Himachal Tonite

Go Beyond News

तकनीकी शिक्षा को 8 भारतीय भाषाओं में पढ़ाए जाने का निर्णय महत्वपूर्ण तथा स्वागत योग्य: अभाविप

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, तकनीकी शिक्षा को अगले अकादमिक सत्र से 8 भारतीय भाषाओं में पढ़ाए जाने का अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के निर्णय को महत्वपूर्ण मानती है तथा इसका अभिनंदन करती है। अभाविप ने 2016 में शिक्षा मंत्री (तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री) को दिए ज्ञापन में यह माँग की थी जो आज साकार हो रही है।

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद का यह निर्णय विशेषतः ग्रामीण तथा जनजातीय क्षेत्रों के युवाओं के लिये महत्वपूर्ण तथा लाभप्रद सिद्ध होगा तथा ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के छात्रों के सपनों को साकार करने में सहायक होगा।

तकनीकी शिक्षा की उपलब्धता भारतीय भाषाओं में न होने के कारण पिछड़े, ग्रामीण तथा जनजातीय क्षेत्रों के छात्र इससे वंचित रह जाते थे। तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई मुख्यतः अंग्रेजी भाषा में होने के कारण अंग्रेजी में किंचित असहज अनुभव करने वाले छात्र मानसिक दबाव में शिक्षा ग्रहण करते थे तथा इसी असहजता के कारण तकनीकी शिक्षा से दूर हो जाते थे। अखिल भारतीय तकनीकी संस्थान के इस निर्णय से अब लाखों छात्र तकनीकी शिक्षा को ग्रहण कर पाएंगे तथा देश व समाज के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा पाएंगे।

प्रान्त मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि भारतीयों भाषाओं में तकनीकी शिक्षा दिए जाने से निश्चित तौर पर तकनीकी शिक्षा को सरल तरीके से आम विद्यार्थी तक पहुँचाने का यह निर्णय स्वागत योग्य है साथ ही साथ तकनीक के क्षेत्र में भारत निश्चत तौर पर इस कदम के कारण नए आयाम स्थापित करेगा वह भाषा के आभाव के कारण भारतीय मूल की सैंकड़ों तकनीक जो वैश्विक पटल पर नही आ पाई हैं उन्हें भी इस फैसले से एक पहचान मिलेगी विशाल वर्मा ने कहा विद्यार्थी परिषद इस निर्णय का स्वागत करती है व प्रदेश सरकार से यह मांग करती है कि इस निर्णय को धरातल पर उतारने के लिए प्रदेश में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाए ताकि प्रदेश भर में तकनीकी शिक्षा ले रहे छात्र वंचित न रह जाएं

अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी ने कहा की, “अभाविप की लम्बे समय से माँग कर रही है की मातृ भाषा में शिक्षा मिले। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी भारतीय भाषाओं में शिक्षा की उपलब्धता पर जोर दिया है। ए.आई.सी.टी.ई. पाठ्यक्रम को जल्द से जल्द सभी भाषाओं में उपलब्ध करवाये, जिससे यह निर्णय जल्द से जल्द लागू हो।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *