सफल जीवन के लिए गुरु का अनमोल योगदान,
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एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के नवप्रवेशी छात्र-ओरिएंटेशन कार्यक्रम में पूर्व डीजीपी एस. आर. मार्डी ने छात्रों को पढ़ाया सफल इंसान बनने का मूलमंत्र
शिमला, अक्टूबर 4
किसी भी कामयाब व्यक्ति के जीवन पर नज़र डालें तो यह स्पष्ट नज़र आता है कि उसको सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाने में उसके शिक्षक का अनमोल योगदान रहा है। सोमवार को एपीजी शिमला विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित नवप्रवेशी छात्र-ओरिएंटेशन कार्यक्रम में पधारे विशेष मुख्य अतिथि पूर्व डीजीपी आईपीएल एस. आर. मार्डी ने छात्रों को सफल इंसान बनने का मूलमंत्र दिया। तीन दिन चलने वाले इस छात्र-ओरिएंटेशन कार्यक्रम का यह पहला दिन था। विश्वविद्यालय में हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों से छात्र और अन्य राज्यों सहित विदेशी नए छात्रों ने प्रवेश लिया हैं। मुख्य अतिथि मार्डी का एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के एनसीसी के कैडेट्स ने गॉर्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान के छात्र-स्वागत भाषण से हुई। कुलपति प्रो. रमेश ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय हमेशा की तरह अपने छात्रों को बेहतर व मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। कुलपति चौहान ने छात्रों से मन लगाकर पढ़ाई करने की अपील करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में शैक्षणिक अध्ययन के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं और बेहतर योग्यता प्राप्त शिक्षक व प्रोफेसर हैं। कुलपति रमेश चौहान ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धि पर भी प्रकाश डाला। चौहान ने कहा कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय ऑनलाइन टीचिंग-लर्निंग में भी बेहतर रहा है और परीक्षाएं भी ट्रांसपरेंसी के साथ विश्वविद्यालय के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से सफल रही है और यह विश्वविद्यालय के शिक्षकों की कड़ी मेहनत है कि टीचिंग-लर्निंग और परीक्षा संबंधित छात्रों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं हुआ। चौहान ने कहा कि विश्वविद्यालय में स्मार्टक्लेसरूम , विशाल पुस्तकालय, होस्टल से लेकर बेहतर सुविधा वाली कैंटीन है। उन्होंने छात्रों व शिक्षकों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। कुलपति प्रो. रमेश चौहान ने छात्रों और शिक्षकों को अवगत करवाया कि अब विश्वविद्यालय सचारु रूप से छात्रों की कैंपस स्टडी के लिए खुला है और छात्र कोविड वैक्सीन की दोनों डोज़ लेने के बाद ही कैंपस में आएं और माता-पिता की ओर से सहमति पत्र व कोविड की दोनों डोज़ का प्रमाण भी साथ लाएं। कार्यक्रम के दौरान छात्रों को विश्वविद्यालय में पढ़ाए जा रहे विभिन्न संकायों व विभागों और विश्वविद्यालय के बारे में डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म दिखाकर अवगत करवाया। कुलपति चौहान ने छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें बधाई दी। छात्रों का मनोबल बढ़ाने के लिए मुख्य अतिथि पूर्व डीजीपी आईपीएस एस. आर.मार्डी ने छात्रों को सफल-जीवन, सफल इंसान और गुरु के अनमोल योगदान पर व्याख्यान देते हुए कहा कि शिक्षा के लिए बेहतर संस्थान का होना तो जरूरी है परंतु सही अध्ययन ज्यादा मायने रखता है। मार्डी ने कहा कि आधुनिक तकनीक के जमाने में आज ज्ञान हर जगह उपलब्ध है परंतु उसे प्राप्त करने के लिए रुचि का होना जरूरी है। मार्डी ने कहा कि बच्चों के विकास के लिए अच्छे माता-पिता, अच्छे गुरु व शिक्षकों का अमूल्य योगदान रहता है। इसलिए माता-पिता और शिक्षक छात्रों को बेहतर इंसान बनाने में सक्षम हों। उन्होंने कहा कि अगर छात्र में ज्ञान के साथ विषय में निपुणता है तो वह एक साधारण डिग्री प्राप्त कर भी जीवन में सफलता की सीढ़ियां चढ़ने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि छात्र अपनी पढ़ाई पर फोकस करें और अपने जीवन लक्ष्य के लिए तैयार रहें। उन्होंने छात्रों को अच्छी आदतें, पुस्तकें पढ़ने की आदत, आध्यात्मिक ज्ञान, अपने काम के प्रति समर्पित, जनून का होना जरूरी है तभी जीवन में सकारात्मक सफलता संभव है। आईपीएस एस. आर. मार्डी ने छात्रों को अपनी सेहत व स्वास्थ्य को निरोग रखें ताकि नए ज्ञान और जीवन के संघर्षों पर विजय पाई जा सके, उन्होंने कहा कि छात्र अच्छे विचारों वाले लोगों से सीखें और बुराईयों से दूर रहें।
मार्डी ने कहा कि एक सफल शिक्षक वह है जो अपने शिष्य के सर्वांगीण विकास के लिए कर्मशील है जब तक उसका शिष्य सफलता हासिल न कर ले। उन्होंने कहा कि शिष्य की उपलब्धि हासिल करने पर शिक्षक के लिए सबसे बड़ा उपहार और खुशी है। एस. मार्डी ने अनगिनित सफल लोगों के उदाहरण देकर छात्रों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जैसे महापुरुषों का उदाहरण देकर छात्रों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
पहले दिन का छात्र-ओरिएंटल कार्यक्रम का समापन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार बलराम झा के वोट ऑफ थैंक्स से हुआ। बलराम झा ने विश्वविद्यालय प्रशासन, प्रबंधन, कुलपति प्रो. चौहान, छात्रों और मुख्य अतिथि एस. आर. मार्डी का धन्यवाद किया। कार्यक्रम के दौरान सभी शिक्षक, प्रोफेसर, डीन, कार्यकारी अधिकारी, निदेशक, विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।