 में जहाँ इस योजना पर 450 करोड़ रुपये व्यय किये जाते थे वही 2022-23 में इस योजना पर लगभग 13 सौ करोड़ रुपये व्यय किये जाएंगे। बजट अभिभाशण में वर्णित 40 हजार वे अतिरिक्त आवेदक हैं जो बजट में घोशित बदलावों से पूर्व के आवेदक हैं। बजट में घोशणाओं के लागू होते ही 2022-23 में लगभग एक लाख अतिरिक्त लाभार्थियों को इस योजनाओं का लाभ मिल पाएगा।
अध्यक्ष महोदय, 2 वर्श पूर्व हमारी सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के सभी लम्बित पात्र आवेदकों को आवासीय सुविधा प्रदान करने का संकल्प लिया था। इसी संकल्प को पूरा करने हेतु किये गये प्रयासों के तहत पिछले 2 वर्शों में लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से अनुसूचित जाति तथा अन्य वर्गों के लगभग 22 हजार लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है। 2022-23 में अनुसूचित जाति वर्ग के षेश बचे 7 हजार 628 लाभार्थियों को भी लाभान्वित कर दिया जाएगा।
‘मुख्यमन्त्री स्वावलम्बन योजना’ के अन्तर्गत लगभग 2 हजार 231 इकाईयों के लिए 85 करोड़ रुपये की अनुदान राषि वितरित की गई है। 2022-23 के बजट अभिभाशण में इस योजना के अन्तर्गत सभी महिलाओं को मिलने वाला उपदान बढ़ाकर 35 प्रतिषत तथा अनुसूचित जाति एवं जन-जाति और दिव्यांगजन लाभार्थियों को पहली बार 30 प्रतिषत उपदान की घोशणा की गई है।
हिमकेयर योजना के अन्तर्गत 5 लाख 13 हजार परिवारों को कार्ड जारी किये गए हैं तथा जनवरी, 2022 तक 2 लाख 27 हजार लाभार्थियों को लगभग 201 करोड़ रुपये की निःषुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्रदान किया गया है। 2022-23 से इस योजना के अन्तर्गत होने वाला पंजीकरण पूरा साल करवाया जा सकेगा तथा एक बार का पंजीकरण 3 वर्श तक के लिए मान्य होगा। इसके साथ ही प्रदेष की कारागारों में बन्दियों को भी इस योजना के अन्तर्गत कवर किया जाएगा।
‘हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना’ के अन्तर्गत हमारी सरकार द्वारा कुल 3 लाख 24 हजार पात्र परिवारों को निःषुल्क गैस कनेक्षन उपलब्ध करवाये हैं तथा प्रदेष को धुआँ मुक्त राज्य बनाया गया है। आगामी वर्शों में भी सभी पात्र परिवारों को इस योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया जाएगा तथा 2022-23 से इस योजना के तहत मिलने वाले निःषुल्क सिलेंडरों की संख्या को बढ़ाकर 3 कर दिया गया है।
अध्यक्ष महोदय, 2021-22 में हिमाचल प्रदेष पहला ऐसा राज्य है जिसने कि जल जीवन मिषन के अन्तर्गत भारत सरकार से चौथी किष्त प्राप्त की है। इस योजना के कार्यान्वयन से 2022 के अन्त तक ग्रामीण क्षेत्र के सभी परिवारों तक पेयजल उपलब्धता सुनिष्चित कर दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि पिछले 72 सालों में केवल 7 लाख 63 हजार नल कनेक्षन लगाये गये जबकि हमारी सरकार के पिछले 2 वर्शों में ही 8 लाख 35 हजार नल कनेक्षन लगाये जा चुके हैं।
हमारी सरकार द्वारा प्रथम मन्त्रिमण्डल बैठक में ही गौ-सेवा का संकल्प लिया गया था। गौषालाओं तथा ब्वू ैंदबजनंतपमे में जहाँ गौ-वँष की संख्या केवल 6 हजार थी आज वह बढ़कर 20 हजार हो गई है। गौ-वँष सेवा को प्रोत्साहित करने के उद्देष्य से 2022-23 से ‘गोपाल’ नाम की व्यवस्था के अन्तर्गत निजी गौ-सदनों को 700 रुपये प्रति गाय प्रतिमाह अनुदान दिया जाएगा। इसी के साथ पषुओं को छोड़ने की प्रवृति की रोकथाम के लिए कड़े प्रावधानों के साथ कानून भी बनाया जाएगा।
2018-19 में आरम्भ की गई ‘प्राकृतिक खेती खुषहाल किसान’ योजना के अन्तर्गत 1 लाख 60 हजार किसानों की 23 हजार एकड़ भूमि को प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत लाया जा चुका है। इससे उनकी लागत में भी कमी आई और साथ ही 12 प्रतिषत से लेकर 64 प्रतिषत तक आय में वृद्धि हुई। 2022-23 के अन्त तक 50 हजार एकड़ भूमि को प्राकृतिक कृशि के अधीन लाया जाएगा तथा प्राकृतिक कृशि उत्पाद की बमतजपपिबंजपवद सुनिष्चित करने के बाद उन्हें बेचने के लिए बाजार भी उपलब्ध करवाये जाएंगे।
‘हिमाचल पुश्प क्रान्ति योजना’ के अन्तर्गत 58 हजार 561 वर्गमीटर में पॉली हाऊस बनाकर 114 बागवानों को फूल उगाने के लिए सहायता प्रदान की गई है। 2022-23 में आर्केड और अन्य सजावटी पौधों को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस पर 11 करोड़ रुपये व्यय किये जाएंगे।
अध्यक्ष महोदय, पिछली सरकार के पाँच वर्शों की तुलना में हमारी सरकार के कार्यकाल के 4 वर्शों में ही 33 किलोमीटर अधिक जीप योग्य सड़कों, 660 किलोमीटर अधिक मोटर योग्य सड़कों,
1 हजार 8 किलोमीटर अधिक पक्की सड़कों तथा 13 अधिक पुलों का निर्माण किया जा चुका है। 2022-23 में घोशित लक्ष्यों को भी हमारी सरकार द्वारा पूरा किया जाएगा।
2021-22 में कौषल विकास भत्ता योजना के अन्तर्गत 38 हजार 275 लाभार्थियों को 18 करोड़ रुपये, औद्योगिक कौषल विकास भत्ता योजना के अन्तर्गत 2 हजार 532 लाभार्थियों को 2 करोड़ रुपये की राषि तथा 66 हजार 280 लाभार्थियों को 39 करोड़ रुपये की राषि बेरोज़गारी भत्ता के रूप में दी गई है।
हमारी सरकार द्वारा भरसक प्रयास किये गए कि कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदेष वासियों विषेशकर निम्न आय वर्ग के कामगारों तथा व्यवसायियों के जीवन यापन पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। इसके लिए हमारी सरकार द्वारा निम्न सहायता प्रदान की गई।
परिवहन क्षेत्र में टोकन टैक्स, स्पैषल रोड टैक्स तथा यात्री और माल कर में 153 करोड़ रुपये की सहायता।
निजी बस ऑपरेटरों को 5 साल के लिये पदजमतमेज ेनइअमदजपवद पर ऋण।
पर्यटन क्षेत्र के उद्यमियों के लिये 5 वर्श के लिये पदजमतमेज ेनइअमदजपवद पर ऋण।
1 लाख 16 हजार किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 19 करोड़ 67 लाख रुपये की धनराषि प्रदान की गई।
कोविड से लड़ने के लिये प्रथम तथा दूसरी डोज़ का सफल टीकाकरण।
ऐसे व्यक्ति जिनकी मृत्यु कोविड-19 से हुई परन्तु उनकी प्रधानमन्त्री गरीब कल्याण योजना में पात्रता नहीं थी को 50 लाख रुपये का बीमा कवर।
स्वर्ण जयन्ती आश्रय योजना के अन्तर्गत 12 हजार लाभार्थियों को मकान के लिये सहायता राषि दी गई।
कोविड रोगियों को होम आईसोलेषन में बेहतर उपचार के लिये ब्लॉक स्तर पर मोबाईल टीमों का गठन।
मेरे सहित सभी कैबिनेट सहयोगियों द्वारा एक माह का वेतन मुख्यमन्त्री कोविड कोश में दिया गया।
मैं प्रदेष के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कुछ दिनों का वेतन तथा 18 माह का मंहगाई भत्ता कोविड कोश में देने के लिये आभार व्यक्त करता हूँ।
कोविड से मृत व्यक्तियों के दाह संस्कार के लिये आवष्यक सहायता प्रदान की गई।
बच्चों की पढ़ाई को जारी रखने के लिये 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिये दूरदर्षन ज्ञानषाला के माध्यम से ऑनलाईन कक्षाओं का प्रावधान किया गया।
षहरी क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओं के लिये मुख्यमन्त्री षहरी रोजगार गारंटी योजना आरम्भ की गई।
सामाजिक सुरक्षा पैंषन के लाभार्थियों, पैरावर्कर्ज़ तथा अन्य कर्मियों/कर्मचारियों के लिये संषोधित दरों से त्वरित रूप से राषि का वितरण।
2022-23 के बजट में 10 नई योजनाओं का प्रस्ताव किया गया है जिनके माध्यम से प्रदेष के हर वर्ग के व्यक्ति को लाभ पहुँचाने का प्रयास है। अध्यक्ष महोदय, उपरोक्त से स्पश्ट है कि हमारी सरकार द्वारा आरम्भ की गईं सभी योजनायें धरातल पर उतरी हैं तथा इनका लाभ प्रदेष की जनता तक पहुंचाया जा रहा है।
कांग्रेस की पिछली सरकार के कार्यकाल के प्रथम 4 वर्शों तथा वर्तमान सरकार के प्रथम 4 वर्शों के तुलनात्मक विवरण
अध्यक्ष महोदय, मैं माननीय सदन का ध्यान कांग्रेस की पिछली सरकार के कार्यकाल के प्रथम 4 वर्शों तथा वर्तमान सरकार के प्रथम 4 वर्शों के तुलनात्मक विवरण की ओर आकर्शित करना चाहूंगाः-
वार्शिक योजना परिव्यय
च्संदध्क्मअमसवचउमदज ठनकहमज व्नजसंले
;₹ पद बतवतमद्ध
च्तमअपवने ळवअजण्
च्तमेमदज ळवअजण्
2013.14
4100ण्00
2018.19
6300ण्00
2014.15
4400ण्00
2019.20
7100ण्00
2015.16
4800ण्00
2020.21
7900ण्00
2016.17
5200ण्00
2021.22
9405ण्00
2017.18
5700ण्00
2022.23
9524ण्00
ज्वजंस
24200ण्00
ज्वजंस
40229ण्00

