नाटक “अपनी शर्तों पर ” का मंचन
यूनाइटेड थिएटर सोसाइटी एंड आर्ट विलेज संस्था द्वारा 9 अप्रैल को शिमला की ऐतिहासिक गिटी सभागार में नाटक नाटक “अपनी शर्तों पर ” का मंचन किया गया। यह नाटक पुरुष प्रधान व्यवस्था में स्त्री की गहन संवेदना को दर्शाता है दक्षा शर्मा ने अपने कुशल निर्देशन और प्रभावशाली अभिनय के माध्यम से दिनेश धर्मपाल के लिखें इस कहानी नाटक रूप मैं प्रस्तुत किया ।स्त्री अस्तित्व की लड़ाई का यह सिलसिला कब तक यूं ही चलता रहेगा। स्त्री के जीवन पर पति का मालिकाना हक परंपरागत रूप से रहा है । अपने जीवन के हर फैसले के लिए वह पति पर निर्भर रहती है। वह महज एक वस्तु मात्र है यह भारतीय समाज की विडंबना है ।आज के समय के साथ बदलाव तो आया है किंतु यह बदलाव महज आंकड़ों तक ही सीमित है नाटककार ने भारतीय समाज के एक बहुत बड़े समूह और वर्ग विहीन समाज की पीड़ा को अपनी संवेदना का विषय बनाया है जिसे दक्षा शर्मा ने अपने कुशल निर्देशन के द्वारा मंच पर परोसा है ।नाटक एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने पति का घर हमेशा के लिए छोड़ कर आ जाती है। अपने अस्तित्व को बचाने के लिए हत्या ,आत्महत्या, और मानसिक यातनाओं की पीड़ा आखिर कब तक स्त्री झेलती रहेगी ।इन्हीं सब प्रश्नों को खड़ा करता यह नाटक ” अपनी शर्तों पर ” बेहद सफल रहा चेतन कपूर, वेद कुमार, विशाल ,मनीष कुमार, राजेंद्र के कुशल अभिनय ने नाटक कोऔर प्रभावशाली बनाया रोहित शर्मा ने बहुत ही खूबसूरत संगीत से नाटक को गति प्रदान की। नाटक की निर्देशक दक्षा शर्मा ने बताया कि हिमाचल के लेखकों की कहानियों पर नाटक करना इसलिए भी चुना गया क्योंकि हिमाचली साहित्यकारों ने बेहतरीन साहित्य सृजन किया है और उनके लेखन को नाटक के रूप में दर्शकों तक पहुंचाना रंगकर्मी होने के नाते उनकी जिम्मेदारी है ।