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एपीजी शिमला विश्वविद्यालय ने ऑफ़लाइन कक्षाएं 17 फरवरी से खोलने का किया फैसला

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एपीजी शिमला विश्वविद्यालय 17 फरवरी से सभी पाठ्यक्रमों के लिए ऑफलाइन कक्षाएं करेगा शुरू

सरकार के फैसले का किया स्वागत

शिमला, फरवरी 16

हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 मामलों में तेज गिरावट के मद्देनजर सरकार के आदेश के बाद हिमाचल प्रदेश में सभी शिक्षण संस्थान 17 फरवरी से पूर्ण रूप से खुल रहे हैं ताकि छात्रों की पढ़ाई ऑफलाइन मोड में बेहतर तरीके से हो सकें। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए सभी स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए ऑफ़लाइन कक्षाएं 17 फरवरी से खोलने का फैसला किया है।

एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान की अध्यक्षता में ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों, डीन व विभागाध्यक्षों की मीटिंग में यह फैसला लिया गया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ऑफलाइन कक्षाओं को छात्रहित में सुचारूरूप से चलाने के लिए पूरी तरह तैयार है। शिक्षकों और छात्रों ने सरकार के ऑफ़लाइन कक्षाओं व शिक्षण संस्थानों को 17 फरवरी से पूरी तरह खोल दिए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि लगभग दो साल से ऑनलाइन और मिश्रित ऑनलाइन-ऑफ़लाइन कक्षाओं से ऊब से गए थे लेकिन अब कोविड थोड़ा कमज़ोर होने लगा है तो अब पढ़ाई बेहतर होने की उम्मीद जगी है। छात्रों और शिक्षकों ने कहा कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय की ओर से हालाँकि ऑनलाइन पढ़ाई भी बेहतर तरीके से अभी तक करवाई जा रही थी और किसी तरह की दिक्कत सामने नहीं आई क्योंकि विश्वविद्यालय में डिज़िटल तकनीक बेहतर है। शैक्षणिक अधिष्ठाता व कुलसचिव प्रो. डॉ. अनिल कुमार पॉल ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि बाहरी छात्रों सहित विदेशी छात्रों को शिमला पहुंचने की योजना इस तरह से बनाने की सलाह दी जाती है कि वे अपने संबंधित विभागों को रिपोर्ट करने से तीन दिन पहले अलगाव व कॉर्टिन की अवधि पूरी करें।

प्रतिकुलाधिपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने कहा कि विश्वविद्यालय का पुस्तकालय और प्रयोगशालाएं और कैंटीन 17 फरवरी से खुले रहेंगे और छात्र-छात्राओं को सरकार के दिशा-निर्देशों और यूजीसी द्वारा जारी किए गए कोविड -19 दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा। आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि संकायों के डीन या विभाग प्रमुखों, निदेशकों और प्रसाशनिक अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी शिक्षण, गैर-शिक्षण कर्मचारी और छात्र कोविड के उचित व्यवहार का पालन करें। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि विभागों या छात्रावासों के परिसर, क्लास रूम ठीक से हवादार, सैनिटीज़ड और साफ-सुथरे हों। साथ ही, कॉलेज या विश्वविद्यालय के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों और छात्रों का कोविड टीकाकरण किया हो। इस बैठक में विश्वविद्यालय के मुख्य सलाहकार इंजीनयर सुमन विक्रांत, प्रो. डॉ. नील सिंह ने भी ऑफलाइन कक्षाओं को लेकर अपने सुझाब पेश करते हुए कहा कि ऑफ़लाइन कक्षाएँ व सभी शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने से पढ़ाई और बेहतरीन होगी बरश्ते कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन अवश्य रखें क्योंकि कोविड अभी कमज़ोर जरूर हुआ फिर भी सभी लोग ऐहतियात बरतें।

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