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मुख्य सचिव की नियुक्ति पर वरिष्ठ IAS निशा सिंह ने राज्यपाल से की शिकायत

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शिमला, 09 सितंबर

हिमाचल प्रदेश में मुख्य सचिव की नियुक्ति का मामला आग पकड़ने लगा है। 1987 बैच की आईएएस व प्रधान सलाहकार (प्रशिक्षण एवं विदेश संबंधी मामले) निशा सिंह ने उनसे जूनियर को मुख्य सचिव लगाने पर सरकार से नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने राज्यपाल को पत्र लिखकर शिकायत की है।

निशा सिंह ने पत्र में राज्य सरकार पर उनका उपहास करने और उनकी सीनियोरिटी को सुपरसीड करते हुए जूनियर को मुख्य सचिव लगाने की बात लिखी है। इतना ही नहीं उन्होंने राज्यपाल से पूरे मामले पर कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।

निशा सिंह ने 14 अगस्त को तैनाती के बाद 18 अगस्त को बतौर प्रधान सलाहकार प्रशिक्षण एवं विदेश संबंधी मामले का पदभार संभाला। 19 जुलाई को उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर रोल एंड रिस्पांसिबिलिटी को लेकर कुछ स्पष्टीकरण मांगा।

इसके जवाब में राज्य सरकार ने 5 सितम्बर को प्रधान सलाहकार प्रशिक्षण एवं विदेश संबंधी मामले के रोल एंड रिस्पांसिबिलिटी बारे आदेश जारी किए। इस पर निशा सिंह ने सख्त आपत्ति जताई है और पत्र के जरिए राज्यपाल से शिकायत की है। वरिष्ठ आईएएस निशा सिंह के इस पत्र से अफसरशाही में हड़कंप मच गया है।

बता दें मौजूदा भाजपा सरकार ने 14 जुलाई 2022 को तत्कालीन मुख्य सचिव रामसुभग सिंह को हटाकर आरडी धीमान को मुख्य सचिव बनाया। रामसुभग सिंह 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हीं के 1987 बैच में उनकी पत्नी निशा सिंह भी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं।

संजय गुप्ता 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इन तीनों अधिकारियों को सुपरसीड कर आरडी धीमान मुख्य सचिव बने हैं। उनसे पहले रामसुभग सिंह को भी साल भर पहले ही मुख्य सचिव बनाया गया था। अनिल खाची को समय से पहले सेवानिवृत्ति लेनी पड़ी थी। उन्हें राज्य चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्ति दी गई। उनसे पहले डॉ. श्रीकांत बाल्दी भी बीके अग्रवाल को रिप्लेस कर मुख्य सचिव बने थे। भाजपा सरकार में अब तक सात मुख्य सचिव रह चुके हैं।

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