पिछली सरकार के पाँच वर्शोंं के दौरान कुल 24 हजार 200 करोड़ रुपये के योजना परिव्ययों का प्रावधान किया गया।
वर्तमान सरकार के पाँच वर्शों के दौरान 40 हजार 229 करोड़ रुपये के योजना परिव्ययों का प्रावधान किया गया जो कि लगभग दोगुना है। यह प्रदेष के तीव्र विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्षाता है।

विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना
टज्ञटछल् ।ससवबंजपवदे
;₹पद बतवतमद्ध
च्तमअपवने ळवअजण्
च्तमेमदज ळवअजण्
2013.14
0ण्50
2018.19
1ण्25
2014.15
0ण्50
2019.20
1ण्50
2015.16
0ण्75
2020.21
1ण्75
2016.17
1ण्00
2021.22
1ण्80

पूर्व की सरकार ने अपने प्रथम चार वर्शों के कार्यकाल में इस आवंटन के तहत 50 लाख रूपये की वृद्धि की थी।
इसके विपरीत वर्तमान सरकार ने अपने प्रथम के चार वर्शों के कार्यकाल में 55 लाख रूपये की वृद्धि की है।

 

नाबार्ड के तहत विधायक स्कीमों हेतु प्रति निर्वाचन क्षेत्र की सीमा बारे।
पूर्व की सरकार ने अपने प्रथम चार वर्शों के कार्यकाल के दौरान इस सीमा में 38 करोड़ रूपये की वृद्धि की थी।
वर्तमान सरकार ने अपने प्रथम के चार वर्शों के कार्यकाल में इस सीमा को 55 करोड़ रूपये बढ़ाया है।
च्मत ब्वदेजपजनमदबल स्पउपज नदकमत छ।ठ।त्क् वित डस्।ेष् ैबीमउमे ;₹पद बतवतमद्ध
।ससवबंजपवदे नदकमत छ।ठ।त्क् वित डस्।ेष् ैबीमउमे ;₹पद बतवतमद्ध
च्तमअपवने ळवअजण्
च्तमेमदज ळवअजण्
च्तमअपवने ळवअजण्
च्तमेमदज ळवअजण्
2013.14
.
2018.19
90ण्00
2013.14
423ण्50
2018.19
653ण्00
2014.15
32ण्00
2019.20
105ण्00
2014.15
393ण्50
2019.20
735ण्00
2015.16
50ण्00
2020.21
120ण्00
2015.16
459ण्22
2020.21
833ण्70
2016.17
70ण्00
2021.22
135ण्00
2016.17
505ण्08
2021.22
951ण्67

 

 

 

ज्वजंस
1781ण्30

3173ण्37

नाबार्ड के अन्तर्गत विधायक प्राथमिकता योजनाओं पर परिव्यय
पूर्व की सरकार ने अपने प्रथम चार वर्शों के कार्यकाल में विधायक प्राथमिकता योजनाओं के लिए कुल 1 हजार 781 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था।
जबकि वर्तमान सरकार ने अपने प्रथम चार वर्शों के कार्यकाल में विधायक प्राथमिकता योजनाओं के लिए कुल 3 हजार 173 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

नाबार्ड के अन्तर्गत विधायक प्राथमिकता योजनाओं के तहत स्वीकृतियां
।उवनदज नदकमत छ।ठ।त्क् ेंदबजपवदे
;₹पद बतवतमद्ध
छ।ठ।त्क् ेंदबजपवदे
;पद छवण्द्ध
च्तमअपवने ळवअजण्
च्तमेमदज ळवअजण्
च्तमअपवने ळवअजण्
च्तमेमदज ळवअजण्
2013.14
561ण्27
2018.19
630ण्25
2013.14
142
2018.19
204
2014.15
766ण्50
2019.20
825ण्30
2014.15
161
2019.20
184
2015.16
705ण्69
2020.21
926ण्24
2015.16
170
2020.21
251
2016.17
605ण्74
2021.22
1012ण्61
2016.17
125
2021.22
187
ज्वजंस
2639ण्20

3394ण्40

598

826

पूर्व सरकार के प्रथम चार वर्शों के कार्यकाल के दौरान नाबार्ड से विधायक प्राथमिकता की 2 हजार 639 करोड़ रुपये की लागत से 598 योजनायें स्वीकृत हुई थीं।
वर्तमान सरकार ने अपने प्रथम चार वर्शों के कार्यकाल के दौरान नाबार्ड से विधायक प्राथमिकता की 3 हजार 394 करोड़ रुपये की लागत से 826 योजनायें स्वीकृत करवाई हैं।
उपरोक्त तुलनात्मक आँकड़े हमारी सरकार की तीव्र और समावेषी विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्षाते हैं।

प्रमुख क्षेत्रों में तुलनात्मक परिव्यय
अध्यक्ष महोदय, माननीय नेता प्रतिपक्ष द्वारा कहा गया कि हमारी सरकार विकास के विभिन्न कार्यक्रमों के अन्तर्गत व्यय करने में असफल रही है। मैं इस सन्दर्भ में कुछ तुलनात्मक आंकड़े प्रस्तुत करना चाहूँगा जो स्वयं ही इस बात की ओर संकेत करेंगे कि हमारी सरकार ने किस प्रकार विकास के लिये सभी आवष्यक प्रयास किये हैं।

;त्ेण् पद बतवतमद्ध
ैतण् छवण्
ैमबजवतध्क्मचंतजउमदज
ज्वजंस वनजसंले इमजूममद 2013.14 ंदक 2016.17
ज्वजंस वनजसंले इमजूममद 2018.19 ंदक 2021.22
च्मतबमदजंहम पदबतमंेमक
1ण्
भ्मंसजी
5244
10195
94ण्42
2ण्
च्नइसपब ॅवतो
10430
17131
64ण्25
3ण्
म्कनबंजपवद
19203
30683
59ण्78
4ण्
त्क् – च्त्
3868
6867
77ण्54
5ण्
भ्वउम
3448
6545
89ण्81
6ण्
।हतपबनसजनतम
1634
2480
51ण्74
7ण्
।दपउंस भ्नेइंदकतल
1197
1819
51ण्97
8ण्
भ्वतजपबनसजनतम
908
2016
122ण्00
9ण्
श्रंस ैींाजप
7293
11920
63ण्44

 

 

 

पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि के मानदेय में बढ़ौतरी
अध्यक्ष, जिला परिशद को 3,000 रुपये बढ़ौतरी के साथ 15,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 7,000 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई।
उपाध्यक्ष, जिला परिशद को 2,000 रुपये बढ़ौतरी के साथ 10,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 4,000 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई।
सदस्य, जिला परिशद को 1,000 रुपये बढ़ौतरी के साथ 6,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 2,500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई।
अध्यक्ष, पंचायत समिति को 2,000 रुपये बढ़ौतरी के साथ 9,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 4,000 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई।
उपाध्यक्ष, पंचायत समिति को 1,500 रुपये बढ़ौतरी के साथ 6,500 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 3,000 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई।
सदस्य, पंचायत समिति को 1,000 रुपये बढ़ौतरी के साथ 5,500 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 2,500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई।
प्रधान, ग्राम पंचायत को 1,000 रुपये बढ़ौतरी के साथ 5,500 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 2,500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई।
उप-प्रधान, ग्राम पंचायत को 500 रुपये बढ़ौतरी के साथ 3,500 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 1,300 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई।
सदस्य, ग्राम पंचायत को 50 रुपये बढ़ौतरी के साथ 300 रुपये प्रति ग्राम पंचायत बैठक हेतु मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 75 रुपये प्रति बैठक की वृद्धि की गई।
षहरी निकायों के प्रतिनिधि के मानदेय में बढ़ौतरी
महापौर, नगर निगम को 3,000 रुपये बढ़ौतरी के साथ 15,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 7,000 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
उप-महापौर, नगर निगम को 1,500 रुपये बढ़ौतरी के साथ 10,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 4,000 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
काउंसलर, नगर निगम को 1,000 रुपये बढ़ौतरी के साथ 6,500 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 2,500 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
अध्यक्ष, नगर परिशद को 1,500 रुपये बढ़ौतरी के साथ 8,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 4,000 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
उपाध्यक्ष, नगर परिशद को 1,000 रुपये बढ़ौतरी के साथ 6,500 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 3,000 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
पार्शद, नगर परिशद को 500 रुपये बढ़ौतरी के साथ 3,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 1,300 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
प्रधान, नगर पंचायत को 1,000 रुपये बढ़ौतरी के साथ 6,500 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 3,000 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
उप-प्रधान, नगर पंचायत को 1,000 रुपये बढ़ौतरी के साथ 5,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 2,200 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
सदस्य, नगर पंचायत को 500 रुपये बढ़ौतरी के साथ 3,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 1,500 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।

