पवित्र डल झील तोड़ने की परंपरा का आयोजन 21 सितंबर
मणिमहेश यात्रा के दौरान पवित्र डल झील तोड़ने की परंपरा का आयोजन 21 सितंबर को होगा। इस परंपरा के अनुसार, शिव के चेले (गूर) संचूई गांव से डल झील जाकर उसे तोड़ेंगे। इसके पूर्व, वे 18 सितंबर को संचूई गांव से चौरासी मणिमहेश मंदिर के लिए रवाना करेंगे और 18 और 19 सितंबर को वहां श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देंगे। 20 सितंबर को, वे मणिमहेश मंदिर से धन्छौ के लिए प्रस्थान करेंगे। 21 सितंबर को उनका प्रमुख कार्यक्रम होगा, जब वे डल झील को तीन बार परिक्रमा करके तोड़ेंगे।
इस परंपरा के दौरान, शिव के चेले संचूई गांव से चलकर राधाष्टमी के दिन डल झील को पार करेंगे, जिसकी तिथि 21 सितंबर है। शुक्ला सप्तमी तिथि 21 सितंबर को 2:14 बजे शुरू होगी और 22 सितंबर को 1:15 बजे तक चलेगी।
यह परंपरा मणिमहेश यात्रा के महत्वपूर्ण हिस्से में समाहित है और श्रद्धालु इसे मान्यता हैं, जब वे यात्रा करते हैं। इस परंपरा के अनुसार, डल झील को तोड़ने से यात्रा पूरी होती है और उनके मनोकामनाएं पूरी होती हैं।