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चित्रकारी एवं मुर्तिकला में देश-विदेश  में पहचान बना चुके है विलासपुर के चित्रकार विजयराज उपाध्याय

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हिमाचल के दिल में बसे बिलासपुर शहर ने एक ऐसे चित्रकार को जन्म दिया है जो न केवल मर्तिकला में अपनी पहचान देश-विदेश स्तर तक बना चुका है बल्कि रंगमचं और अन्य विविध गतिविधियों में भी बिलासपुर के नाम को अतंरराष्ट्रीय स्तर तक पहुचाया है। मूर्तिकार विजयराज उपाध्याय किसी पहचान के मोहताज नहीं है। जिला बिलासपुर में माता स्व. ललिता उपाध्याय व पिता स्व० प्यारेलाल उपाध्याय के घर 29 मई 1972 को जन्मे विजयराज उपाध्याय कलाकार की तूलिका में जितना दम है उतना ही विभिन्न प्रकार की कलाओं में भी इन्हें महारत हासिल है।

म्यरूल आर्ट के साथ-साथ आयल पेंटिगं और वुडवर्क में इनकी कलाकृतियों का कोई सानी नहीं है। इनकी कृतियों को भारत ही नहीं अपितु विदेशों में भी प्रशंसा मिल रही है। वियराज उपाध्याय जिला बिलासपुर की रेडक्रॉस सोसाइटी अस्पताल शाखा के सीनियर वाइस चेयरमनै हैं। इन्होने कोरोना काल में असहायों की सहायता की और काउंसलिगं के द्वारा उन्हें कला के प्रति जागरूक किया ताकि लोग कला के क्षेत्र से जुड़  सकें।

मर्तिकला के क्षेत्र में किए गए कार्यों का सक्षिंप्त विवरण किया जाए तो इन्होने मंडी जिला के सुन्दर नगर में कारगिल शहीद नरेश कुमार की 7 फीट ऊंची प्रतिमा, जवाहरलाल नेहरू इंजीनियरिगं कॉलेज में शेर के परिवार की सुन्दर कृति, पॉलिटेक्निकल कॉलेज के प्रांगण में मां सरस्वती व विवेकानदं की प्रतिमा का निर्माण किया है। हिमाचल कि सस्ंकृति को दर्शाती हुई 25 कृतियों का निर्माण जिसे नगर परिषद सुन्दर नगर द्वारा बनवाया गया है। बिलासपुर के बदंला में 18 फुट उंची हनुमान जी की मर्ति व वीर जनरल जोरावर सिहं की मर्ति बना कर भी अपनी कला का लोहा मनवाया है जबकि पूर्णम मॉल की दीवारों पर बिलासपुर का इतिहास दर्शाया है। हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय में गणित के प्रसिद्ध विद्वानों की 12 मर्तियां का निर्माण किया। इनकी प्रमुख कलाकृतियों में निफरतारी, बचपन, द टाइम प्रमुख हैं। बिलासपुर के हिमाचल स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान विभिन्न विभागों में म्यरूल आर्ट के द्वारा कई प्रकार की कलाकृतियां बनाई गई जिनमें पर्यावरण सरंक्षण को बढ़ावा देते हुए कार्य किया है। एक ईंट शहीद के नाम पर बने शहीद स्मारक बिलासपुर में शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कलाकृतियां बनाई जिन्हें कारगिल युद्ध से जोड़ा गया। विभिन्न कार्यशालाएं लगाकर प्रदेश के यवुओं को कला के बारे में जागरूक कर रहे हैं ताकि यवुओं को इस क्षेत्र में रोजगार से जोड़ा जा सके। भाषा एवं सस्ंकृति हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जिला बिलासपुर में कलाकारों एवं साहित्यकार को मचं प्रदान करने हेतु नव निर्मित अन्तरंग सभागार के प्रवेश द्वार पर कलाकृतियां बनाई।

