कोरोना महामारी से लड़ने के लिए जनसहयोग ही कारगर हथियार: सत्ती
1 min readऊना (5 जून)- कोविड संक्रमित लोग कवारंटीन होने के भय से कोरोना के लक्ष्णों जैसे खांसी, बुखार जुखाम आदि को हलके में लेकर अस्पताल में चैकअप करवाने में संकोच कर रहे हैं तथा स्थिति गंभीर होने पर ही अस्पतालों में आ रहे हैं। जिससे अपनी जान भी जोखिम में डाल रहे हैं तथा दूसरों को भी संक्रमित कर रहे हैं। यह बात 6वें राज्य वित्तायोग अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने आज ऊना विधानसभा क्षेत्र के गांव बसोली व जलग्रां मंे चल रहे कोविड 19 टेस्टिंग अभियान के दौरान कही। इस अवसर पर उन्होंने आशावर्करज़ को होम आइसोलेशन किटें भी वितरित कीं।
उन्होंने कहा कि पूरा देश इस महामारी से लड़ रहा है तथा इसे को हराने के लिए जनसहयोग ही कारगर हथियार है। प्रदेश सरकार पूरी मजबूती के साथ कोरोना को हराने में डटी है। उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को डीसीसीसी तथा डीसीएचसी संस्थानों में भर्ती कर उनकी सघन जांच करवाई जा रही है ताकि सांस लेने में तकलीफ या आॅक्सीजन की कमी का शीघ्र पता लगाया जा सके। उन्होंने परामर्श दिया कि ऐसी बीमारियों से पीड़ित तथा वृद्धजन मरीजों को नियमित रूप से अस्पताल ले जाने की बजाय ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से टैली परामर्श सेवाओं का उपयोग करें। उन्होंने सभी लोगों विशेषकर गंभीर रोगों से ग्रस्त मरीजों को कोविड टीकाकरण के लिए और कोविड टैस्ट करवाने के लिए निसंकोच आगे आने का आग्रह किया।
उन्होंनेे कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 के मरीजों को नियमित फाॅलोअप के लिए हिमाचल कोविड केयर ऐप पर पंजीकरण करवाएं ताकि उनकी नियमित निगरानी की जा सके। इससे मरीज की स्थिति बिगड़ने पर समय रहते उच्च स्वास्थ्य संस्थान में रैफर किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गांव स्तर पर कोविड टैस्ट अभियान शुरू किया गया है जिसको सफल बनाने और कोविड महामारी का शीघ्र अंत करने के लिए जन सहयोग ही सबसे बड़ा हथियार है।
इसके उपरांत उन्होंने बसोली पंचायत में चल रहे विभिन्न विकासकार्याें का निरीक्षण किया तथा स्थानीय लोगों की समस्याओं का शीघ्र निवारण करने का आश्वासन दिया।