पैरावर्कर्ज़ के मानदेय में बढ़ौतरी
आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 1,700 रुपये की बढ़ौतरी के साथ अब 9,000 रुपये मासिक मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके हमारी सरकार द्धारा अपने वर्तमान कार्यकाल में 4,550 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई।
मिनि आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मासिक 900 रुपये बढ़ौतरी के साथ अब 6,100 रुपये मिलेंगे। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके हमारी सरकार द्वारा अपने वर्तमान कार्यकाल में 3,100 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
आँगनवाड़ी सहायिका को प्रतिमाह 900 रुपये की बढ़ौतरी के साथ अब 4,700 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके हमारी सरकार द्वारा अपने वर्तमान कार्यकाल में 2,600 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
आषा वर्कर को 1,825 रुपये की बढ़ौतरी के साथ 4,700 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके हमारी सरकार द्वारा अपने वर्तमान कार्यकाल में 3,700 रुपये की प्रतिमाह बढ़ौतरी की गई। इसके अतिरिक्त आषा वर्कर को भारत सरकार का अँषदान तथा प्दबमदजपअमे दिये जाने का भी प्रावधान है।
सिलाई अध्यापिकाओं को 900 रुपये बढ़ौतरी के साथ 7,950 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके हमारी सरकार द्वारा अपने वर्तमान कार्यकाल में 1,650 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
मिड डे मील वर्कर्ज़ को 900 रुपये बढ़ौतरी के साथ 3,500 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके हमारी सरकार द्वारा अपने वर्तमान कार्यकाल में 2,000 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
वाटर कैरियर (षिक्षा विभाग) को 900 रुपये बढ़ौतरी के साथ 3,900 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके हमारी सरकार द्वारा अपने वर्तमान कार्यकाल में 2,000 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
जल रक्षक को 900 रुपये बढ़ौतरी के साथ 4,500 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके हमारी सरकार द्वारा अपने वर्तमान कार्यकाल में 2,800 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
हाल ही में नियुक्त हुये जल षक्ति विभाग के डनसजप च्नतचवेम ॅवतामते को 900 रुपये बढ़ौतरी के साथ 3,900 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे।
पैरा फिटर तथा पम्प-ऑपरेटर को 900 रुपये बढ़ौतरी के साथ 5,500 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके हमारी सरकार द्वारा अपने वर्तमान कार्यकाल में 2,500 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
दिहाड़ीदारों को 50 रुपये बढ़ौतरी के साथ 350 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी मिलेगी। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके हमारी सरकार द्वारा अपने वर्तमान कार्यकाल में न्यूनतम 140 रुपये प्रतिदिन अर्थात् 4,200 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
इसके साथ हमारी सरकार के कार्यकाल में आउटसोर्स कर्मियों की दिहाड़ी में न्यूनतम 4,200 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी हो जाएगी। प्रत्येक आउटसोर्स कर्मी को अब न्यूनतम 10,500 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे।
पंचायत चौकीदार को 900 रुपये की बढ़ौतरी के साथ 6,500 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके हमारी सरकार द्वारा अपने वर्तमान कार्यकाल में 2,350 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई। पंचायत चौकीदारों की सेवाओं से सम्बन्धित एक स्पश्ट नीति बनाई जाएगी।
राजस्व चौकीदार को 900 रुपये बढ़ौतरी के साथ 5,000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके हमारी सरकार द्वारा अपने वर्तमान कार्यकाल में 2,000 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
राजस्व लम्बरदार को 900 रुपये बढ़ौतरी के साथ 3,200 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इस बढ़ौतरी को सम्मिलित करके हमारी सरकार द्वारा अपने वर्तमान कार्यकाल में 1,700 रुपये प्रतिमाह की बढ़ौतरी की गई।
ैडब् अध्यापकों के मानदेय में 1,000 रुपये प्रतिमाह बढ़ौतरी की जाएगी। ैडब् षिक्षकों की सेवाओं को यथावत् रखा जाएगा। इन अध्यापकों की सेवाओं से सम्बन्धित नीति बनाने के बारे में भी विचार किया जाएगा।
प्ज् ज्मंबीमते को 1,000 रुपये प्रतिमाह बढ़ौतरी की जाएगी।
ैच्व्े को 900 रुपये प्रतिमाह बढ़ौतरी की जाएगी।

अध्यक्ष महोदय,
अब मैं बजट पर हुई चर्चा के दौरान माननीय सदस्यों द्वारा उठाए गए मुख्य मुद्दों पर आता हूँ। यद्यपि मेरे लिए प्रत्येक सदस्य का नाम लेना षायद संभव न हो लेकिन मैं सबको आष्वस्त करना चाहता हूँ कि सबकी बातों को ध्यानपूर्वक सुना व विचारा गया है।
वक्ता का नाम
(पक्ष तथा विपक्ष में वक्तव्य)
श्री मुकेष अग्निहोत्री (माननीय नेता प्रतिपक्ष),
श्री राम लाल ठाकुर (माननीय विधायक, श्री नैना देवी जी), श्री आषीश बुटेल (माननीय विधायक, पालमपुर), श्री राजेन्द्र सिंह राणा (माननीय विधायक, सुजानपुर)
प्रष्न
ळैज् ब्वउचमदेंजपवद बन्द होने के बाद संसाधन जुटाने के क्या उपाय हैं तथा क्या 31 मार्च, 2022 तक कुल ऋण 70 हजार करोड़ रुपये पहुंच जाएगा? म्गबपेम नीलामी न करने के कारण भी नुकसान हो रहा है।
उत्तर
हमारी सरकार ने वित्तीय अनुषासन बनाने का पूरा प्रयास किया है। इसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि वर्तमान सरकार के चार वर्शों के कार्यकाल में केन्द्र सरकार द्वारा खुले बाजार से ऋण उठाने के लिये प्राधिकृत सीमा के विरुद्ध हर वर्श कम ऋण लिया है।
वर्तमान सरकार द्वारा दिसम्बर, 2017 में अपना कार्यभार सम्भालने के बाद पहली बार यह प्रयास किया कि बाजार ऋण प्राधिकृत सीमा से कम ऋण लिया जाए तथा इस दिषा में वर्श 2017-18 के अन्तिम तिमाही (जनवरी-मार्च) में जो कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में है, 800 करोड़ रुपये कम ऋण उठाये गये।
तदोपरान्त आगामी हर वित्तीय वर्श में केन्द्र सरकार द्वारा प्राधिकृत सीमा से कम ऋण लिये गये।
(रुपये करोड़ों में)
वित्तीय वर्श
भारत सरकार द्वारा प्राधिकृत ऋण सीमा
राज्य सरकार द्वारा लिये गये वास्तविक ऋण
प्राधिकृत सीमा से कम ऋण
2017-18 (जनवरी से मार्च)


800
2018-19
5,837
4,210
1627
2019-20
6,589
6,580
9
2020-21
9,187
6,000
3187
2021-22
(3 मार्च 2022 तक)
9,384
4,000
5384

मेरी सरकार के कार्यकाल में अब तक हमने 5384 करोड़ रुपये का मार्किट ऋण प्राधिकृत ऋण से कम लिया है।
वर्श 2018-19 में खुले बाजार से ऋण उठाने के लिये प्राधिकत सीमा के विरुद्ध 1,627 करोड़ रुपये के कम ऋण लिये गये।
वर्श 2019-20 में भी प्राधिकृत सीमा से कम ऋण लिये गये।
वर्श 2020-21 में प्राधिकृत सीमा से 3,187 करोड़ रुपये के कम ऋण लिये गये।
इसी प्रकार वित्तीय वर्श 2021-22 के लिये भारत सरकार द्वारा 9,384 करोड़ रुपये का ऋण खुले बाजार से उठाने के लिये प्राधिकृत किया है जिसके विरुद्ध अभी तक केवल 4,000 करोड़ रुपये का ऋण ही लिया गया है तथा 5,384 करोड़ रुपये के कम ऋण लिये गये।
इस प्रकार से वर्तमान सरकार के विवेकपूर्ण ऋण प्रबन्धन की वजह से ब्याज की बंततलपदह बवेज कम रही तथा आगामी समय में प्रदेष पर कर्जे का भार अपेक्षाकृत कम होगा।
यह इस कारण सम्भव हो पाया क्योंकि हमने अनावष्यक खर्चों पर लगाम लगाई, साथ ही इस दौरान केन्द्र सरकार की विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं और अन्य सहायता राषि का भरपूर सहयोग रहा। फलस्वरूप प्रदेष के विकास को गति देने में बल मिला तथा इसका सीधा लाभ आम जनता को मिला।
इस वर्श राजस्व प्राप्तियों में भी बढ़ौतरी हुई है जिससे प्रदेष की कर्जों पर निर्भरता कम हुई है।
2022-23 में 9 हजार 282 करोड़ रुपये कर राजस्व के रूप में प्राप्त होने का अनुमान है। यह राजस्व 2021-22 की तुलना में 15 प्रतिषत अधिक है। इससे प्रदेष की अर्थव्यवस्था को और गति मिल पाएगी।