कांगड़ा चामुंडा मदिंर में 40 पेंटिगं बनाई हैं जिनमें 20 में कृष्ण लीला और अन्य 20 में रामलीला का चित्रण है। मंडी जिला के बिंद्रावन में हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी मूर्तियाँ और बाहरी डिजाइन का काम किया है। उना जिले के बगाणा इको पार्क में वहां के प्रसिद्ध मदिंरों का चित्रण किया है। एनटीपीसी कोलडेम बरमाना में पर्यावरण सरंक्षण को बढ़ावा देते हुए विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों का निर्माण किया गया है। मनु की नगरी मनाली में एक विशाल सेल्फी प्वाइंट जिसमें हिमाचली सस्ंकृति को दर्शाती हुई पहाड़ी नाटी का म्यरूल बनाया जिसे देश विदेश के लोगों द्वारा सराहा जा रहा है। भाषा विभाग के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर कला प्रदर्शनी का आयोजन किया है। विजयराज उपाध्याय द्वारा अब तक ज्वलन्त मुदों पर जैसे साक्षरता मिशन, नशा निवारण, यातायात के नियमों कि पालना एवं रक्तदान, राष्ट्रीय एकता इत्यादि विषयों पर लगभग 15000 कृतियों का निर्माण किया हैं।

सम्मान एवं प्रशस्ति पत्र

हिमाचल की तत्कालीन राज्यपाल वीएस रमादेवी द्वारा 2004 में प्रशंसा पत्र जबकि हिमाचल के भाषा सस्ंकृति की सचिव मनीषा नंदा द्वारा 2010 में प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया है। मनाली में होने वाले राष्ट्रीय विटंर कार्निवल-2008-09 में मात्र चार मिनटों के अदंर पूरी पेंटिगं बनाकर प्रथम परुस्कार प्राप्त किया।

विजयराज उपाध्याय को अप्रलै 2022 में कला के क्षेत्र में अभतूपूर्व योगदान के लिए हिमाचल प्रदेश के सर्वोच्च पुरस्कार हिमाचल गौरव से सम्मानित किया गया। उन्हें यह पुरस्कार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चंबा में हुए पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह में प्रदान किया।

हिमाचल ऑल इंडिया आर्ट वर्कशॉप में प्रतिभागी के रूप में भाग लिया है। इस वर्कशॉप के समापन पर तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा ने सम्मानित किया। हनुमान मर्ति निर्माण के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा द्वारा विशेष तौर पर सम्मानित किया गया है।

चेतना संस्था एवं स्पेशल ओलपिंक भारत जैसी नामी जनसेवा संस्थाओं में विभिन्न गतिविधियों के लिए संस्था की महासचि व डॉ मल्लिका नड्डा ने व्यास गौरव सम्मान से सम्मानित किया है।

उड़ीसा में आयोजित राष्ट्रीय कला कार्यशाला में राष्ट्रीय अवार्ड व युवा सेवा और खेल मंत्रालय भारत द्वारा राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित किया गया है। नेशनल विटंर कार्निवल में सर्वोच्च कला सम्मान तथा हिमाचल प्रदेश यूनिवार्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर डा. सिकंदर द्वारा सम्मानित किया गया है।

अन्य उपलब्धियां

विजयराज ने अभिनय में भी अपना लोहा मनवाया है। शिमला के गेयटी थियेटर, मनाली की मनु रंगशाला, बिलासपुर का किसान भवन और बिलासपुर के राम नाटक मचंन से जुड़कर 13 साल तक रावण का जोरदार किरदार निभाकर हजारों दर्शकों का दिल जीता है। बदलता जमाना नाटक में इन्हें शिमला के गेयटी थियेटर मे बैस्ट एक्टर के खिताब से नवाजा गया है। विजयराज समाज सेवा से जुड़कर रक्तदान कर कई लोगो को जीवन दान दे चुके है और अब तक 90 बार रक्तदान कर चुके हैं। वर्तमान में पर्यावरण स्वच्छता के दृष्टिगत प्लास्टिक के कचरे से मूर्तियां बनाकर एक पार्क के निर्माण कार्य  कि एक योजना पर कार्य कर रहे है।

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