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इलेक्ट्रो थेरपी  शिविर में 90  लोगो  का किया उपचार रोटरी सोलन

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सोलन, 1  अगस्त 2022

भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई किसी ना किसी तरह के दर्द से परेशान रहता है। काम का दबाव और ऑफिस की टेंशन शरीर की थकान को कई गुना बढ़ा देती है। इसके लिए शहर में    काइरोप्रैक्टिक  , इलेक्ट्रो थेरपी के लिए निशुःल्क विशाल शिविर लगाया जाएगा, ताकि मरीजाें काे राहत मिल सके। निशुःल्क विशाल थेरोपी  शिविर का आज शुभारभ विधायक एवं पूर्व मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल ने मुख्याथिति के रूप मै शिरकत की

रोटरी सोलन के प्रधान ने बताया की  यह  सात  दिवसीय कैंप 1 अगस्त से 7 अगस्त  तक केयर एंड शेयर  सपरून मई लगया जा रहा है  जिसमे  निशुल्क
काइरोप्रैक्टिक  , इलेक्ट्रो थेरपी से   उपचार  किया जा रहा है जिसमे हनुमानगढ़ से फिजियोथेरेट संदीप व उनकी टीम हमारे बीच मै मौजूद रहेंगे। यह कैंप सुबह 10 बजे से 1 :00 बजे    और शाम 3  बजे से 6  बजे तक तक लगाया जाएगा।

विधायक एवं पूर्व मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल  ने रोटरी के सरहाना करते हुए कहा की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई किसी ना किसी तरह के दर्द से परेशान रहता है। काम का दबाव और ऑफिस की टेंशन शरीर की थकान को कई गुना बढ़ा देती है। इसके लिए शहर में फिजियोथेरेपी के लिए  रोटरी सोलन ने शिविर लगाया है , ताकि मरीजाें काे राहत मिल सके।  रोटरी सोलन से ऐसे व्यक्तियों को सीख लेनी चाहिए। उन्होंने चिकित्सक की टीम को बिना दवा उपचार करने पर बधाई दी। कहा कि मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है, जिसे रोते सोलन  बखूबी निभा रहा है।

फिजियोथेरेट संदीप ने बताया की  काइरोप्रैक्टिक एक वैकल्पिक उपचार पद्धति है। इसका उपयोग मांसपेशियों, हड्डियों, जोड़ों और इनसे जुड़े ऊतकों (Tissue) जैसे कि कार्टिलेज, टेंडन्स और लिगामेंट्स में होने वाले दर्द के इलाज के लिए किया जाता है। यह शरीर के तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) और हड्डियों के तंत्र में आने वाले विकारों का, बिना ऑपरेशन किए जाने वाले उपचार का एक प्रकार है। काइरोप्रैक्टिक चिकित्सा में बिना किसी सर्जरी या दवा के हड्डी तंत्र को सही स्वरुप में लाने के लिए काइरोप्रैक्टर थेरेपिस्ट हाथों की मदद से रीढ़ की हड्डी पर दबाव डालते हैं। जिससे शरीर स्वयं दर्द को ठीक कर लेता है। यह दबाव इसलिए उपयोग किया जाता है ताकि टिश्यू में किसी दुर्घटना जैसे गिरने से चोट लगने या पीठ को बिना सहारा दिए बैठने आदि कारण से जोड़ों को हिलाने-डुलाने में होने वाली परेशानी को दूर किया जा सके।

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