 

 

वक्ता का नाम
(पक्ष तथा विपक्ष में वक्तव्य)
श्री मुकेष अग्निहोत्री (माननीय नेता प्रतिपक्ष),
श्री महेन्द्र सिंह (माननीय मंत्री एवं विधायक, धर्मपुर), श्री जगत सिंह नेगी (माननीय विधायक, किन्नौर), श्री हर्शवर्धन चौहान (माननीय विधायक, षिलाई), श्री राकेष सिंघा (माननीय विधायक, ठियोग), श्री राम लाल ठाकुर (माननीय विधायक श्री नैना देवी जी), श्री नंद लाल (माननीय विधायक, रामपुर), श्री आषीश बुटेल (माननीय विधायक, पालमपुर), श्री राजेन्द्र सिंह राणा (माननीय विधायक, सुजानपुर), श्री विनय कुमार (माननीय विधायक, श्री रेणुका जी), श्री मोहन लाल ब्राक्टा (माननीय विधायक, रोहड़ू), श्री सुन्दर सिंह ठाकुर (माननीय विधायक, कुल्लू)।
प्रष्न
कर्मचारियों के लिये बजट में कुछ भी नहीं है। संषोधित वेतनमानों में राईडर लगा दिया गया है तथा पुरानी पैंषन योजना, आउटसोर्स कर्मियों के लिये ठोस नीति नहीं है? 30 हजार नौकरियां केवल कागजों में है जिस प्रकार 8 हजार अंषकालीन मल्टी टॉस्क वर्कर्ज़ षिक्षा विभाग तथा 5 हजार अँषकालीन मल्टी टॉस्क वर्कर्ज़ लोक निर्माण विभाग में अभी तक भर्ती नहीं हो पाये हैं?
उत्तर
प्-नये वेतनमान
हमारी सरकार ने 2 लाख से अधिक कर्मचारियों के लिये नया वेतनमान प्रदान किये।
लगभग तीन चौथाई सरकारी कर्मचारी संषोधित वेतनमान लेने के लिए अपना वचजपवद दे चुके हैं। संषोधित वेतन निर्धारण एक ज्मबीदपबंस कार्य है जिसको तत्परता से किया जा रहा है। लगभग 60 प्रतिषत सरकारी कर्मचारी नए वेतनमान के अनुसार बढ़ा हुआ वेतन ले रहे हैं। षेश कार्य षीघ्र पूरा किया जाएगा।
कर्मचारियों को तीसरी वचजपवद भी दी गई है।
त्पकमत की बात की गई है। नये वेतनमानों में उच्च वेतन/ लाभों की सुरक्षा दी गई है। त्मबवअमतल न हो इसका प्रावधान किया गया है। नियमों में तपकमत लगाने का प्रावधान नहीं है। पंजाब की तरह 2009 के वेतन नियमों के ही आधार पर वेतन निर्धारण करने का प्रावधान किया गया है। इस बार के नियमों में कुछ बवउचसमगपजल है। कर्मचारियों के संगठनों से कुछ वेतन सम्बन्धी प्रतिवेदन प्राप्त हुये हैं जिनको सरकार द्वारा गठित म्गचमतज ब्वउउपजजमम निरीक्षण कर उचित हल निकाला जाएगा। नये वेतनमानों/संषोधित पैंषन पर सरकार लगभग 5 हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्श अतिरिक्त खर्च करेगी।
प्प्- पंजाब और हिमाचल कर्मचारी/पेंषनर-क्। का ब्वउचंतपेवद
हिमाचल प्रदेष और पंजाब में कर्मचारियों/पेंषनरों के लिए महंगाई भत्ता की स्थिति विषेशकर 2015 के बाद।
हिमाचल सरकार ने अपने कर्मचारियों/ पैंषनरों को महंगाई भत्ता पंजाब से अधिक और केन्द्र की तरह देय तिथि से दिया है। इसके विपरीत पंजाब सरकार ने न केवल हिमाचल प्रदेष सरकार के मुकाबले कम महंगाई भत्ता दिया बल्कि महंगाई भत्ता चतवेचमबजपअम कंजम से देकर 50 महीनों से ऊपर का क्।ध्क्मंतदमेे त्मसपम िकी राषि, पंजाब सरकार ने अपने पास ही रखी। हमारा अनुमान है कि पंजाब के लगभग 4 लाख कर्मचारियों और 3 लाख पैंषनरों का लगभग 5 हजार करोड़ रुपये महंगाई भत्ते की राषि को 2016 और 2021 के बीच, पंजाब सरकार ने अपने पास ही रखा बजाये इसके कि यह लाभ कर्मचारियों/ पैंषनरों को दिया जाता।
इस प्रकार से पंजाब सरकार ने परम्परा/ परिपाटी से हटकर कर्मचारियों/पैंषनरों को न केवल हिमाचल प्रदेष के मुकाबले कम महंगाई भत्ता दिया बल्कि उसे चतवेचमबजपअम कंजम से दिया। हिमाचल के कर्मचारी/पैंषनरों को महंगाई भत्ता का अतिरिक्त लाभ कैसे मिला यह निम्न टेबल से स्पश्ट हैः-

महंगाई भत्ता दर (प्रतिषतता)
पंजाब महंगाई भत्ता किस तिथि से लागू
हिमाचल प्रदेष में सरकार द्वारा दिया महंगाई भत्ता (प्रतिषतता)
किस तिथि से लागू
119
1-1-16 से 30-6-16
125
1-1-16 से 30-6-16
125
1-11-16 से 31-12-16
130
1-7-16 से 31-12-16
132
1-1-17 से 31-1-19
134
1-1-17 से 31-12-17
139
1-2-19 से 30-6-19
148
1-11-19 से 30-6-19
142
1-11-19 से 29-2-20
153
1-7-19 से 31-12-19
148
1-3-2020
153
1-1-20 से 30-6-20

153
153
1-7-20 से 31-12-20

153
153
1-1-21 से 30-6-21

 

159
1-7-21 से 31-12-21

यही कारण है कि पंजाब में कर्मचारियों/ पैंषनरों का वेतन संषोधन में अधिक बकाया बना है चूंकि पंजाब में उन्हें कम क्। और कम प्त् दिया गया था। एक अनुमान है कि हिमाचल प्रदेष के कर्मचारियों को पंजाब के कर्मचारियों के मुकाबले लगभग 10 से 12 प्रतिषत अधिक मउवसनउमदजे ;ैंसंतल़क्।़प्त्द्ध के रूप में दिये गये हैं। अन्य भत्ते के लिये हिमाचल प्रदेष के अपने नियम हैं और उस बारे वह पंजाब के भत्तों से भिन्न भत्ते देता है।
प्प्प्. प्दजमतपउ त्मसपम
िप्दजमतपउ त्मसपम िहिमाचल और पंजाब की भी तुलना की गई है। हिमाचल ने 21 प्रतिषत प्त् दिया है जबकि पंजाब ने केवल 5 प्रतिषत प्त् दिया।
हिमाचल के ंअमतंहम कर्मचारी को लगभग 2 लाख 55 हजार रुपये अंतरिम राहत के रूप में दिये गये। पंजाब के कर्मचारी को 1 लाख 28 हजार रुपये अंतरिम राहत दी गई। हिमाचल का प्त् लगभग दोगुना है।
हिमाचल के पैंषनर को औसतन 1 लाख 27 हजार रुपये अंतरिम राहत के रूप में दिये गये। पंजाब के पैंषनर को औसतन 64 हजार रुपये अंतरिम राहत दी गई। हिमाचल ने दोगुना प्त् दिया है।
कर्मचारियों/पैंषनरों को दिये गये कुल अंतरिम राहत राषि जो लगभग 6 हजार 500 करोड़ रुपये है में से 3 हजार 500 करोड़ रुपये का भुगतान हमारी सरकार के कार्यकाल में किया गया है।

