लचीली भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बुनियादी आधारों पर रहेगी सकारात्मक: अनुराग ठाकुर
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केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने यूपीए क़ालीन पूर्व वित्त मंत्री पी॰ चिदम्बरम के तथ्यहीन बयानों का एक स्पष्ट और तथ्यात्मक खंडन किया है।
ठाकुर ने कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली है और आने वाले समय में लगातार सुधारों के आधार पर पलटाव करेगी।वैश्विक आपदा के दौर में यह कठिन समय ज़रूर है मगर भारतीय अर्थव्यवस्था अब भी काफ़ी मज़बूत बनी हुई है। मुझे आश्चर्य नहीं कि क्यों पूर्व वित्त मंत्री ने कठिन आंकड़ों को नजरअंदाज करना चुना और इसके बजाय वो ‘व्हाटअबाउटरी’ के साथ आगे बढ़े क्योंकि सदा ही कांग्रेस नेतृत्व ने इस अनजान दृष्टिकोण को अपनाते हुए इसे अपना हथियार बनाया है”
उन्होंने कहा, “लगातार सुधारों और मजबूत बुनियादी सिद्धांतों ने यह सुनिश्चित किया है कि वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में भारत को 24.4% के संकुचन से वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
चिदंबरम द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था के निराशाजनक पूर्वानुमान के मुद्दे पर ठाकुर ने कहा, “आप भारतीय उद्यमियों, छोटे व्यवसायों, व्यापारियों और एमएसएमई को खुद को पुनर्जीवित करने की क्षमता पर संदेह करते हैं जबकि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भारत की विकास दर को वित्त वर्ष 2021-22 में 12.5% बढ़ने का अनुमान लगाया है जिससे हम अनुमानित दोहरे अंकों की वृद्धि करने वाली एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था बने हैं”
ठाकुर ने पूर्व वित्त मंत्री से सवाल करते हुए पूछा, “क्या भारतीय अर्थव्यवस्था अलग-थलग द्वीप है; क्या इस महामारी में विश्व की अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को जीडीपी संकुचन का सामना नहीं करना पड़ा है? क्या आप नहीं जानते कि फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूके में क्रमश: 8.2%, 4.9%, 8.9% और 9.9% की गिरावट आई है। कनाडा, रूस, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका ने भी पिछले एक साल में अपने सकल घरेलू उत्पाद में संकुचन देखा है। वैश्वीकृत दुनिया में व्यवधानों के बावजूद, भारत लचीला बना हुआ है।”
ठाकुर ने पूर्व वित्त मंत्री से अपनी निराशा और कयामत के दिन की भविष्यवाणी की आभासी दुनिया से बाहर आने को कहा है। यह स्पष्ट है कि ‘लॉकडाउन ने जान बचाई, धीरे-धीरे अनलॉक ने अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने की हरी झंडी दी”
ठाकुर ने जोर देकर कहा कि आर्थिक तथ्य निम्नलिखित बिंदुओं को बताते हैं:
रिकॉर्ड 1.44 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह – अब तक का सबसे अधिक – इसकी पुष्टि करता है। हमने यात्री व