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प्रसासन और लारसन एण्ड टरबों कम्पनी की टीम ने किया गोविद सागर झील का सयुक्त निरिक्षण

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बिलासपुर 15 जुलाई- उपायुक्त बिलासपुर ने जानकारी देते हुए बताया कि गोविंद सागर झील में समा चुके बिलासपुर के प्राचीन ऐतिहासिक मंदिरों को पुनर्स्थापित करने के लिए 1400 करोड़ की परियोजना बनाई गई है। उन्होने कहा कि इस योजना को कार्यन्वित करने के लिए आज लार्सन एण्ड टबरो कम्पनी( एलएण्डटी) की टैक्नीकल टीम द्वारा प्रसासन  के साथ सयुक्त रूप से इस योजना को अन्तिम रूप देने के लिए सभी सम्भावनाओ को तलासते हुए गोविन्द सागर झील और इसकी डीपीआर तैयार करने के लिए सभी चिन्हित स्थानों का निरिक्षण किया।
उन्होने कहा इस योजना कोे तीन चरणों में कार्यान्वित करने का प्रस्ताव है। माननीय मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार इस परियोजना को अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से पूरा किया जाएगा। परियोजना के पहले चरण में इन मंदिरों को नाले का नौण में पुनर्स्थापित करने का प्रस्ताव है। इसी परियोजना के दूसरे चरण में सांडू के मैदान को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। तीसरे चरण में मंडी भराड़ी के पास बैराज बनाकर मंदिरों के आस-पास एक जलाशय बनाया जाएगा। इसमें रिवर फ्रंट और वॉकवेज इत्यादि विकसित किए जाएंगे। इस महत्वाकांक्षी योजना के माध्यम से जहां बिलासपुर एक आदर्श पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होगा, वहीं इससे बिलासपुर का पुराना इतिहास और संस्कृति भी पुनर्जीवित होगी, जिससे हर बिलासपुर वासीयों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त बिलासपुर अनुराग चन्द्र शर्मा, सहायक आयुक्त उपायुक्त गौरव चौधरी, पीओडीआरडीए और राजस्व विभाग की टीम और लारसन एण्ड टरबो कम्पनी की टैक्नीकल टीम उपस्थित रही।

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