राश्ट्रीय पैंषन प्रणाली ;छंजपवदंस च्मदेपवद ैलेजमउद्ध
वर्श 1971 से ही हिमाचल प्रदेष पैंषन के मामले में केन्द्र सरकार के नियमों के अनुसार लाभ प्रदान करता है।
केन्द्र सरकार ने 2004 में अपने कर्मचारियों के लिये छच्ै लाने का फैसला लिया गया। 2003 में उस समय की प्रदेष सरकार ने भी 15-5-2003 से प्रदेष में छच्ै लागू की।
केन्द्र सरकार ने छच्ै को प्।ैध्प्च्ैध्प्दबवउम ज्ंग अधिकारियों के लिए भी 2004 से लागू किया।
वर्तमान समय में सभी राज्यों (पष्चिम बंगाल को छोड़कर) एवं केन्द्र में राश्ट्रीय पैंषन प्रणाली लागू है। केवल सेना में राश्ट्रीय पैंषन प्रणाली लागू नहीं है।
हमारी सरकार की उपलब्धियां
हमारी सरकार ने छच्ै कर्मियों को अनेक लाभ दिये हैंः-
हमारी सरकार ने सरकारी अँषदान को दिनांक 1-4-2019 से 10 प्रतिषत से बढ़ाकर 14 प्रतिषत किया जिससे छच्ै कर्मचारियों को 175 करोड़ रुपये का लगातार अतिरिक्त वार्शिक लाभ मिल रहा है। इससे एक लाख से अधिक छच्ै कर्मचारी लाभान्वित हो रहे हैं। हमारी सरकार अँषदान को 10 प्रतिषत से 14 प्रतिषत करने वाले अग्रणीय राज्यों में से है।
पिछली सरकार ने बड़ी देर बाद त्मजपतमउमदज ध्क्मंजी ळतंजनपजल लाभ दिया वह भी चतवेचमबजपअम तिथि 22-9-2017 से इसे लागू किया। इस कारण छच्ै कर्मचारी जो दिनांक 15-5-2003 से 21-9-2017 के दौरान सेवानिवृत हुये थे वे इस लाभ से वंचित रह गये। हमने इन कर्मचारियों को भी क्मंजी.बनउ.त्मजपतमउमदज ळतंजनपजल का लाभ दिया जिससे 5,612 छच्ै कर्मचारियों को 150 करोड़ रुपये का लाभ मिला।
छच्ै कर्मचारियों को प्दअंसपक च्मदेपवद और थ्ंउपसल च्मदेपवद देने के आदेष दिनांक 22-2-2022 को हमारी सरकार ने जारी किये। अब 15-5-2003 के बाद सेवाकाल में मृत अथवा अपंग हुए लगभग 2,200 छच्ै कर्मचारियों के परिवारों को पारिवारिक पैंषन तथा प्दअंसपक च्मदेपवद का लाभ ब्ब्ै ;च्मदेपवदद्ध त्नसमेए 1972 की तरह मिलेगा जिस पर करीब 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पिछली सरकार चाहती तो वह अपने समय में केन्द्र सरकार की तरह यह प्दअंसपक च्मदेपवद दे सकती थी। इन आदेषों से छच्ै कर्मचारियों में सुरक्षा की भावना बढ़ेगी।
छच्ै कर्मचारियों को त्मजपतमउमदजध्क्मंजी ळतंजनपजल के लाभ व्च्ै कर्मियों की तरह दिया जा रहा है। हमने इसकी ऊपरी सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख करने का निर्णय लिया है।
छच्ै को व्च्ै कर्मियों के बराबर के लाभ
मैं यह भी स्पश्ट करना चाहूंगा कि छच्ै कर्मचारियों को भी क्ब्त्ळए स्मंअम म्दबंेीउमदजध्ळप्ैध्म्ग.हतंजपंए डमकपबंस त्मपउइनतेमउमदज का लाभ पुरानी पैंषन प्रणाली में आने वाले कर्मचारियों के समान दिया जा रहा है।
प्रदेष सरकार ने छच्ै के अन्तर्गत आने वाले इन कर्मचारियों की मांगों व षिकायतों पर गम्भीरता पूर्वक विचार करने तथा कर्मचारियों के हितों में आवष्यक कार्यवाही करने के लिए मुख्य सचिव, हिमाचल प्रदेष, की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। इस बावत अधिसूचना दिनांक 2-3-2022 को जारी की गई है। यह समिति छच्ै कर्मचारियों की मांगों पर विचार विमर्ष करके सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी।

2018 से 2022 तक राज्य के कर्मचारियों/पैंषनरों को दिये गये लाभ
क्रम संख्या
मद
रुपये करोड़ों में
1.
हिमाचल प्रदेष सिविल सर्विसिज़ (संषोधित वेतन) नियम-2022 । कर्मचारियों तथा पैंषनरों को मंहगाई भत्ते सहित प्रतिवर्श देय राषि
5000ण्00
2.
1-7-2017 से 1-7-2019 तक राज्य कर्मचारियों को 19 प्रतिषत मंहगाई भत्ता तथा ।सस प्दकपं ैमतअपबमे को 13 प्रतिषत मंहगाई भत्ता
1140ण्00
3.
1-4-2018 से ब्वदजतंबज कर्मचारियों के मानदेय में 25 प्रतिषत (कुल 100 प्रतिषत), 1-4-2019 से 25 प्रतिषत (कुल 125 प्रतिषत) तथा 1-4-2020 से 25 प्रतिषत (कुल 150 प्रतिषत) वृद्धि
50ण्00
4.
छच्ै कर्मी जो सेवाकाल में मृत अथवा दिव्यांग हुये को प्दअंसपक च्मदेपवद ंदक थ्ंउपसल च्मदेपवद
250ण्00
5.
क्मंजी दृबनउ. त्मजपतमउमदज ळतंजनपकल में 10 लाख से 20 लाख रुपये तक वृद्धि
160ण्00
6.
2017 में दैनिक दिहाड़ी 210 रुपये से 2021 में 300 रुपये की बढ़ौतरी
32ण्40
7.
हमारी सरकार द्वारा 12 प्रतिषत अन्तरिम राहत
780ण्00
8.
2019 में हमारी सरकार द्वारा छच्ै म्उचसवलममे के लिये सरकारी अंषदान में 10 प्रतिषत से 14 प्रतिषत वृद्धि
250ण्00
9.
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पैंषन के उद्देष्य से सेवा लाभ
3ण्45
10.
2003 से 2017 के बीच लगभग 5,000 सेवा निवृत अथवा मृत कर्मचारियों को छच्ै के अन्तर्गत त्मजपतमउमदज ळतंजनपजल वत क्मंजी ळतंजनपजल
110ण्00
11.
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 20 साल का सेवाकाल पूरा करने के बाद एक अतिरिक्त पदबतमउमदज
24ण्00
12.
दृश्टिबाधित तथा दिव्यांगजनों को बवदअमलंदबम ंससवूंदबम में 500 रुपये से 750 रुपये वृद्धि
0ण्50
13.
वाहन चालकों के वर्दी भत्ता तथा धुलाई भत्ते में 200 रुपये प्रतिमाह से 300 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि
0ण्72
14.
कोविड महामारी के दौरान वनजेवनतबमक कर्मियों को मानदेय के लिये उपस्थिति सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने में छूट
.
कुल जोड़
7801ण्07

 

वक्ता का नाम
(पक्ष तथा विपक्ष में वक्तव्य)
श्री मुकेष अग्निहोत्री (माननीय नेता प्रतिपक्ष),
श्री राजेन्द्र गर्ग (माननीय मंत्री एवं विधायक, घुमारवीं), श्री राम लाल ठाकुर (माननीय विधायक, श्री नैना देवी जी), श्री जगत सिंह नेगी (माननीय विधायक, किन्नौर), श्री पवन काजल (माननीय विधायक, काँगड़ा), श्री आषीश बुटेल (माननीय विधायक, पालमपुर), श्री राजेन्द्र सिंह राणा (माननीय विधायक, सुजानपुर), श्री सुन्दर सिंह ठाकुर (माननीय विधायक, कुल्लू), श्री सतपाल रायजादा (माननीय विधायक, ऊना)
प्रष्न
उज्जवला के अन्तर्गत केवल 1 सिलेंडर दिया जा रहा है तथा स्च्ळ की कीमतें आसमान पर पहुंच रही हैं के बारे बजट में कोई वर्णन नहीं है।
उत्तर
अध्यक्ष महोदय, मेरे बजट अभिभाशण से स्पश्ट है कि उज्जवला तथा ग्रहिणी सुविधा योजना दोनों के ही अन्तर्गत एक लाभार्थी तीन निःषुल्क सिलेंडर पाने के लिये पात्र हैं। पहला निःषुल्क सिलेंडर कनेक्षन के समय दिया जा रहा है तथा षेश दो रिफिल सिलेंडर आवष्यकता के अनुसार निःषुल्क दिये जा रहे हैं।

 

