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हिमाचल प्रदेश के मंदिरों को बंद करने के फरमान पर भड़का व्यापार मंडल चामुंडा मंदिर

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जिला कांगड़ा के विश्व विख्यात चामुंडा नंदीकेश्वर धाम व्यापार मंडल की आपात बैठक आज प्रधान अमित मेहता और बॉबी गोस्वामी की अध्यक्षता में की गई जिसमें व्यापार मंडल के सभी व्यापारियों ने भाग लिया। बैठक में चर्चा हुई कि प्रदेश सरकार ने मंदिरों को 23 अप्रैल से बंद करने का जो फरमान जारी किया है जिसका व्यापारी वर्ग ने कड़े शब्दों में विरोध किया है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि सरकार दबारा इस फैसले पर पुनर्विचार करें ताकि व्यापारी वर्ग में किसी भी प्रकार का प्रहार उनकी रोजी रोटी पर न हो।

धार्मिक स्थलों के दुकानदार केवल मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं से होने वाली आय पर ही निर्भर हैं। यदि मंदिर बंद हो जाते हैं तो बहुत सारे लोगों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ जाएगी और भूखे मरने तक की नौबत आ जाएगी। इसलिए सरकार से आग्रह है कि पुनः एसओपी जारी करें और सख्ती बढ़ाई जाए। लेकिन मंदिरों को बंद ना किया जाए और मंदिर बंद करने भी हैं तो शनिवार और रविवार के दिन मंदिरों को ही बंद किया जाए। व्यापार मंडल के प्रधान अमित मेहता और उप प्रधान बॉबी गोस्वामी का कहना है कि एक तरफ तो सरकार के द्वारा सभी पर्यटन स्थल खुले रखे गए हैं और केवल मंदिरों को ही बंद किया जा रहा है ऐसे आदेश सरकार द्वारा पारित किए गए हैं।

यदि मंदिरों को बंद किया गया तो दोबारा एक बार दुकानदारों की रोजी रोटी के लाले पड़ जाएंगे और कई व्यापारियों ने बैंकों से लाखों रुपए का लोन ले रखा है उसका ब्याज दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। पिछले 1 साल से कई व्यापारी बैंकों की किस्तें भी नहीं दे पा रहे हैं जिससे बैंकों का ब्याज भी बढ़ रहा है। ना ही प्रशासन के द्वारा किराया माफ किया गया है और बिजली के बिल भी माफ नहीं किए गए हैं। इसलिए मंदिरों को बंद न किया जाए। पहले से ज्यादा सख्ती के साथ धार्मिक स्थलों को खुला रखा जाए और व्यापारियों द्वारा बैंकों से लिए ऋणों के ऊपर लगने वाले ब्याज, बिजली बिल, दुकान किराया आदि को माफ किया जाए और हमारे परिवारों के तरफ भी ध्यान दिया जाए।

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