कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान से निराश नेता कर रहे हैं अनाप शनाप बयानबाज़ी : भाजपा शिमला
जिला शिमला भाजपा अध्यक्ष रवि मेहता, शिमला मंडल अध्यक्ष राजेश शारदा, कसुम्पटी मंडल अध्यक्ष जितेंदर भोटका और शिमला ग्रामीण मंडल अध्यक्ष दिनेश ठाकुर ने कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह द्वारा शहरी विकास मंत्री पर की टिप्पणी को निंदनीय करार दिया।उन्होंने कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नरेश चौहान के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस चुनाव से भागने के लिए कोई न कोई बहानेबाज़ी कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस मामले को बेवजह राजनीतिक टूल देने का काम कांग्रेस कर रही है जबकि असलियत यह है कि कांग्रेस चुनाव टालना चाहती है। यही कारण है अब कांग्रेस विधायक फिर से कोर्ट जाने कि बात कर रहे हैं।पहले भी चुनाव से भागने के लिए कांग्रेस प्रयास कर रही थी।
उन्होंने कहा कि भाजपा को चुनाव जीतने के लिए डीलिमिटेशन का सहारा लेने कि ज़रूरत नहीं हैं।भाजपा ने सामान विकास किया है और वार्ड कैसे भी बने हम विकास करेंगे और चुनाव भी जीतेंगे। कोर्ट ने भी अपने आदेशों में कहीं यह नहीं कहा कि डीलिमिटेशन राजनीतिक आधार पर या हस्तक्षेप के चलते हुई है। कोर्ट के उद्देश का अध्ययन किये बिना ही कांग्रेस नेताओं ने एक दूसरे से पहले मीडिया में आने की होड़ में तथ्यहीन बयान दे डाले।
तकनीकी मामले का राजनीतिकरण करके कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह और पार्टी के प्रवक्ता नरेश चौहान के भीतर अपने अपने अस्तित्त्व बचाने के लिए संघर्ष करते हुए दिखाई दे रहे है।
जहाँ तक कांग्रेस वार्डों कि संख्या 34 से 41 करने पर सवाल उठा रही है तो उनको यह भी बताना चाहिए कि वार्डों की संख्या 34 तक कैसे पहुंची। उन्होंने कहा कि शहरवासियों को बेहतर सुविधा मिले इसके लिए वार्ड कैसे बनने है इसके लिए नियम बने हैं लेकिन राजनीतिक दल के नाते कांग्रेस को चुनाव से भागना शोभा नहीं देता।
यह कांग्रेस के अंदरूनी संघर्ष की छटपटाहट है जो विक्रमादित्य सिंह जिलाधीश व अन्य अधिकारियों को धमकाते फिर रहे है। कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य के बयान बचकाना और अहंकार से ग्रसित हैं।
मेहता ने कहा कि वार्डों के डीलिमिटेशन में सरकार कि और से कोई दखल नहीं था।इसके लिए तय नियम और चुनाव आयोग कि और से दिशा निर्देशों का प्रशासन ने पालन किया। उसमे यदि कोई त्रुटि पायी गयी है तो उसका सम्बंधित अधिकारी ध्यान में रख कर आगे की कार्यवाही करेंगे। उनपर न पहले कोई दबाव था न आगे कोई दबाव होगा।
भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस के विधायक सरेआम अधिकारियों को डरा धमका रहे हैं।हो सकता है कि कांग्रेस की अधिकारीयों को डरा धमका कर काम लेने की प्रवृत्ति के चलते उन्होंने ऐसा कहा हो लेकिन यह निंदनीय है।
उन्होंने कांग्रेस विधायक के बयान कि बाकी मामलों में भी कोर्ट जायेंगे, को कांग्रेस द्वारा चुनाव से भागने का एक तरीका बताया। कांग्रेस पार्टी चुनाव से भागना चाहती है और विक्रमादित्य सिंह को लगता है कि शिमला नगर निगम के चुनाव हुए तो कांग्रेस का चुनाव हारना तय है और इसका असर शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र पर ज़रूर पड़ेगा। इसलिए अपनी खीझ निकलने के लिए अनाप शनाप मर्यादाहीन बयानबाज़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस आपस में उलझ कर रह गयी है। अन्य पदाधिकारियों कि फ़ौज तो पहले से ही थी लेकिन अब अध्यक्षों कि फ़ौज ने कांग्रेस कि अंदरूनी लड़ाई को टेक्स कर दिया है। इसी के दबाव में और ध्यान भटकाने के लिए विक्रमादित्य सिंह या अन्य कांग्रेसी नेता तथ्यहीन बयान दे रहे हैं।