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प्रदेश की सांस्कृति, कला एवं हिमाचली व्यंजनों का बढ़ावा देगी शिमला बीएनबी एवं होमस्टे एसोसिएशन

शिमला बीएनबी एवं होमस्टे एसोसिएशन शीघ्र ही प्रदेश की सांस्कृति, कला एवं हिमाचली व्यंजनों का बढ़ावा देने के उद्ेश्य से राजधानी शिमला में एक कार्यशाला का आयोजन करेगी। इसका मकसद यह होगा कि राज्य में देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को हिमाचली सांस्कृति एवं हिमाचली व्यंजनों से अवगत करवाया जा सके। यह निर्णय भी लिया गया है कि जुलाई से लेकर सितंबर महीने तक बीएनबी तथा होग स्टे में आने वाले पर्यटकों को किराए में तीस प्रतिशत की छूट दी जाएगी। यह निर्णय लिया गया कि शीघ्र ही एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलेगा ताकि मुख्यमंत्री को बीएनबी तथा होमस्टे में आने वाली समस्याओं से अवगत करवाया जा सके। एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष द्वारा हाल ही में दिए गए इस बयान की निंदा की गई कि होमस्टे तथा बीएनबी यूनिट्स राजधानी के 15 किलोमीटर के दायरे में स्थापित न होने दिए जाए। इस बात की निंदा भी की गई कि होमस्टे अवैध रूप से चल रहे हैं तथा वह होटलों के व्यापार को धक्का पहुंचा रहे हैं। संघ के अध्यक्ष महेन्द्र कुमार ने कहा कि वास्तविकता यह है कि बीएनबी तथा होमस्टे जैसे छोटे संस्थानों के पास ऐसे संसाधन नहीं है कि वह होटलों को नुकसान पहुंचा सके। तथ्य यह है कि जब राजधानी में पर्यटकों का अत्याधिक दबाव होता है तथा शिमला के तमाम होटल पैक हो जाते हैं, उस समय कमरों के लिए दर दर भटक रहे पर्यटकों के लिए बीएनबी तथा होमस्टे सस्ती दरों पर आश्रय बनते हैं। यह छोटे संस्थान अपने स्तर पर पर्यटकों को प्रदेश की संस्कृति कला एवं व्यंजनों स भीे अवगत करवाते हैं। अध्यक्ष महेंद्र कुमार ने कहा कि बीएनबी तथा होमस्टे आरंभ करने की परंपरा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बनाई गई नीति के तहत ही चालू किया गया था ताकि देशभर के पर्यटकों के लिए या छोटे यूनिट्स कम बजट में पर्यटकों को सुविधाए उपलब्ध करवाने के अलावा वहां की सांस्कृतिक झलक से भी अवगत करवा सके। उन्होंने कहा कि होटल एसोसिएशन द्वारा लगाया गया यह आरोप निराधार है कि बीएनबी तथा होमस्टे अवैध रूप चल रहे हैं। वास्तविकता यह है कि यह तमाम संस्थान भारत सरकार द्वारा बनाई गई नीति के अंतर्गत स्थापित हैैंं तथा इसी नीति के तहत उन्होंने संस्थानों की स्वीकृति तथा रिन्यूव्ल को भारत सरकार के पर्यटन विभाग के समक्ष आवेदन जाता है। अध्यक्ष महेन्द्र कुमार ने कहा कि बीते दो वर्ष से भी अधिक समय के दौरान छोटे तमाम संस्थान गंभीर वित्तीय घाटे का सामना करते रहे तथा बैंको से उठाए गए कर्ज तक को चुकाने में विफल रहे। बावजूद इसके उन्हें किसी भी पैकेज के तहत एक भी रूपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध नहीं करवाई गई। यहां तक कि इन तमाम संस्थानों द्वारा नगर निगम शिमला तथा प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए तमाम करों का भुगतान समय पर किया गया। संघ के अध्यक्ष ने कहा कि इन छोटे संस्थानों को प्रदेश स्तर पर अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसे लेकर शीध्र ही संघ का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात करेगा ताकि उनका निवचारण संभव हो सके। बैठक में मुख्य सलाहकार कृष्ण भानु, सलाहकार विजय पुरी, उपाध्यक्ष राजेश मधान, संयुक्त सचिव तनुजा धांटा, संगठन सचिव दीपक घई सहित कार्यकारणी सदस्य राधिका शर्मा ने भाग लिया।

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