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एसएफआई द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 74वीं पुण्यतिथि पर विश्वविद्यालय के अंदर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित

आज एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 74वीं पुण्यतिथि पर विश्वविद्यालय के अंदर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। हम तमाम लोग जानते हैं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का हमारे देश की आजादी के संघर्ष में बहुत बड़ा योगदान रहा है । भारत को आजाद करवाने के आंदोलन में यदि किसी का सबसे बड़ा हाथ है तो उसका श्रेय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को जाता है। हम तमाम लोग जानते हैं कि महात्मा गांधी ने देश की आजादी के लिए किस तरह के बलिदान दिया हैं लेकिन यदि हम आज के परिपेक्ष में बात करें तो हमारे देश में फांसीवादी सोच के लोग भी हैं जो महात्मा गांधी की सोच तथा उनके बलिदानों को इतिहास के पन्नों से मिटाना चाहते हैं यदि हम बात करें तो आज के समय में जितनी भी सम्प्रदायिक ताकते हमारे देश के अंदर विद्यमान हैं वह सभी महात्मा गांधी की हत्या को आत्महत्या में बदलने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हम तमाम लोग जानते हैं महात्मा गांधी ने आत्महत्या नहीं की थी बल्कि आर एस एस. से संबंध रखने वाले नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर महात्मा गांधी की हत्या की थी लेकिन आर एस एस विचारधारा से संबंध रखने वाले लोग आज महात्मा गांधी की हत्या को आत्महत्या में बदलकर नाथूराम गोडसे को पूरे विश्व के सामने एक नायक की तरह पेश करना चाहते हैं जबकि तब से कुछ और ही है ।

आज हमें और हमारे देश को इस बात को समझने की जरूरत है कि किस तरह हमारे देश में संप्रदायिकता को बढ़ाने के लिए कुछ धार्मिक संगठनों द्वारा हमारे इतिहास को बदलने की कोशिश की जाए इस श्रद्धांजलि समारोह में बात रखते हुए कैंपस सचिव विवेक राज ने कहा कि हमें महात्मा गांधी की इस 74वीं पुण्यतिथि पर यह प्रण लेने की आवश्यकता है की हम महात्मा गांधी जी के इतिहास को धूमिल करने वाले लोगों के मंसूबों को पूरा नहीं होने देंगे और वो जिस तरह से एक बार फिर भारत के टुकड़े करने का षड्यंत्र रच रहे हैं इसमें उन्हें कामयाब नहीं होने देंगे।

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