ललिता वकील ने चम्बा रूमाल के संरक्षण और संवर्धन के लिए अथक परिश्रम किया – मलिका नड्डा
ललिता वकील ने चम्बा रूमाल के संरक्षण और संवर्धन के लिए अथक परिश्रम किया है, आज चम्बा रूमाल की देश और दुनिया में विशेष पहचान है : मलिका नड्डा
शिमला, हिमाचल प्रदेश के दो प्रतिष्ठित व्यक्ति विद्यानंद सरेक , एक लोकप्रिय पहाड़ी साहित्यकार और ललिता वकील , एक चम्बा ” रूमाल ” कलाकार हैं को पदमश्री मिलने पर विशेष ओलम्पिक की अध्यक्षा डॉ . मल्लिका नड्डा ने बधाई दी है । उन्होने यह भी बताया कि सिरमौर , राजगढ़ क्षेत्र के देवठी मझगांव निवासी प्रसिद्व साहित्यकार , कलाकार और लोकगायक 200 से अधिक सम्मान प्राप्त करने वाले विद्यानंद सरेक को वर्ष 2018 में राष्ट्रपति अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है । ललिता वकील के बारे में बताते हुए उन्होने कहा कि चम्बा रूमाल के संरक्षण और संवर्धन के लिए अथक परिश्रम किया है जिसके कारण आज चम्बा रूमाल की देश और दुनिया में विशेष पहचान है । ललिता वकील महिलाओं और लड़कियों को चम्बा रूमाल बनाना सिखाती हैं । उनकी प्रेरणा से आज कई महिलाएं और लड़कियां चम्बा रूमाल बनाकर अपने घर की अजीविका चला रही हैं । यह साधन संपन्न लोगों की वित्तीय सहायता से गरीब बच्चों को पढ़ाने में भी मदद करती हैं । उन्होनें कहा कि चम्बा रूमाल को नई बुलदियों पर पहुंचाने वाली ललिता वकील को 2018 में नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा जा चुका है । इसके पहले वर्ष 1993 तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा और 2012 में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा इन्हे शिल्प गुरू सम्मान से नवाजा गया | डॉ . मल्लिका के प्रयासों से माह दिसम्बर , 2021 में हिमाचली कलाकारों को बढ़ावा देने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ललित ग्रुप ऑफ हॉपिटैलटी के सौजन्य से होटल ललित में एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था । एक सप्ताह तक चली इस प्रदर्शनी में ललिता वकील को उल्लेखनीय उपलब्यििां हासिल करने तथा चम्बा रूमाल , हिमाचली कला और शिल्प को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया था । स्वर्णिम हिमाचल के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम से कला एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वधान द्वारा हिमाचल के व्यंजनों , कलाओं , चम्बा रूमाल , रंगमंच कलाकार इत्यादि को प्रोत्साहन देने का यह कार्यक्रम पहली बार राजधानी दिल्ली में मनाया गया है ।