वक्ता का नाम
(पक्ष तथा विपक्ष में वक्तव्य)
श्री मुकेष अग्निहोत्री (माननीय नेता प्रतिपक्ष),
श्री जगत सिंह नेगी (माननीय विधायक, किन्नौर), श्री हर्शवर्धन चौहान (माननीय विधायक, षिलाई), श्री नंद लाल (माननीय विधायक, रामपुर), श्री आषीश बुटेल (माननीय विधायक, पालमपुर), श्री राजेन्द्र सिंह राणा (माननीय विधायक, सुजानपुर), श्री नरेन्द्र सिंह ठाकुर (माननीय विधायक, हमीरपुर), श्री जिया लाल (माननीय विधायक, भरमौर), श्री हीरा लाल (माननीय विधायक, करसोग)
प्रष्न
पिछले वर्श उपदने हतवूजी तंजम के बाद 2021-22 में 8.3 प्रतिषत की वृद्धि विष्वास योग्य नहीं है। बजट में मंहगाई के बारे कोई जिक्र नहीं है।
उत्तर
2020-21 में आर्थिक विकास दर (-)6.2 प्रतिषत होने का अनुमान था जो कि संषोधित अनुमानों के अनुसार (-)5.2 प्रतिषत रह गई जिसका विस्तृत ब्यौरा आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 में पैरा संख्या 2.2 तथा 1.3 में दिया गया है। 2021-22 में राज्य सकल घरेलू उत्पाद में 8.3 प्रतिषत होने का अनुमान है तथा यह अनुमान निम्नलिखित पर आधारित हैः-
2020-21 में ळैक्च् में 2 हजार 487 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई थी जबकि 2021-22 में इसमें 18 हजार 498 करोड़ रुपये की वृद्धि होने का अनुमान है।
कोविड के कारण आई मन्दी के बाद उंदनंिबजनतपदह ेमबजवत में अत्यधिक मांग की वृद्धि हुई जिसके कारण बिजली की खपत भी बढ़ी। इन दो कारणों से इस सैक्टर में तेज़ी आई।
कोविड के कारण परिवहन तथा पर्यटन क्षेत्रों में आई गिरावट के बाद इन दो क्षेत्रों में भी जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है।
राश्ट्रीय स्तर पर भी 2020-21 के दौरान आर्थिक विकास दर (-)7.6 प्रतिषत रही थी जो कि 2021-22 के अनुमानों के अनुसार 9.2 प्रतिषत रहेगी।
कोविड महामारी के दौरान आई मंदी के कारण वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होना स्वभाविक था किन्तु इसके बाद इन कीमतों पर काफी हद तक नियन्त्रण पा लिया गया है। अध्यक्ष महोदय, मैं भारत के एक पूर्व प्रधानमन्त्री द्वारा मंहगाई पर की गई टिप्पणी की ओर इस सदन का ध्यान आकर्शित करना चाहूँगा। उन्होंने यह कहा था कि हमारी सरकार द्वारा आषा के अनुरूप मंहगाई पर नियन्त्रण नहीं पाया जा सका है। इसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि है। इन महोदय के इस कथन के विपरीत हमारी सरकार प्रदेष में मंहगाई दर को 6 प्रतिषत तक लाने में सफल रही है जबकि जिस समय इन प्रधानमन्त्री ने यह बात कही थी उस समय राश्ट्रीय स्तर पर मंहगाई दर 10.1 प्रतिषत थी। पिछले दो वर्शों में आई तमाम कठिनाईयों के बावजूद हमारी सरकार मंहगाई पर नियन्त्रण रखने में सफल रही है।

 

वक्ता का नाम
(पक्ष तथा विपक्ष में वक्तव्य)
श्री मुकेष अग्निहोत्री (माननीय नेता प्रतिपक्ष),
श्री गोबिंद सिंह ठाकुर (माननीय मंत्री एवं विधायक, मनाली), श्री हर्शवर्धन चौहान (माननीय विधायक, षिलाई), श्री आषीश बुटेल (माननीय विधायक, पालमपुर)
प्रष्न
मेधावी छात्रों को अभी तक स्ंच.ज्वच क्यों नहीं बांटे गये हैं तथा मण्डी विष्वविद्यालय के लिये कोई भी बजट प्रावधान नहीं है।
उत्तर
कोविड संक्रमण के चलते 2018-19 सत्र के मेधावी छात्रों को स्ंच.ज्वच देने में विलम्ब हुआ है। फरवरी, 2020 में खरीद प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई थी किन्तु कोविड के कारण लॉकडाउन के चलते म.इपक को रद्द करना पड़ा। अक्तूबर, 2020 में ळमड च्वतजंस के माध्यम से फिर से स्ंच.ज्वच खरीदने की प्रक्रिया आरम्भ की गई किन्तु ।चचतवअमक ज्मबीदपबंस ैचमबपपिबंजपवद के अनुसार किसी भी फर्म ने इसमें भाग नहीं लिया। 2018-19 तथा 2019-20 के लिये 19 हजार 847 मेधावी छात्रों के लिये स्ंच.ज्वच क्रय करने की प्रक्रिया अन्तिम चरण में है तथा इन्हें षीघ्र ही वितरित कर दिया जाएगा। 2020-21 के मेधावी छात्रों को स्ंच.ज्वच के स्थान क्पहपजंस ैउंतज च्ीवदम देने का निर्णय लिया गया है। इन्हें षीघ्र ही वितरित कर दिया जाएगा।

 

वक्ता का नाम
(पक्ष तथा विपक्ष में वक्तव्य)
श्री मुकेष अग्निहोत्री (माननीय नेता प्रतिपक्ष),
श्री नंद लाल (माननीय विधायक, रामपुर),
श्री आषीश बुटेल (माननीय विधायक, पालमपुर), श्री संजय अवस्थी (माननीय विधायक, अर्की),
श्री सुन्दर सिंह ठाकुर (माननीय विधायक, कुल्लू), श्री किषोरी लाल (माननीय विधायक, आनी)
प्रष्न
वर्तमान सरकार द्वारा अभी तक कोई भी मैगा प्रोजैक्ट धरातल पर नहीं उतारा गया है। 2022-23 में मण्डी हवाई अड्डे, रेल लाईनों के निर्माण तथा रज्जू मार्गों के निर्माण हेतु पर्याप्त बजट नहीं है।
उत्तर
मण्डी हवाई अड्डे के निर्माण के लिये भारतीय विमानापत्तन प्राधिकरण ने सितम्बर, 2021 को स्पक्।त् सर्वेक्षण पूरा किया जिसके अनुसार इसका रनवे 3,150 मीटर लम्बा होगा। उपायुक्त मण्डी द्वारा भू-अधिग्रहण के लिये खसरा नम्बर इत्यादि चिन्हित किये हैं तथा इसके लिये भ्प्च्। के माध्यम से ैवबपंस प्उचंबज ।ेेमेेउमदज करवाने की प्रक्रिया आरम्भ कर दी गई है। चयनित 2,936 बीघा भूमि में से 2,517 बीघा भूमि निजी है तथा षेश 419 बीघा भूमि सरकारी है। इस हवाई अड्डे के निर्माण के लिये सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने में गति दी गई है जिसे 2022 में और तेज किया जाएगा।
तीन रेलवे लाईनों क्रमषः भानुपल्ली-बिलासपुर, नंगल – तलवाड़ा तथा चण्डीगढ़-बद्दी के लिये कुल 2,653 करोड़ रुपये के प्रावधान केन्द्रीय बजट में किये गये हैं। प्रदेष सरकार राज्य अँषदान देने के लिये प्रतिबद्ध है जो कि बजटीय तथा पूरक अनुदान मांगों के माध्यम से समय पर उपलब्ध करवा दिया जाएगा। पावंटा साहिब जगाधरी तथा ऊना-हमीरपुर रेल लाईनों पर कार्य अभी कार्यान्वयन की अवस्था में नहीं है लेकिन इनके लिये सभी औपचारिकतायें षीघ्र पूरी करने के सभी प्रयास किये जा रहे हैं।
पर्वतमाला राश्ट्रीय रज्जूमार्ग विकास कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा षुरु की गई एक नई योजना है और इसके अन्तर्गत षीघ्र ही भारत सरकार के साथ चार रज्जू मार्ग निर्मित करने के लिये समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किये जाएंगे। इसके बाद इनकी क्च्त्े बनाने की प्रक्रिया आरम्भ की जाएगी।

 

वक्ता का नाम
(पक्ष तथा विपक्ष में वक्तव्य)
श्री मुकेष अग्निहोत्री (माननीय नेता प्रतिपक्ष),
श्री जगत सिंह नेगी (माननीय विधायक, किन्नौर), श्री लखबिन्द्र सिंह राणा (माननीय विधायक, नालागढ़)
प्रष्न
प्रदेष में फैले खनन माफिया, ड्रग माफिया तथा माफिया पर कोई नियन्त्रण नहीं है तथा कानून व्यवस्था लगातार बदतर हो रही है।
उत्तर
वर्तमान सरकार के कार्यकाल के अपराधिक आँकड़ों के विष्लेशण से पाया गया है कि इस सरकार के कार्यकाल में प्रदेष में अपराधों पर पूरा नियन्त्रण है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में वर्श 2018 से 2021 तक कुल 78 हजार 977 अभियोग पंजीकृत हुए हैं, जबकि पिछली सरकार के कार्यकाल 2013 से 2016 की अवधि में 67 हजार 325 अभियोग पंजीकृत हुए थे। वर्तमान सरकार के 4 वर्शों के कार्यकाल में पूर्व सरकार के 4 वर्शों की तुलनात्मक अवधि में 11 हजार 652 अभियोगों (14.75 प्रतिषत) की वृद्धि हुई है। जो मुख्यतः आबकारी अधिनियम, मादक पदार्थ अधिनियम, इत्यादि में हुई जहाँ पुलिस ने अपनी सक्रियता दर्षाते हुये नषाखोरी जैसे अपराधों पर अंकुष लगाने में कामयाबी हासिल की है।
वर्तमान सरकार के 4 वर्शों के कार्यकाल में पूर्व सरकार के 4 वर्शों की तुलनात्मक अवधि में हत्या, हत्या का प्रयास, महिलाओं के प्रति क्रूरता, चोरी, गृहभेदन, चोट और दंगे व वाहन दुर्घटना के अन्तर्गत पंजीकृत अभियोगों में भारी कमी आई है।
पिछले चार वर्शों में छक् – च्ै ।बज के अन्तर्गत कई मुख्य तस्करों को पकड़ने में कामयाबी मिली है। इन मामलों में प्राथमिकता के आधार पर अन्वेशण किया गया तथा पकड़े गये तस्करों की लगभग 20 करोड़ रुपये की सम्पत्ति जब्त की जा चुकी है तथा 74 प्रतिषत मामलों में अदालतों द्वारा दोशियों को सजा दी गई है। इस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिये प्रदेष में एक नारकौटिक्स सैल, ड्रग फ्री हिमाचल ऐप तथा टोल फ्री नषा निवारण हैल्प लाईन की स्थापना की गई है। पड़ोसी राज्यों के साथ इस बारे समन्वय बैठकों का नियमित रूप से आयोजन किया जा रहा है।
इसी प्रकार अवैध खनन से जुड़े मामलों में भी त्वरित रूप से कार्यवाही की जा रही है तथा पूर्व सरकार के कार्यकाल की तुलना में 79 प्रतिषत अधिक जुर्माना वसूल किया गया है।
हिमाचल प्रदेष पुलिस को कानून व्यवस्था बनाये रखने तथा अन्य मानकों में बेहतर प्रदर्षन के लिये राश्ट्रपति द्वारा च्तमेपकमदजष्े ब्वसवनते से सम्मानित किया गया है। संक्षेप में हिमाचल प्रदेष में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पूर्णतया सन्तोशजनक है तथा प्रदेषवासी इससे सन्तुश्ट हैं।

