82.24 करोड़ रुपए जल जीवन मिशन के तहत होना है खर्च, हर घर को मिलेगा पेयजल कनेक्शन
1 min readआनी, 17 जून – प्रदेश सरकार लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने और विभिन्न सिंचाई योजनाओं सिरे चढ़ाने को प्राथमिकता दे रही है। केंद्र सरकार के सहयोग से जहां जल जीवन मिशन में हर घर को नल से जल देने का लक्ष्य तय किया गया है वहीं इसे सिरे चढ़ाने के लिए कवायद भी जोरों पर है। नाबार्ड की पेयजल और अन्य सिंचाई योजनाओं को पूर्ण करने के लिए प्रदेश सरकार सफल कार्यान्वयन के लिए कृतसंकल्प है। जल जीवन मिशन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के दिशा-निर्देशों में जल शक्ति विभाग के प्रयास सराहनीय रहे हैं, बीते दो सालों में इस योजना के तहत हिमाचल के प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा है।
उपमंडल स्तर पर विभिन्न योजनाओं को सरकार के दिशा-निर्देशों में विभाग अमलीजामा पहनाने के लिए बेहतर प्रयास कर रहा है। जल शक्ति विभाग आनी की बात करें तो 165.21 करोड़ की विभिन्न योजनाओं को सिरे चढ़ाने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है। पेयजल, सिंचाई सहित लघु सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के तहत उक्त स्वीकृत राशि की योजनाओं पर कार्य चल रहा है। निर्माणाधीन योजनाओं पर 26.36 करोड़ रुपए व्यय किए जा चुके हैं। योजनाएं समय पर पूरी हों, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा समय समय पर फंड भी रिलीज किया जा रहा है।
जल शक्ति विभाग आनी की ओर से विभिन्न योजनाओं के तहत 140.48 करोड़ रुपए के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं जो निर्माणाधीन योजनाओं को पूरा करने के लिए अगली किश्त के तौर पर सरकार द्वारा जारी किए जाएंगे। जरूरत के मुताबिक सरकार इसके तहत फंड समय समय पर जारी करने के लिए कृतसंकल्प है।
जल जीवन मिशन जहां सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना है, इसके तहत हर घर को पेयजल कनेक्शन सुनिश्चित किया जा रहा है, वहीं आनी उपमंडल में योजना पर अभी तक 7.08 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। इस योजना के तहत भविष्य में 82.64 करोड़ खर्च होने हैं। योजना के तहत अतिरिक्त 75.16 करोड़ रुपए उपमंडल में योजना को सिरे चढ़ाने के लिए जारी होने हैं। इसके लिए जल शक्ति विभाग आनी ने खाका तैयार कर सरकार को भेजा है। जल्द ही सरकार मामले पर आगामी कार्रवाई करेगी ताकि लोगों को पेयजल की सुविधा मिल सके।
उपमंडल में नाबार्ड के तहत 46.16 करोड़ की कुल स्वीकृत पेयजल योजनाओं में से 10.28 करोड़ रुपए व्यय किया जा चुका है। शेष 37.13 करोड़ रुपए का फंड सरकार समय समय पर फंड जारी करेगी। इसी तरह एससीएसपी की पेयजल योजनाओं पर 1.42 करोड़ रुपए व्यय हो चुका है जबकि इसके तहत 2.94 करोड़ की योजनाएं निर्माणाधीन हैं।
ग्रामीण पेयजल योजना एमएनपी के तहत निर्माणाधीन 2.32 करोड़ की योजनाओं पर 99.34 लाख, लघु सिचाई नाबार्ड के तहत निर्माणाधीन 8.13 करोड़ की योजनाओं में से 2.15 करोड़, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 2.32 करोड़ की स्वीकृत योजनाओं में से 1.38 करोड़ रुपए व्यय किए जा चुके हैं। लघु सिंचाई एससीएसपी में कुल 1.39 करोड़ की योजनाओं पर 66 लाख रुपए व्यय हो चुके हैं। हिमाचल कमांड एरिया डवेल्पमेंट के तहत 18.47 करोड़ और बाढ़ नियंत्रण के कार्यों पर 1.21 करोड़ की योजनाओं पर कार्य चल रहा है।
अधिशाषी अभियंता जल शक्ति विभाग आनी राज कुमार कौंडल का कहना है कि जो योजनाएं उपमंडल में निर्माणाधीन है उनको सिरे चढ़ाने के लिए विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है। निर्माणाधीन योजनाएं समय पर पूर्ण हों और लोगों को पेयजल और सिंचाई की सुविधा मिले इसे सुनिश्चित किया जाएगा।