समाज के हर क्षेत्र में महिलाएं निभा रही है अहम भूमिका-रीना कश्यप
1 min readनाहन 08 मार्च – महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीति, खेलकूद व प्रशासन सहित हर क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रही है और पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर समाज को विकसित करने में अपना योगदान दे रही है। यह वाक्य आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नाहन के चौगान मैदान में विधायिका पच्छाद रीना कश्यप ने बतौर मुख्यातिथि दो दिवसीय जिला स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किये।
इस अवसर पर रीना कश्यप ने सभी को महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि एक समय ऐसा भी था जब लड़कियों के पैदा होने पर परिवार में शोक मनाया जाता था और महिलाओं का कई प्रकार से शोषण किया जाता था। मगर अब समाज में परिर्वतन शुरू हो चुका है। आज लडकियां लडकों के मुकाबले हर क्षेत्र में आगे है।
उन्होंने कहा कि आज महिला सशक्तिकरण का दौर है सरकार महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार द्वारा पेश किये गए बजट में आशा वर्कर व आंगनवाडी वर्करों का मानदेय बढाया गया है। उन्होनें बताया कि सरकार ने 65 वर्ष से अधिक आयु की सभी बुजुर्ग महिलाओं के लिए बिना शर्त एक हजार रूपये सामाजिक सुरक्ष़्ाा पेंशन की घोषणा की है जोकि सरकार का एक सराहनीय कदम है। इस योजना से बुजुर्ग महिलाआंे को आर्थिक रूप से बच्चों के उपर निर्भर नही रहना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने बजट में शगुन योजना की घोषणा की है जिसके तहत अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवार की बेटियों के विवाह के समय सरकार की ओर से 31 हजार रूपये का अनुदान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उपायुक्त सिरमौर डॅा0आर0के0परूथी के प्रयासों से बागपशोग पंचायत में निर्मित शी-हाट से सिरमौर को राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने महिलाओं को स्वरोजगार देने के लिए शी-हाट को प्रदेश के अन्य जिलों में भी खोलने की घोषणा की है। इस तरह का प्रयास महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज हर घर में बेटा-बेटी दोनो को अच्छे संस्कार देने की आवश्यकता है और बेटो को महिलाओं का सम्मान करने व समाज में महिलाओं के योगदान के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज की बेटी किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं है। जरूरत है समाज में ऐसे वातावरण को तैयार करने की जिसमें महिलाएं अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सके।
उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित अध्यक्षा नगर परिषद श्यामा पुंडीर, बीडीसी अध्यक्षा अनिता, अतिरिक्त उपायुक्त सिरमौर प्रियंका वर्मा, अरण्यपाल वन विभाग सिरमौर सरिता दवेदी, परियोजना अधिकारी ग्रामीण विकास विभाग कल्याणी गुप्ता, आरटीओ सोना चौहान, वरिष्ठ चिकित्सक आयुष विभाग मंजु शर्मा जैसी महिलाएं सिरमौर में महिला सशक्तिकरण का उदाहरण है।
इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त सिरमौर प्रियंका वर्मा ने मुख्यातिथि का शॉल टोपी व एलोवेरा का पौधा देकर स्वागत किया और कहा कि समाज तभी विकास कर सकता है जब महिला को बराबर का दर्जा मिले। उन्होंने कहा कि हमें अपनी मानसिकता में बदलाव लाने की आवश्यकता है ताकि समाज में कन्या भ्रूण हत्या व घरेलू हिंसा जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की संगडाह खण्ड की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने नाटक प्रस्तुत करते हुए लोगों को कोरोना के बारे में जागरूक किया। इस अवसर पर सभी विभागों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 100 से अधिक महिलाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया और जिला में स्वयं सहायता समूह को उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया जिसमें शी-हाट सोसायटी पंचायत बाग पशोग, आशा स्वयं सहायता समूह मोगिनंद, पांवटा साहिब से सरस्वती सहायता समूह, शिलाई से शेरांवाली स्वयं सहायता समूह को सम्मानित किया गया।
दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पीओ डीआरडीए विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चौगान मैदान में सिरमौरी फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है जिसका शुभारंभ आज विधायिका रीना कश्यप ने किया। फूड फेस्टीवल में सिरमौरी व्यंजनों में खीर पटाडे, बढौली, सिडडू, चिलडे़, घी-शक्कर, भगजीरा वाली मिठ्ठी रोटी, खोया तिल शक्कर, लुशके, अशकली, पूडे, साग व मक्की की रोटी, मक्खन लस्सी, प्रमुख व्यंजन मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेंगे।
इस कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक केसी शर्मा ने महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने का आवाहन भी किया।
इसके अतिरिक्त, जिला के स्वयं सहायता समूहों ने लोकल फोर वोकल थीम के अतंर्गत जिला में स्थानीय स्तर पर निर्मित वस्तुओं की प्रर्दशनी लगाई है जिसे स्थानीय लोग खरीद सकते है। इस वस्तुओं में राजमाह, अखरोट, सोयाबीन, उडद की दाल, देसी घी, मक्की का आटा, मडवा, जौ का आटा, हल्दी, मिर्च, अदरक, आलू, हरे मटर, आचार, लहसुन, हर्बल शैम्पू, गुलाब जल, साबुन, बर्तन बार, लकड़ी से निर्मित सजावट का सामान, बेडशीट, सोफे के कवर व स्वेटर प्रमुख है।