आज़ादी का अमृत महोत्सव पर एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में क्विज कम्पटीशन आयोजित किया
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शिमला, अगस्त 8
स्थानीय एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में आज़ादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर सोमवार को भारत का स्वतंत्रता संग्राम व आज़ादी और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान और बलिदान से संबंधित क्विज-कम्पटीशन करवाया गया जिसमें विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने बढ़चढ़कर भाग लिया। विश्वविद्यालय के विज्ञान विभाग से डॉ. अरुण और होटल मैनेजमेंट व हॉस्पिटैलिटी डिपार्टमेंट से विभागाध्यक्ष सुमन राही इस क्विज-कंपीटिशन के समन्वयक रहे। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने क्विज-कम्पटीशन के अलावा भाषण, लेखन सहित अन्य प्रतियोगिता में भाग लेकर प्रथम, द्वितीय और तीसरा स्थान प्राप्त किया, वहीं प्रथम, दूसरा और तीसरा स्थान पाने वाले सभी प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने सम्मानित किया। कांता चौहान और सौरव कुमार क्विज-कम्पटीशन में ओवर-आल चैंपियन रहे। कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि भारत के स्वतंत्रता सेनानियों, वीर क्रांतिकारियों और बुद्धिजीवियों के संघर्ष की बदौलत ही क्रूर ब्रिटिश साम्राज्य को उखाड़ पाए थे और अन्ततः 15 अगस्त, 1947 को भारत आज़ाद हुआ और उसके बाद हम सभी आज स्वतंत्र भारत में खुली आज़ादी से जी रहे हैं। कुलपति चौहान ने कहा कि भारत की आज़ादी में स्वतंत्रता सेनानियों का प्रमुख योगदान रहा है जो कभी भुलाया नहीं जा सकता। कुलपति चौहान ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव इसलिए महत्त्वपूर्ण है कि प्रत्येक भारतीय और नव-पीढ़ी अपने आदर्श स्वतंत्रता सेनानियों, वीर नायकों और बलिदानी देश-भक्तों को याद कर उनके प्रति सम्मान बनाएं रखें और उनसे यह सीख लें की राष्ट्र-प्रेम, कर्तव्यनिष्ठा, एकता, राष्ट्र-भक्त और आज़ादी से बड़ी कोई चीज़ नहीं हैं और देश की एकता व अखंडता, रक्षा और तरक़्क़ी में हर भारतीय अपना योगदान दें। उन्होंने छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया कि आप सभी मन लगाकर पूरी मेहनत के साथ पढ़ाई करें और बेहतरीन नागरिक बन राष्ट्र-सेवा, राष्ट्र-विकास और समाज सेवा करें। क्विज-कम्पटीशन का संचालन डॉ. प्राची वैद की ओर से किया गया। इस दौरान एपीजी विश्वविद्यालय के कुलसचिव बलराम झा, विश्वविद्यालय के मुख्य सलाहकार इंजीनियर सुमन विक्रांत, डीन अकैडमिक डॉ. अनिल कुमार पाल, डीन प्रो. नील सिंह, डीन प्रो. रोहिणी धड़ेला, डॉ. अंकित ठाकुर, डॉ. नीलम शर्मा, डॉ. कल्पना वर्मा उपस्थित रहे।