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संजीवनी परियोजना के मिलेगा औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहन: एडीसी

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ऊना, 10 मार्च: औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही संजीवनी पायलेट परियोजना के तहत आज अंब उपमंडल की ग्राम पंचायत बेहड़ जसवां में एक बैठक का आयोजन किया गया। 
इस दौरान बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त ऊना डॉ अमित कुमार शर्मा ने बताया कि किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने और वर्ष 2022 तक उनकी आय को दोगुना करने के उद्देश्य से केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई गई हैं। इनमें आयुष विभाग द्वारा चलाई जा रही संजीवनी पायलेट परियोजना भी एक महत्वपूर्ण योजना है जिसकी शुरुआत जिला के अंब उपमंडल की बेहड़ जसवां से की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य औषधीय पौधों की खेती के लिए किसानों को प्रेरित करना है।
एडीसी ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना के अंतर्गत भारत सरकार किसानों को अनुदान दे रही है ताकि जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 140 औषधीय पौधों की प्रजातियों को देशभर में खेती करने की प्राथमिकता दी गई है। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत सरकार की ओर से औषधीय पौधों की खेती के वित्तीय सहायता का लाभ लेने के लिए किसानों के एक समूह के पास 2 हैक्टेयर भूमि होनी चाहिए। 
इस दौरान राष्ट्रीय औषध पादक बोर्ड, क्षेत्रीय केन्द्र जोगिन्द्रनगर से आए अधिकारियों क्षेत्रीय निदेशक डॉ अरुण चंदन, सलाहकार प्रो़ डीआर नाग, उपनिदेशक डॉ सौरभ शर्मा, वनस्पतिज्ञ मदन पंवर ने औषधीय पौधों की खेती बारे विस्तृत जानकारी दी।
इस मौके पर जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश पांच प्रकार के पौधों पर सब्सिडी दे रही है। इनमें शतावर व सर्पगंधा पर पचास प्रतिशत अनुदान, अश्वगंधा, तुलसी व स्टिविया पर तीस प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। 
संजीवनी परियोजना के नोडल अधिकारी नरेश कुमार ने बताया कि इस योजना के लाभ लेने के लिए भूमि की फरद, आधार नंबर, अक्स, बैंक पासबुक की छायाप्रति व निर्धारित दस्तावेजों और संबंधित ग्राम पंचायत प्रधान की सिफारिश व अनापत्ति प्रमाण पत्र के साथ जिला आयुर्वेदिक अधिकारी के पास आवेदन करना होता है।

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