Himachal Tonite

Go Beyond News

समय पर न्याय प्राप्त करना प्रत्येक नागरिक का अधिकारः न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान

1 min read

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने कहा कि समय पर न्याय प्राप्त करना हर नागरिक का अधिकार है और इस दिशा में विधिक जागरूकता अत्यन्त महत्वपूर्ण है। न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान गत सांय सोलन जिला के अर्की में अखिल भारतीय जागरूकता एवं आउटरीच अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।

न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने कहा कि हमारा संविधान सभी नागरिकों को बराबरी के अधिकार प्रदान करता है। अधिकारों की एकरूपता सुनिश्चित बनाने और समाज के सभी विशेषकर कमज़ोर वर्गों को समय पर न्याय प्रदान करने के उद्देश्य से ही न्याय प्रणाली को जनसुलभ बनाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि न्याय व्यवस्था का उद्देश्य पीड़ित को समय पर उचित लाभ प्रदान करना है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि शिकायतकर्ता अथवा पीड़ित को अपने समीप के न्यायिक अधिकारी तक पहुंचाएं। न्याय के अनुरूप उचित परामर्श प्रदान करने के लिए केन्द्रीय स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रदेश स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा जिला स्तर पर जिला स्तरीय विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यरत हैं।

न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने कहा कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी जिलों में जिला प्राधिकरण द्वारा नियमित रूप से विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किए जाते हैं। वर्तमान में 02 अक्तूबर से 14 नवम्बर तक पूरे देश में अखिल भारतीय जागरूकता एवं आउटरीच अभियान कार्यान्वित किया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जन-जन विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों को विधिक सहायता उपलब्ध करवाकर उनके चिर लम्बित कानूनी मामलों को सुलझाना है।

उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से गरीब, पिछड़े एवं कमज़ोर वर्ग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग, महिलाएं, असहाय, बच्चे, बेसहारा नाबालिक बच्चे एवं बूढ़े माता-पिता सहित मानसिक रोगी एवं दिव्यांग, विभिन्न आपदाओं, जातीय हिंसा इत्यादि के पीड़ित, औद्योगिक श्रमिक, ट्रान्सजेंडर समुदाय, ऐसे व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय 03 लाख रुपए से कम है एवं एड्स पीड़ित व्यक्तियों को विधिक सेवा अधिनियम 1987 के अनुसार निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान की जाती है।

उन्होंने हितधारकों से संवाद में आग्रह किया कि विवाद को मध्यस्थता के माध्यम से निपटाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 12 मध्यस्थता केन्द्र कार्यरत हैं। इनमें से 11 केन्द्र जिला स्तर पर एवं 01 उच्च न्यायालय में कार्य कर रहा है।

न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने कहा कि निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय में विधिक सेवा समिति के सचिव, उच्च न्यायालय पर विधिक सेवा समिति के सचिव, जिला स्तर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा उपमण्डल स्तर पर नियुक्त वरिष्ठ उप न्यायाधीश से सम्पर्क किया जा सकता है। उन्होंने सभी से आगह किया कि निःसंकोच मुफ्त कानूनी सहायता का लाभ उठाएं और निर्धन को सस्ता न्याय दिलाने की दिशा में सदैव प्रयासरत रहें।

उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित नगर पंचायत एवं ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों, आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं तथा अधिवक्ताओं एवं अन्य के प्रश्नों के सारगर्भित उत्तर दिए और सभी से संवाद स्थापित किया।

न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताआें को विधिक जानकारी की दिशा में प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाए।

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सोलन विवेक शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और सोलन जिला में कार्यान्वित किए जा रहे अखिल भारतीय विधिक जागरूकता एवं आउटरीच अभियान की पूर्ण जानकारी प्रदान की।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोलन के सचिव कपिल शर्मा ने कहा कि अखिल भारतीय अभियान के तहत गठित टीमें सोलन जिला के गांव-गांव में लोगों को कानूनी रूप से जागरूक बना रही हैं। उन्होंने कहा कि विधिक जानकारी के लिए सोलन जिला में दूरभाष नम्बर 01792-220713 पर सम्पर्क किया जा सकता है अथवा  secy-dlsa-sol-hp@gov.in    पर ईमेल की जा सकती है। इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी टोल फ्री नम्बर 15100 से प्राप्त की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के साथ-साथ सोलन जिला में भी डाकियों को विधिक जानकारी की दिशा में प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्हें विधिक सहायता फॉर्म प्रदान किए गए हैं ताकि पीड़ित इन्हें उचित प्रकार से भरकर सही पते पर प्रेषित कर सकें।

इस अवसर पर न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान की धर्मपत्नी अमनदीप चौहान, हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव पीपी रांटा, उनकी धर्मपत्नी सरोज रांटा, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रशासनिक अधिकारी हितेन्द्र शर्मा, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सोलन विवेक शर्मा, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोलन के सचिव कपिल शर्मा, मोबाइल ट्रैफिक दण्डाधिकारी सोलन गौरव चौधरी, जेएमआईसी अर्की राघव गुप्ता, नगर पंचायत अर्की के अध्यक्ष अनुज गुप्ता, पार्षद सुरेन्द्र शर्मा एवं अन्य पार्षदगण, विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधि, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित ग्राम पंचायत बातल के गांव जुखाली, गागर, डांगरी, ग्राम पंचायत सानन के गांव देलग, चिकनखेड़ा, सरोग, पाटी, सानण-1, सानण-2, ग्राम पंचायत बखालग के गांव दीदू, ठडियाणा, फांवा, सरौन, चंदपुर, ग्राम पंचायत देवरा के गांव मंज्याट, काटल, घागर, कुखड़ी के लगभग 100 लोग उपस्थित थे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *