कुल्लू के हस्तशिल्प व व्यंजनों को पहुंचाएंगे देश-दुनिया तक-ऋचा वर्मा
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कुल्लू 8 मार्च – उपायुक्त डाॅ. ऋचा वर्मा ने कहा कि कुल्लू के परिधान बहुत विशेष हैं और इन्हें देश-दुनिया तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। वह सोमवार को कुल्लू के ऐतिहासिक लाल चंद प्रार्थी कला केन्द्र में आयोजित जिला स्तरीय अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर संबोधित कर रही थी। उन्होंने जिला की समस्त महिलाओं को महिला दिवस की बधाई व शुभकामनाएं भी दी।
डाॅ. ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला में लगभग हर घर में हाथों से बेहतरीन किस्म के ऊनी परिधानों को तैयार किया जाता है। इनमें शाॅल, टोपी, दोहडू, व पट्टु विशेष रूप बनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि पट्टु का पहरावा महिलाओं में प्रचलित है और यह परिधान बहुत खूबसूरत होने के साथ-साथ सर्दी और गर्मी से महिलाओं का बचाव करता है। यह काफी मंहगा परिधान है। उन्होंने कहा कि इतनी उच्च क्वालिटि के वस्त्रों का जिला से बाहर प्रचार नहीं हो पाया है। स्वर्णिम हिमाचल समारोहों की कड़ी में इसके लिए क्राफ्ट मेलों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला में लाखों की संख्या में हर साल देसी व विदेशी सैलानी आते हैं और यहां के परिधानों को सुंदर ढंग से प्रदर्शित करके देश व दुनिया में पापुलर बनाया जाएगा।
उपायुक्त ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों व महिला मण्डलों के माध्यम से कुल्लू में साड़ी का भी निर्माण करवाया जाएगा। इसके लिए चैड़ी व आधुनिक खड्डियां महिलाओं को प्रदान करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि साड़ी एक ऐसा परिधान है जिसे हर क्षेत्र की महिलाएं पहनती हैं। जिला में प्रचलित ऊन, पशमीना व अंगोरा की साड़ियां तैयार करके इनका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा तथा विपणन की समुचित व्यवस्था की जाएगी। इससे महिलाओं की आर्थिकी में बड़ा बदलाव आ सकता है। इसके अलावा, बड़े पैमाने पर काश्तकारी खिलौने तेयार करवाएं जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिला के हस्तशिल्प व हथकरघा को बढ़ावा देने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
कुल्लू के व्यंजन भी हैं लाज़वाब
डाॅ. ऋचा वर्मा ने कहा कि कुल्लू जिला के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत लजीज व्यंजन तैयार किए जाते हैं। इनमें सिड्डू के अलावा खनोर का हलवा, मूंग दाल के चिलड़े व मारचु इत्यादि प्रमुख हैं। ये पकवान स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्यप्रद भी हैं और अनेक बीमारियों से लड़ने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में बड़े पैमाने पर फूड फेस्टिवल का आयोजन करके इन व्यंजनों को प्रदर्शित किया जाएगा।
माहवारी में स्वच्छता न रखने से हो सकता है बांझपन
उपायुक्त जिला में चलाए गए संवेदना अभियान पर चर्चा करते हुए कहा कि अभियान का उद्देश्य महिलाओं को माहवारी के दौरान स्वच्छता के बारे में जानकारी प्रदान करना तथा उन्हें अनेक बीमारियों से बचाना है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता न रखने से महिलाओं में बांझपन भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के ब्रेस्ट केंसर व सर्वाइकल की जांच घर-घर जाकर चिकित्सकों से करवाएंगें ताकि बीमारी का आरंभ में ही पता लग सके और इसका उपचार किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिला में किशोरियों को सेनेटरी पैड वितरित किए जा रहे हैं ताकि माहवारी के दौरान स्वच्छता को सुनिश्चित कर सके। उन्होंने कहा कि इनके निस्तारण के लिए सेनेटरी इन्सीनेटर भी विभिन्न स्कूलों व गांवों में उपलब्ध करवाए गए हैं और इनकी समीक्षा की जा रही है। यदि परिणाम सार्थक रहते हैं तो जिला में और अधिक सेनेटरी इन्सीनेटर उपलब्ध करवाएं जाएंगे। उन्होंने संवेदना अभियान को जिला के प्रत्येक घर तक ले जाने के लिए महिलाओं से अपील की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सुशील चन्द्र ने कोविड-19 कोवेक्सीन को लगवाने के विभिन्न चरणों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य कर्मियों को यह वैक्सीन लग चुकी है और किसी को कोई दिक्कत नहीं आई। उन्होंने कहा कि 60 साल से उपर की आयु के लोगों को कोवेक्सीन लगाई जा रही है। इसके लिए अपने घर परिवारों से वरिष्ठ नागरिकों को चिन्हित केन्द्रों तक पहुंचाने में मदद करें। उन्होंने हिमकेयर योजना पर भी प्रकाश डाला।
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव अनिल शर्मा ने महिलाओं के विधिक अधिकारों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा, महिलाओं के लिए मुफत कानूनी सहायता व यौन शोषण में सजा व जुर्माने के प्रावधानों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।
परियोजना अधिकारी डीआरडीए सुरजीत ठाकुर ने स्वच्छता अभियान के अलावा ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि अनेक अभियान प्रदेश सरकार ने चलाए हैं, इन्हें मूर्तरूप देने के लिए सर्वप्रथम पहल अपने घर से करें।
महिला कल्याण मण्डल की सदस्या शालिनी वत्स ने भी अपने विचार रखें।
इससे पूर्व, जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकुमारी ने स्वागत किया तथा महिला व बाल विकास विभाग की योजनाओं की जानकारी दी।
विभिन्न आंगनवाड़ी केन्द्रों की महिलाओं ने इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जिनमें कुल्लवी नाटी की विशेष धूम रही।
उपायुक्त ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें सम्मानित भी किया। इनमें नगर परिषद की पार्षद शालिनी राय, अमीना महंत, निर्मला देवी, उमा पाॅल, कुब्जा ठाकुर व आशा मंहत, पत्रकारिता के लिए सपना देवी, रेणु गोस्वामी व कमलेश कुमारी, खेल में गोदावरी, एनसीसी में जुबेदा बोद्ध, हिन्दी कविता लेखन में आजस्वनी सचदेवा, ताई क्वांडों में प्रियंका, राष्ट्रीय खेलों में शिवानी ठाकुर, दसवीं में जिला में प्रथम आई रूचि कुमारी व जमा दो में मीना ठाकुर, पुलिस से गरिमा सूर्य, सुषमा देवी व आशा कुमारी, आंगनवाडियों से मंजुला, अंजना, वेदा, सलोचना, योगेश्वरी, अनिता, निर्मला, कांता, किमती देवी, सुमन, कुशाला, विद्या देवी, कला देवी, रेखा, रजनी, आली देवी व सुष्मिता शामिल हैं।
जिला स्तर पर बजौरा के ग्रामीण संगठन नई दिशा को 7000 रुपये, स्वंय सहायता समूह नाग धूमल को 7 हजार का प्रथम पुरस्कार, स्वंय सहायता समूह आशा पुरी को 5 हजार जबकि श्रृष्टि को 3000 रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किए गए। इसी प्रकार, खण्ड स्तर पर तीन स्वयं सहायता समूहों जिनमें आस्था को 5 हजार, हडिम्बा को 5 हजार, शूरड़ स्वंय सहायता समूह हो 3 हजार जबकि महिला शक्ति मोहल को 2 हजार के नकद पुरस्कार प्रदान किए गए। बाल विकास परियोजना कुल्लू के तहत 30 अंागनवाडी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं को भी सम्मानित किया गया।