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लोकसभा चुनाव के संबंध में एमसीएमसी से राजनीतिक विज्ञापनों की प्री-सर्टिफिकेशन अनिवार्य – अनुपम कश्यप

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आदर्श आचार संहिता के दौरान 24 घंटे सक्रिय रहेगी एमसीएमसी

शिमला 18 मार्च – 

जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज यहाँ मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (एमसीएमसी) की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें समिति के सदस्य अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) अजीत भारद्वाज, निदेशक पीआईबी शिमला प्रीतम सिंह, विशेष संवाददाता पीटीआई शिमला भानू पी. लोहमी व उप-निदेशक आईटी दीपक उपस्थित रहे।
अनुपम कश्यप ने बताया कि लोकसभा चुनाव 2024 में एमसीएमसी द्वारा सभी समाचार पत्रों, रेडियो, टीवी, ई-पेपर, बल्क संदेश और सोशल मीडिया पर प्रकाशित एवं प्रसारित होने वाले विज्ञापनों व पेड न्यूज पर कड़ी नजर रखी जाएगी। उन्होंने इस संदर्भ में विज्ञापन देने के लिए उम्मीदवार की ओर से जिला स्तरीय एमसीएमसी से प्री-सर्टिफिकेशन प्राप्त करने का आग्रह किया ताकि निर्वाचन प्रक्रिया को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि जो कोई भी उम्मीदवार प्रिंट, इलैक्ट्राॅनिक एवं सोशल मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित एवं प्रसारित करना चाहता है वह समय रहते एमसीएमसी समिति से प्री-स्टीफिकेशन के लिए आवेदन करें ताकि निर्धारित प्रक्रिया के तहत विज्ञापन को प्रसारित एवं प्रकाशित करने की अनुमति प्रदान की जा सके।
उन्होंने कहा कि यदि कोई उम्मीदवार पेड न्यूज़ प्रकाशित एवं प्रसारित करवाता है तो रिटर्निंग अधिकारी की ओर से संबंधित उम्मीदवार को नोटिस जारी किया जाए, जिसका उम्मीदवार को निर्धारित अवधि के भीतर उत्तर देना अनिवार्य रहेगा। उम्मीदवार के उत्तर पर जिला स्तरीय एमसीएमसी निर्णय लेगी। पेड न्यूज़ घोषित होने पर उम्मीदवार के चुनाव खर्चें में भी इसे शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त एमसीएमसी का कार्य विज्ञापनों के माध्यम से प्रकाशित एवं प्रसारित होने वाली सामग्री का मूल्यांकन करना रहेगा। यदि किसी भी विज्ञापन में किसी धार्मिक स्थल, रक्षा कर्मी, किसी अन्य पार्टी के उम्मीदवार के निजी जीवन और असत्यापित आरोपों के आधार पर अन्य पार्टियों या उनके कार्यकर्ताओं की कोई आलोचना पाई जाती है तो ऐसे विज्ञापन को प्रकाशित एवं प्रसारित करने की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। इसी प्रकार, किसी भी विज्ञापन में बच्चों का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि उम्मीदवार द्वारा प्रकाशित किए जाने वाले ब्रोशर, पैम्फलेट, स्टिकर आदि पर प्रिंटर का नाम एवं प्रसारित सामग्री की प्रतियों की जानकारी भी देना आवश्यक रहेगा अन्यथा इस संदर्भ में भी उम्मीदवार को रिटर्निंग अधिकारी की ओर से नोटिस भेजा जाएगा।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा ने टेलीकॉम कंपनियों के प्रतिनिधियों से भी बैठक करने का सुझाव दिया गया ताकि बल्क एसएमएस और वॉइस मैसेज की प्री-सर्टिफिकेशन भी सुनिश्चित हो सके।  इसी प्रकार, विशेष संवाददाता पीटीआई शिमला भानू पी. लोहमी ने राजनीतिक दलों से आईटी सेल और उनकी पीआर एजेंसी के साथ बैठक कर विज्ञापनों की प्री-सर्टिफिकेशन और अन्य मामलों पर चर्चा करने का सुझाव दिया।
इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए अनुपम कश्यप ने समिति की अगली बैठक एक सप्ताह के भीतर दोबारा आयोजित करने को कहा जिसमें राजनीतिक दलों से आईटी सेल और उनकी पीआर एजेंसी के अतिरिक्त टेलीकॉम कम्पनी एवं प्रिटनिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया जाएगा ताकि लोकसभा चुनाव का सफल निष्पादन किया जा सके।
बैठक में समिति के अन्य सदस्यों ने भी अपने-अपने बहुमूल्य सुझाव रखे।
बैठक का संचालन जिला लोक सम्पर्क अधिकारी एवं सदस्य सचिव एमसीएमसी सिंपल सकलानी ने किया।

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