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प्रधानमंत्री आवास योजना से साकार हो रहा है आशियाने का सपना

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नगर परिषद कुल्लू में योजना के तहत 168 लाभार्थियों को 1 करोड़ 63 लाख वितरित

कुल्लू 24 मई – प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) जिला कुल्लू में मुख्य रूप से शहर के कमजोर तबके के परिवारों के लिए वरदान सावित हो रही है। प्रत्येक व्यक्ति के मन में अपने तथा अपने परिवार के लिए एक सुंदर आशियाना बनाने की चाहत हमेशा रहती है। गरीबों की इसी चाहत को अब कुल्लू जिला के शहरी क्षेत्रों में साकार कर रही है केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना। यह योजना केन्द्र सरकार द्वारा 25 जून, 2015 को इस उददेश्य के साथ शुरू की गई ताकि आगामी सात वर्ष की अवधि के दौरान यानि 2022 तक देश के दो करोड़ से अधिक लोगों को पक्के घर बनाकर उपलब्ध करवाए जाएं।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिला कुल्लू के शहरी क्षेत्रों नगर परिषद कुल्लू में अब तक तीन सर्वेक्षण किए जा चुके हैं और कुल 168 लाभार्थियों को मंजूरी प्रदान की गई है। इसमें पहले चरण में 82, दूसरे में 9 तथा तीसरे चरण में 77 लाभार्थियों के पक्ष में स्वीकृति प्रदान कर 1 करोड़ 63 लाख 50 हजार रूपये की राशि वितरित की गई है। इसी प्रकार नगर परिषद मनाली में 10, नगर पंचायत भुंतर में 15, नगर पंचायत बंजार में 10, नगर पंचायत आनी में 23 और नगर पंचायत निरमंड में 100 लाभार्थियों को पक्के मकान बनाने के लिए मंजूरी प्रदान की गई है। योजना के तहत शहर के कमजोर तबके के ऐसे परिवारों को जिनके पास खुद का घर नहीं है, या वे अपनी जमीन पर कच्चे घर पर रहते हैं या फिर अपने द्वारा बनाए गए मकान का विस्तार कर उसे बढ़ाना चाहते हैं, वित्तीय सहायता प्रदान कर लाभान्वित किया जाता है।

प्रधानमंत्री आवास योजना एक बहुत बड़ा मिशन है तथा केन्द्र सरकार का इस मिशन को आरंभ करने का मुख्य उददेश्य वर्ष, 2022 तक ऐसे सभी व्यक्तियों को आवास की सुविधा प्रदान करना है, जिनके पास अपना घर-आशियाना नहीं हैं या वे पैसे के अभाव में अपनी जमीन होने के बाबजूद कच्चे मकान में रहने को मजबूर हैं। योजना के तहत अब गरीबों के पास अपना पक्का घर होगा तथा वह अब अमीर लोगों की तरह एक सुंदर आशियाने का अनुभव महसूस करेंगें। लोगों के पास अपना आशियाना होने से निश्चित रूप से उनकी आशाओं को पंख लगेंगे। सालों से मन में अपना आशियाना होने की आस लगाए अब आनंद एवं सुखमय ढंग से जीवन व्यतीत कर सकेंगे। योजना के तहत समाज के कमजोर वर्गों के परिवारों को शहरी क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर शैल्टर/आवास के लिए वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करना है जोे कच्चे मकान में रह रहे हैं या फिर उनके पास अपनी भूमि पर रहने के लिए घर नहीं हैं या अपने घर का विस्तार करना चाहते हैं।

योजना के अंतर्गत समाज के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के समूहांे अथवा अल्पसंख्यक समुदाय, अनुसूचितत जाति तथा अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को भी वितीय सहायता प्रदान कर लाभान्वित करना है। योजना के तहत मकान बनाने तथा उसे बढ़ाने के लिए भी वितीय सहायता प्रदान की जाती है। योजना के अंतर्गत 1 लाख 65 हजार रूपए की वित्तीय सहायता राशि लाभार्थी को जियो टैगिंग के बाद गृह निर्माण के चार चरणों नींव, लैंटिल, छत तथा पूरा होने तक प्रदान की जाती है।

क्या है योजना के लिए पात्रताः-

लाभार्थी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से सम्बंधित होना चाहिए तथा उसकी वार्षिक आय 3 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। नगर पालिका / नगर पंचायत क्षेत्र में लाभार्थी के अपने नाम दो बिस्वा जमीन होनी चाहिए। लाभार्थी का देश के अन्य किसी भी स्थान पर अपना पक्का मकान नहीं होना चाहिए। इसके लिए दस्तावेज के रूप में लाभार्थी के पास अपना तथा उसकेे पूरे परिवार के आधार कार्ड, पैन नम्बर व पहचान पत्र, आय प्रमाण पत्र या बीपीएल कार्ड लाभार्थी की बैंक पास बुक के पहले पृष्ठ की प्रति, मतदाता प्रमाण पत्र या ड्राईविंग लाईसैंस इत्यादि की प्रति आईडी प्रमाण, दो पासपोर्ट आकार के फोटो, तथा भूमि दस्तावेज के रूप में जमाबंदी /ततिमा, भूमि तथा घर का हलफनामा प्रस्तुत करना होता है। इस सारी कार्यवाही को पूरा करने के बाद लाभार्थी से शहर में तीसरे पक्ष या पीएमएवाई टीम द्वारा आवेदनों को समय-समय पर एकत्रित करने के बाद मानदंडों को पूरा करने वाले आवेदक को आवश्यक दस्तावेजों को सम्बंधित नगर परिषद/नगर पंचायत कार्यालय में जमा करवाना होता है।

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