 

वक्ता का नाम
(पक्ष तथा विपक्ष में वक्तव्य)
श्री मुकेष अग्निहोत्री (माननीय नेता प्रतिपक्ष),
श्री राम लाल ठाकुर (माननीय विधायक, श्री नैना देवी जी), श्री हर्शवर्धन चौहान (माननीय विधायक, षिलाई), श्री नंद लाल (माननीय विधायक, रामपुर), श्री राकेष सिंघा (माननीय विधायक, ठियोग), श्री सतपाल रायजादा (माननीय विधायक, ऊना), श्री भवानी सिंह (माननीय विधायक, फतेहपुर)
प्रष्न
किसानों के लिये विषेशकर सेब बागवानों के लिये कुछ भी नहीं किया गया है।
उत्तर
2022-23 के बजट में कृशि पर विषेश बल दिया गया है। इसमें प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक मॉडल के साथ किसानों का प्रषिक्षण, प्राकृतिक उत्पादों की ब्मतजपपिबंजपवद तथा बाजार तक उनको पहुंचाने हेतु सुविधायें सम्मिलित हैं।
पिछले कई वर्शों से कृशि तथा बागवानी क्षेत्र में बहुत सारी योजनायें वअमतसंच कर रही थीं। इस पर नीति आयोग के सदस्य श्री रमेष चन्द की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था जिसने अपनी सिफारिषें सरकार को सौंप दी हैं। इन सिफारिषों के अनुरूप आवष्यक संषोधन किये जाएंगे जिससे कि किसानों को समय पर उचित लाभ प्राप्त हो सकेंगे।
किसानों की ही सुविधा के लिये आगामी रबी खरीद प्रदेष के 11 स्थानों पर सुनिष्चित की जाएगी।
किसानों की आय बढ़ाने के उद्देष्य से हींग तथा केसर की खेती की सफलता के बाद प्रदेष में अब मौंक फ्रूट, ड्रैगन फू्रट तथा मेवों की खेती पर भी बल दिया जाएगा।
मक्की तथा गेहूं की सवबंस अंतपमजपमे को प्रोत्साहित करने के उद्देष्य से बजट प्रावधानों को दोगुना किया गया है।
किसान भाईयों को और अधिक सषक्त करने तथा आत्मनिर्भर बनाने के उद्देष्य से थ्च्व्े के माध्यम से तकनीकी तथा वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
बागवानी उत्पाद के लिये टंसनम ब्ींपद के उद्देष्य से ब्। ैजवतमेए थ्तनपज च्तवबमेेपदह न्दपजे तथा सिंचाई पर निवेष को बढ़ाया गया है।
मछली पालन क्षेत्र में नई पहल करते हुये अनुदान पर मोटर साईकिल, थ्री व्हीलर तथा नावें उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
पषुपालन क्षेत्र में किसानों के द्वार तक सेवायें पहुंचाने के उद्देष्य से 44 मोबाईल वैटनरी एम्बुलैंसें उपलब्ध करवाई जाएंगी।
उपरोक्त से स्पश्ट है कि प्रदेष की अर्थव्यवस्था को गति देने में किसानों तथा बागवानों का महत्वपूर्ण योगदान है तथा उनकी आय बढ़ाने के लिये हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।

 

 

वक्ता का नाम
(पक्ष तथा विपक्ष में वक्तव्य)
श्री मुकेष अग्निहोत्री (माननीय नेता प्रतिपक्ष),
श्री आषीश बुटेल (माननीय विधायक, पालमपुर), श्री पवन काजल (माननीय विधायक, काँगड़ा), श्रीमती रीना कष्यप (माननीया विधायक, पच्छाद)
प्रष्न
अ. सामाजिक सुरक्षा पैंषन के अन्तर्गत 2022-23 में केवल 40 हजार नये लाभार्थियों को लाया जाएगा। सभी लाभार्थियों को एक समान 1700 रुपये प्रतिमाह पैंषन दी जानी चाहिए।
ब. 60 से 65 वर्श तक 65 से 69 वर्श की आयु के लाभार्थियों के लिये सामाजिक सुरक्षा पैंषन के बारे कुछ भी स्पश्ट रूप से नहीं कहा गया है।
उत्तर
अ. 2022-23 में 40 हजार लाभार्थी केवल ऐसे हैं हो कि 2022-23 के बजट में की गई घोशणाओं से पूर्व इस योजना के अन्तर्गत लाभ पाने के पात्र हैं। इन घोशणाओं के कार्यान्वयन के पष्चात् लगभग 60 हजार और लाभार्थी लाभान्वित होंगे तथा इस प्रकार कुल 1 लाख से अधिक नये लाभार्थियों को 2022-23 के दौरान लाभ मिल पाएगा। अगले वर्श लगभग साढ़े सात लाख लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा पैंषन दी जाएगी जिस पर 1300 करोड़ रुपये व्यय किये जाएंगे।
ब. 65 से 69 वर्श की महिलाओं को पिछले वर्श ही बिना किसी आय सीमा के सामाजिक सुरक्षा पैंषन का लाभ दिया गया था। 2022-23 में 60 से 64 वर्श की महिलाओं तथा 60 से 69 वर्श तक के पुरुशों को भी इस योजना का लाभ मिल पाएगा।

 

क्र. सं.
पैंषन लाभार्थियों की श्रेणी/ वर्ग
वर्तमान में दी जा रही प्रतिमाह पैंषन (रुपये में)
2022-23 हेतु प्रस्तुत बजट में की गई वृद्धि उपरान्त प्रतिमाह पैंषन
(रुपये में)
पैंषन राषि में प्रतिमाह बढ़ौतरी
(रुपये में)
1.
कुश्ठ रोगी पुनर्वास भत्ता
850
1000
150
2.
ट्रांसजैंडर को पैंषन
850
1000
150
3.
60 से 69 वर्श आयु वगर्ग के पुरुशों और 60 से 64 आयु वर्ग की महिलाओं को वृद्धावस्था पैंषन
850
1000
150
4.
40 से 69 प्रतिषत दिव्यांगजनों को दिव्यांग राहत भत्ता
1000
1150
150
5.
65 से 69 वर्श आयु वर्ग की महिलाओं को स्वर्ण जयंती नारी सम्बल योजना के अन्तर्गत वृद्धावस्था पैंषन
1000
1150
150
6.
विधवा/ परित्यक्त/ एकल नारी पैंषन
1000
1150
150
7.
70 प्रतिषत या इससे अधिक दिव्यांग पैंषनरों को दिव्यांग राहत भत्ता
1500
1700
200
8.
70 वर्श या इससे अधिक आयु के वरिश्ठ नागरिकों को वृद्धावस्था पैंषन
1500
1700
200

 

 

वक्ता का नाम
(पक्ष तथा विपक्ष में वक्तव्य)
श्री मुकेष अग्निहोत्री (माननीय नेता प्रतिपक्ष),
श्री महेन्द्र सिंह ठाकुर (माननीय मंत्री एवं विधायक, धर्मपुर), श्री आषीश बुटेल (माननीय विधायक, पालमपुर), श्री सतपाल रायजादा (माननीय विधायक, ऊना)
प्रष्न
पर्यटन अधोसंरचना विकास के लिये ।क्ठ के माध्यम से कोई नया प्रोजेक्ट नहीं है तथा इस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत निर्मित परिसम्पतियां बहुत कम दामों में लीज़ आउट कर दी गई हैं।

