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खेलों से शारीरिक व मानसिक विकास के साथ जीवन में अनुशासन की भावना उत्पन्न होती है-गोविंद सिंह ठाकुर

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नगर स्कूल में तीन दिवसीय जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताएं आरंभ
मंत्री ने बच्चों के साथ लंबे समय तक संवाद भी किया
कुल्लू 27 अगस्त। खेल का जीवन में बड़ा महत्व है। खेलों से जहां व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक होता है वही अनुशासन की भावना भी मजबूत होती है। भाषा एवं संस्कृति मंत्री  ठाकुर ने सभा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नगर में 14 वर्ष से कम छात्र-छात्राओं की तीन दिवसीय खेल कूद प्रतियोगिता के शुभारंभ के उपरांत संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बच्चों का आह्वान किया कि वह अभी से किसी ना किसी को अपना कर निरंतर जारी रखें। उन्होंने कहा कि शिवा के अनेक छात्र छात्राओं ने राज्य स्तर पर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में उत्कृष्ट दर्शन करके क्षेत्र का प्रदेश का मान बढाया है। उन्होंने कहा जो बच्चे इस प्रतियोगिता  में जीत हासिल करेंगे राज्य स्तर पर खेलेंगे। जो टीमें ट्रॉफी नहीं जीत पाएंगे वह भविष्य के लिए और मेहनत करें। गोविंद ठाकुर ने कहा कि खिलाड़ियों को शिक्षण गतिविधियों कि ओर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि शिक्षा व्यक्ति के सर्वागीण विकास की जननी है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार बच्चों को द्वार के समीप गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है।शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू हो रही है। यह शिक्षा नीति बच्चों को वैश्विक नागरिक बनाने का काम करेगी जिसमें बच्चे दुनिया का हर क्षेत्र का ज्ञान हासिल करने के लिए सक्षम बनेंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में 3 साल की आयु में बच्चे को प्री नर्सरी में 4 साल में नर्सरी तथा 5 साल में केजी और 6 साल में पहली कक्षा में प्रवेश मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे बच्चे का आधार मजबूत होगा तथा सरकारी वह निजी स्कूलों के अंतर को भी यह शिक्षा नीति समाप्त करेगी। उन्होंने कहा कि नवी कक्षा से व्यवसायिक शिक्षा को शामिल किया जाएगा जिसमें बच्चे हाथ से हुनर सीख सकेंगे। उन्होंने कहा कि लगभग 4000 स्कूलों में प्री नर्सरी कक्षाएं शुरू कर दी हैं और आने वाले समय में 5000 और स्कूलों में यह कक्षाएं शुरू की जाएंगी। इसके लिए अलग से अध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी।
गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि हाथ से हुनर शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा और वर्ष 2030 तक देश के लगभग 50ः युवाओं को हाथ से काम करने में सक्षम बनाएंगे। उन्होंने कहा एक सर्वेक्षण के अनुसार दुनिया के जो सर्वाधिक विकसित देश है उनमें हाथ से काम करने वाले नौजवानों की संख्या काफी अधिक है। जर्मनी में 95ः अमेरिका में 35ः तथा दक्षिण कोरिया में 96ः युवा अपने हाथ से काम करके अपने आर्थिक व सामाजिक जीवन को विकसित करने में कामयाब हुए हैं।शिक्षा मंत्री ने अध्यापकों का आह्वान किया कि के उन्हें बच्चों को देश का निर्माता बनाने का एक आदर्श जिम्मा सौंपा गया है। सभी अध्यापक अपने इस दायित्व का निष्ठा कर्तव्य परायणता समर्पण और ईमानदारी के साथ निर्वहन कर बच्चों का चहुमुखी विकास करने का कार्य करें। उन्होंने अभिभावकों से भी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने की अपील की।शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताओं में बच्चों को अपने घर गांव से बाहर निकलने का मौका मिलता है। अलग-अलग जगहों के बच्चों के साथ संवाद करने से बच्ची बहुत कुछ नया सीखने हैं। उन्होंने बच्चों से अपने अनुभवों को अपने दूसरे साथियों के साथ साझा करने को कहा। शारीरिक शिक्षा अधिकारी एवं महासचिव मनोहर लाल ठाकुर ने तीन दिवसीय जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताओं का ब्यौरा देते हुए कहा कि इन प्रतियोगिताओं में जिला के 6 शिक्षा खंडों से 232 लड़के तथा 233 लड़कियां भाग ले रही हैं। जिला स्तरीय इस टूर्नामेंट में कबड्डी, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, योगा, मार्च पास्ट जैसे मुकाबले करवाए जाएंगे।

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