डॉक्टरों की मांगे बिल्कुल जायज – सीपीएम
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भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) प्रदेश सरकार से मांग करती है कि प्रदेश में डॉक्टरों के द्वारा अपनी जायज मांगों को लेकर की जा रही हड़ताल को समाप्त करने के लिए तुरन्त हस्तक्षेप कर इनसे बातचीत करे तथा इनकी मांगो को मान कर इस हड़ताल को समाप्त करवाया जाए ताकि अस्पतालों में नियमित व सुचारू रूप से इलाज़ आरम्भ करवाया जा सके। डॉक्टर काफी समय से सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रख रहे हैं परन्तु सरकार इनकी मांगो पर कोई भी गौर नहीं कर रही है और अब डॉक्टरों को सरकार के इस अड़ियल रवय्ये के कारण मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ा है। इस हड़ताल के कारण आज प्रदेश भर में जनता को इलाज़ करवाने मे भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सीपीएम डॉक्टरों की मांगों को बिल्कुल जायज मानती है और इनकी मांगे जिसमें मुख्यतः छठे वेतन आयोग में वेतन विसंगतियों को दूर कर वेतन को पंजाब के आधार पर तय करना, नॉन प्रैक्टिस भत्ता(NPA) जो 25% से घटा कर 20% कर दिया है उस कटौती को समाप्त किया जाए तथा पंजाब के वेतनमान के आधार से ₹2.37 लाख पर ही तय किया जाए, प्रोमोशन में 4-9-14 को लागू किया जाए, PG व अन्य डॉक्टरों को विशेषज्ञ भत्ता दिया जाए तथा इसके साथ कॉन्ट्रेक्ट आधार पर भर्ती डॉक्टरों के 40% कटौती को समाप्त कर पूर्ण ₹57100 के वेतनमान के आधार पर वेतन प्रदान किया जाए।
आजके दौर में मानव विकास में स्वास्थ्य सेवाओं तथा इसमें डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का महत्वपूर्ण योगदान है। कोरोना काल मे डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। परन्तु सरकार इनकी सेवाओं व योगदान को बिल्कुल भी ध्यान में नहीं रख रही है और इनकी जायज़ मांगो पर गौर तक नहीं कर रही है। सरकार का इनके प्रति इस उदासीन रवय्ये के कारण आज डॉक्टरों में निराशा है जिसके कारण इनको मजबूरन हड़ताल पड़ा हैं और इस हड़ताल से जनता की परेशानी और अधिक बढ़ी है। सरकार को अपना संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करते हुए डॉक्टरों से तुरन्त बातचीत कर इनकी मांगो को मान कर इस हड़ताल को समाप्त करे तथा जनता को राहत प्रदान करे।