उत्तर
पुराना ।क्ठ च्तचवरमबज सितम्बर, 2020 में समाप्त हो गया था और इस बजट में वर्णित 2 हजार 95 करोड़ रुपये की लागत वाला नया प्रोजेक्ट ।क्ठ के माध्यम से वित्त पोशित किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा इस पर दिसम्बर, 2021 में अपनी सहमति प्रदान कर दी गई है तथा ।क्ठ के साथ आगे की वार्ता की जा रही है। इस वार्ता के पूरा होते ही स्वंद ।हतममउमदज ेपहद कर लिया जाएगा तथा वद.ेपजम कार्यान्वयन आरम्भ कर दिया जाएगा। इसके लिये आवष्यक निविदायें षीघ्र ही आमन्त्रित की जाएंगी जिनका वर्णन बजट अभिभाशण में विस्तारपूर्वक किया गया है।
पुराने ।क्ठ च्तवरमबज के अन्तर्गत निर्मित परिसम्पतियों को अगस्त, 2010 में हस्ताक्षरित ज्तपचंतजपजम थ्तंउमूवता थ्पदंदबपदह ।हतममउमदज की अनुपालना में ही लीज़ किया गया है। तीन परिसम्पत्तियों क्रमषः आर्ट क्राफ्ट सेंटर बड़ाग्रां मनाली को 1 करोड़ 55 लाख रुपये वार्शिक लीज़ मनी पर 16 वर्श के लिये, ब्नसजनतंस ब्मदजतमए श्रंदरमींसप को 17 लाख 52 हजार सालाना पर 15 वर्शों के लिये तथा ब्वदअमदजपवद ब्मदजतमए डंदकप को 25 लाख रुपये वार्शिक पर 10 वर्शों के लिये न्चहतंकंजपवद तथा व्चमतंजपवद ंदक डंपदजमदंदबम के लिये निजी संस्थानों को लीज़ पर दिया गया है। इस पूरी प्रक्रिया में सभी औपचारिकतायें पारदर्षिता के साथ सुनिष्चित की गई हैं। क्यारीघाट ब्वदअमदजपवद ब्मदजतम को पर्यटन विकास निगम द्वारा ही चलाया जाएगा।

 

 

वक्ता का नाम
(पक्ष तथा विपक्ष में वक्तव्य)
श्री मुकेष अग्निहोत्री (माननीय नेता प्रतिपक्ष),
श्री महिन्द्र सिंह ठाकुर (माननीय मंत्री एवं विधायक, धर्मपुर), श्री राकेष पठानिया (माननीय मंत्री एवं विधायक, नूरपुर), श्री राम लाल ठाकुर (माननीय विधायक, श्री नैना देवी जी), श्री पवन काजल (माननीय विधायक, काँगड़ा), श्री विनय कुमार (माननीय विधायक, श्री रेणुका जी), श्री मोहन लाल ब्राक्टा (माननीय विधायक, रोहड़ू)
प्रष्न
जल जीवन मिषन के कार्यान्वयन में भारी अनियमिततायें हुई हैं।
उत्तर
सरकार द्वारा जारी किये गये दिषा-निर्देषों की अनुपालना में ही ऑनलाईन निविदायें आमन्त्रित की गई हैं। इससे न केवल पारदर्षिता बल्कि व्यापक भागीदारी भी सुनिष्चित होती है। जल जीवन मिषन के अन्तर्गत 20 करोड़ से अधिक लागत के 20 कार्य विभिन्न मण्डलों द्वारा आवंटित किये गये हैं। इन कार्यों को उन्हीं पंजीकृत ठेकेदारों को आवंटित किया गया है जो कि पात्र पाये गये।

 

 

वक्ता का नाम
(पक्ष तथा विपक्ष में वक्तव्य)
श्री मुकेश अग्निहोत्री (माननीय नेता प्रतिपक्ष),
श्री राकेष पठानिया (माननीय मंत्री एवं विधायक, नूरपुर)
प्रष्न
”ठनसा क्तनह च्ंताश् तथा चिकित्सा उपकरण पार्क के सम्बन्ध में।
उत्तर
चिकित्सा उपकरण पार्कः-
राज्य में चिकित्सा उपकरण पार्क स्थापित करने हेतु प्रस्ताव भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है तथा इसके लिए आधारभूत संरचना हेतु योजना बनाने का कार्य आरम्भ किया जा चुका है। जिसके लिए भारत सरकार शीघ्र ही केन्द्रीय अनुदान राशि जारी कर देगी तथा यह कार्य तुरन्त आरम्भ कर दिया जाएगा।
बल्क ड्रग पार्कः-
हालांकि”बजट भाशण“ मंे बल्क ड्रग पार्क का कोई जिक्र नहीं किया गया है इस बारे भारत सरकार द्वारा मांगे गये सभी स्पश्टीकरण उपलब्ध करवा दिये गये हैं। अब बल्क ड्रग पार्क की बोली की मूल्यांकन प्रक्रिया अंतिम चरण में है जिसे भारत सरकार द्वारा षीघ्र ही अन्तिम रूप दे दिया जाएगा।

 

 

 

वक्ता का नाम
(पक्ष तथा विपक्ष में वक्तव्य)
श्री मुकेश अग्निहोत्री (माननीय नेता प्रतिपक्ष),
श्री गोबिंद ठाकुर (माननीय मंत्री एवं विधायक, मनाली), श्री राकेष पठानिया (माननीय मंत्री एवं विधायक, नूरपुर)
प्रष्न
ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के सम्बन्ध में।
उत्तर
प्रदेष सरकार द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के निरन्तरीकरण में प्रदेष सरकार द्वारा 96 हजार 721 करोड़ रुपये के 703 डवन् हस्ताक्षरित किये गये जिनमें से 41 हजार 685 करोड़ रुपये के 523 डवन् की ग्राउंड ब्रेकिंग हो चुकी है।

मुख्य निवेषकों में मैसर्ज़ वोल्ट एनर्जी इनकोर्पोरेषन द्वारा 100 करोड़ रुपये, ग्रेट हिमालयन फार्म फ्रेष द्वारा 70 करोड़ रुपये, मोरपेन लैबोरेटरीज़ द्वारा 178 करोड़ रुपये, प्रोक्टर एण्ड गैम्बलस द्वारा 159 करोड़ रुपये, एबट हैल्थ केयर द्वारा 101 करोड़ रुपये, ऐष्वर्या लाइफसाईंसिज़ द्वारा 100 करोड़ रुपये, नेसले इण्डिया लिमिटिड द्वारा 197 करोड़ रुपये, प्रीमियर एलकोबेव द्वारा 200 करोड़ रुपये, बी.ई. फार्मास्यूटिकलज द्वारा 202 करोड़, एसएमपीपी प्राईवेट लि0 द्वारा 3,000 करोड़ रुपये का निवेष इत्यादि सम्मिलित हैं।

ऊर्जा के क्षेत्र में मुख्य निवेषकों में ैश्रटछस् द्वारा 3,400 करोड़ रुपये तथा भ्च् ब्वतचवतंजपवद स्जकण् द्वारा 6,947 करोड़ रुपये का निवेष मुख्य है।

 

 

वक्ता का नाम
(पक्ष तथा विपक्ष में वक्तव्य)
श्री मुकेश अग्निहोत्री (माननीय नेता प्रतिपक्ष)
प्रष्न
प्रदेष में अवैध खनन।
उत्तर
सरकार द्वारा खनिजों के अवैध खनन, भण्डारण तथा ढुलाई में संलिप्त दोशियों की सजा बढ़ाकर 2 साल की कर दी गई है तथा जुर्माना 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर दिया गया है।
नदी-नालों में बिना अनुमति के खनन के लिये जुर्माना 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार न्यूनतम कर दिया गया है।
गत चार वर्शों में अवैध खनन और अवैध ढुलान के 38 हजार 982 मामले पकड़े गये हैं जिनसे 19 करोड़ 95 लाख रुपये की जुर्माना राषि वसूल की गई है।
वैज्ञानिक खनन को प्रोत्साहित करने के लिये नियमों में किये गये बदलावों के फलस्वरूप वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 1 हजार 158 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्रित किया गया है जबकि पिछली सरकार द्वारा पांच वर्शों में केवल 711 करोड़ रुपये राजस्व एकत्रित किया गया था।
अवैध खनन तथा ढुलान की दृश्टि से संवेदनषील क्षेत्रों में खनन चौकियां स्थापित की गई हैं। हाल ही में सोलन जिला तथा ऊना में 5 भारोत्तोलक चौकियां स्थापित की गई हैं ताकि ढुलान की निगरानी की जा सके।
खनन् पट्टा आवेदन तथा स्वीकृति के लिये ऑनलाईन पोर्टल आरम्भ किया गया है जिसके माध्यम से सरकार को अब तक 141 करोड़ रुपये एकत्रित किये गये हैं।
ॅध्ग् फार्म के दुरुपयोग को रोकने के लिये इसे ड परिवहन पोर्टल के साथ जोड़ा जाएगा।

 

 

बात कहनी है तो फिर ठोक बजा कर कहिये,
जिस से कहनी हो उसी को ही सुना कर कहिये।
जागते लोगों को बस एक इषारा काफी,
सोने वालों से जो कहना है ज़रा हिला कर कहिये।।

हर चुनौती से दो हाथ मैंने किए,
आँधियों में जलाये हैं बुझते दीये।
अटल बिहारी वाजपेई

मैं तानों की आवाज़ को तालियों के षोर में बदल दूंगा,
ज़रा मुझे कामयाब तो होने दें।

वही बदलते हैं दुनिया को,
जो सम्भव की हर सीमा को जानते हैं।
मंज़िलें उन्हीं को मिलती हैं,
जो असम्भव से आगे निकलना जानते हैं।।

सपने और लक्ष्य में एक ही अन्तर है-
सपने के लिये बिना मेहनत की नींद चाहिए।
और लक्ष्य के लिये बिना नींद की मेहनत।।

अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरन्त समझ नहीं आते,
उन्हें पढ़ना पड़ता है।

अगर तुम्हें यकीं है अपने षक पर,
तो हमें भी षक है तुम्हारे यकीं पर।
बात अगर मतलब की हो तो सब समझ जाते हैं,
लेकिन बातों का मतलब समझना किसी-किसी को आता है।
बहुत चाहा कि तेरी हाँ को हाँ कहूँ,
ज़ुबां पर क्या कहूँ सच की इनायत है।

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