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CPIM जिला कमेटी के सचिव बने संजय चौहान

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सीपीआई एम, शिमला इकाई का चौदहवाँ जिला सम्मेलन सम्पन्न

• 17 सदस्यीय जिला कमेटी का गठन

सीपीआई (एम), शिमला इकाई का दो दिवसीय चौदहवाँ जिला सम्मेलन सम्पन्न रामपुर में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में नई जिला कमेटी का गठन किया गया जिसमें कॉ संजय चौहान को सचिव, बाबूराम, जगमोहन ठाकुर, सत्यवान पुण्डीर, संदीप वर्मा, हेमराज, अजय दुल्टा, कुलदीप डोगरा, पूर्ण ठाकुर, मदन नेगी, रामलाल, विजय राजटा, देवकीनन्द, बालकराम, डॉ. रीना सिंह, अनिल ठाकुर को सदस्य चुना गया। एक स्थान रिक्त रखा गया है जिसे बाद में भरा जाएगा।

14वें जिला सम्मेलन में जिला की 12 लोकल कमेटियों और लोकल ऑर्गेनिसिंग कमेटियों के 108 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

सम्मेलन में राजनैतिक और सांगठनिक स्थितियों पर विस्तार से चर्चा की गई और तय किया गया कि पार्टी भाजपा की जन विरोधी आर्थिक नीतियों, साम्प्रदायिक एजेंडे, लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमले के विरुद्ध संघर्ष तेज करेगी। इसके लिए पार्टी संगठन को मज़बूत और चुस्त-दुरुस्त किया जाएगा ताकि जनता के जनवादी, मानव अधिकारों की सुरक्षा की जा सके।

सम्मेलन में फलों एवं फसलों का उचित समर्थन मूल्य देने, कर्मचारियों के वेतन संशोधन, श्रम कानूनों के बदलाव के खिलाफ, महिलाओं की समस्याओं व मुद्दों, नई शिक्षा नीति 2020 व शिक्षा के भगवाकरण के खिलाफ, दलित उत्पीड़न के खिलाफ प्रस्ताव सहित 6 प्रस्ताव पारित किए गए। जिनमें मुख्यतः श्रम क़ानूनों में संशोधन की प्रक्रिया को तुरंत बंद करने, फलों और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने, वेतन संशोधन को अविलम्ब लागू करने, वेतन संशोधन फैक्टर काम से कम 2.75 करने, संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण, महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने, दलितों के उत्पीड़न पर रोक लगाने, नई शिक्षा नीति को निरस्त करने, शिक्षा के भगवाकरण को रोकने की मांग उठाई गई।

सम्मेलन के समापन अवसर पर कहा कि आज जिस तरह से किसान आंदोलन ने संघर्ष की एक मिसाल पेश की है और श्रमिक वर्ग उसके साथ खड़ा हुआ है उससे आने वाले समय में देश में ताक़तों का संतुलन बदलेगा और जनता किसान-मज़दूर विरोधी नीतियों, साम्प्रदायिक नवउदारवादी एजेंडे को नकारते हुए जनपक्षीय नीतियों के लिए आवाज़ उठाने वाली ताकतों को समर्थन देगी।

सिंघा ने कहा कि इस समय जनता जिस पीड़ा से गुज़र रही है और उसमें सरकार के खिलाफ गुस्सा और आक्रोश है ऐसे में कम्युनिस्ट पार्टी का दायित्व है कि वह जनता के साथ खड़ी हो और उनकी लड़ाई में उनका साथ दे।

 

 

 

 

 

 

 

 

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