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गांवों में जल भण्डारण टैंकों का निर्माण किया जाएगा-डीसी

कुल्लू 21 दिसम्बर। उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने कहा कि जिला में पिछले कुछ महीनों के दौरान आगजनी की अनेक घटनाएं हुई हैं, जिनमें अनेकों मकान आंग भी भेंट चढ़ गए और बहुत से घरों को क्षति पहुंची है। लोगों की सम्पति का भी नुकसान हुआ है। वह जिला में पंचवटी योजना तथा मनरेगा के तहत विभिन्न विभागों के समन्वय से किये जाने वाले विभिन्न कार्यों के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने मझाण व मलाणा गांव का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि इन गांवों तक पहुंचना कठिन है जिसके कारण नुकसान अधिक हुआ है। इस प्रकार की घटनाओं से नुकसान को कम करने के लिये भविष्य में आवश्यक कदम उठाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिला के ऐसे संवदेनशील गांवों में जल भण्डारण टैंकों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि टैंकों का निर्माण वन विभाग द्वारा जल शक्ति विभाग के सहयोग से मनरेगा तथा अन्य मद्दों में किया जाएगा। बहरहाल 110 टैंकों के निर्माण के लिये प्राक्कलन तैयार किया गया है।
आशुतोष गर्ग ने कहा कि आगजनी की घटनाओं के दौरान जिन गांवों तक फायर टेण्डर अथवा बचाव दल जल्द नहीं पहुंच पाता, वहां पर प्राथमिकता के आधार पर गांव के उपर जल भण्डारण टैंकों का निर्माण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि टैंकों के निर्माण के समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि टैंक पूरी तरह से सुरक्षित हो और गांव को इससे भविष्य में किसी प्रकार का खतरा न हो। टैंकों का डिजाईन तथा अन्य तकनीकी सहयोग जल शक्ति विभाग के अभियंताओं द्वारा किया जाएगा। विभिन्न विभाग मनरेगा के तहत अधिकांश कार्य करवा सकते हैं। जल शक्ति विभाग ने अवगत करवाया कि मझाण गांव के लिये स्टील ढांचे का टैंक डिजाईन किया गया है। दूरस्थ क्षेत्रांें में इसी प्रकार के टैंकों का निर्माण किया जाएगा ताकि आगजनी की घटना के समय पानी की आपूर्ति टैंकों से की जा सके। इसके अलावा जल भण्डारण बफर टैंकों का इस्तेमाल गर्मियों में तीन माह पानी की कमी वाले क्षेत्रों में किया जा सकता है। उपायुक्त ने खण्ड विकास अधिकारियों को ऐसे गांवों का चयन करने को कहा जहां सबसे पहले जल भण्डारण टैंक की जरूरत है।
उपायुक्त ने पंचवटी योजना के तहत जिला की विभिन्न ग्राम पंचायतों में प्रस्तावित वाटिकाओं की प्रगति के बारे में भी संबंधित विभागों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि वाटिकाओं का निर्माण भी मनरेगा के तहत विभागीय अभिसरण के तहत किया जा सकता है। उन्होंने योजना को धरातल पर उतारने के लिये विभागों को वाटिकाओं का निर्माण करने की प्रक्रिया तेज करने को कहा।
अरण्यपाल अनिल जोशी ने वन विभाग द्वारा मनरेगा के तहत की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी दी।

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