कुल्लू जिला में 16375 लोगों को साक्षर बनाने की कबायद
1 min readकुल्लू 30 मार्च – कुल्लू जिला में पढ़ना-लिखना अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तैयारियां शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग के माध्यम से कार्यान्वित किए जाने वाले इस अभियान के लिए जिला के चार शिक्षा खण्डों से 15 साल अथवा इससे अधिक आयु के 16375 लोगों का चयन किया गया है। प्रथम चरण में शिक्षा खण्ड बंजार, कुललू-एक व कुल्लू-दो तथा नग्गर में यह अभियान चलाया जाएगा। आनी तथा निरमण्ड शिक्षा खण्डों को द्वितीय चरण में शामिल करने का लक्ष्य है।
अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी एस.के. पराशर ने अभियान पर विशेष चर्चा करते हुए कहा कि उक्त चारों शिक्षा खण्डों में 1607 वाॅलन्टियर अध्यापकों (वी.टी.)की नियुक्ति का कार्य पूरा कर लिया है। अशिक्षित लोगों के चयन का कार्य मार्च माह तक पूरा कर लिया है। अध्यापन कार्य के लिए वाॅलन्टियर अध्यापकों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। एडीएम के अनुसार चयनित लोगों को साक्षर बनाने के लिए उनके 10-10 के समूह बनाए जाएंगे और प्रत्येक समूह को एक वी.टी. शिक्षण के लक्ष्य को पूरा करवाएगा। सबसे महत्वपूर्ण कार्य लाभार्थियों को शिक्षण कार्य के लिए प्रेरित करना है। इसके लिए पंचायती राज संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधियों स्वयं सेवी संस्थाओं व बुद्धिजीवियों का भी सहयोग लिया जाएगा।
वी.टी. न केवल अध्यापन का कार्य करेंगे, बल्कि चयनित लोगों को डिजिटल इंडिया की जानकारी भी दी जाएगी ताकि वे मोबाईल फोन के माध्यम से आधुनिक तकनीकों से परिचित होकर अपने आॅन लाईन कार्यों का निष्पादन करने में भी सक्षम बनें। चयनित लोगों की काउंसलिंग का कार्य भी अभियान का हिस्सा होगा ताकि लोग पाठन कार्य में रूचि लें और इसके महत्व को जान सकें।
गांव के कलस्टर स्तर पर शिक्षण का कार्य सरकारी भवनों में किया जाएगा। इनमें पंचायत घर, आंगनवाड़ी केन्द्र अथवा कोई अन्य स्थल हो सकता है। शिक्षण के दौरान अनेक गतिविधियां भी आयोजित करवाई जाएंगी। इनमें सरकारी स्कूलों की तर्ज पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक नृत्य, नाटक व वाद-विवाद प्रतियोगिता शामिल हंै ताकि शिक्षण के साथ प्रशिक्षुओं का समग्र विकास भी हो। ऐसे कार्यक्रमों में महिला व युवक मण्डलों अथवा स्वयं सेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा।
साक्षर होने का मिलेगा प्रमाण पत्र
निरक्षरों लोगों को साक्षर बनाने के लिए चार माह का एक निर्धारित पाठ्यक्रम है जिसे हर हालत में पूरा किया जाएगा। चार माह के दौरान कम से कम 120 घण्टे पढ़ने का कार्य किया जाएगा। इसके उपरांत राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान यानि एनआईओएस के माध्यम से परीक्षा आयोजित की जाएगा और आंकलन करने के बाद साक्षर होने का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
जिला व उपमण्डल स्तरीय समितियों का किया गया है गठन
पढ़ना-लिखना अभियान के क्रियान्वयन के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। उपनिदेशक आरंभिक शिक्षा समिति के सदस्य सचिव हैं। समिति के सदस्यों में एडीएम, उपनिदेशक उच्च शिक्षा, शिक्षाविद्ध व सामाजिक कार्यकर्ता, पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधि, जिला लोक सम्पर्क अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला पंचायत अधिकारी, जिला कल्याण अधिकारी, जिला युवा सेवाएं एवं खेल अधिकारी, जिला युवा समन्वयक, स्थानीय निकायों के कार्यकारी अधिकारी तथा डाईट के प्रधानाचार्य को शामिल किया गया है। इसी प्रकार, उपमण्डल स्तर पर संबंधित एसडीएम की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया गया है।
क्या है उद्देश्य
पढ़ना-लिखना अभियान को केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा 8 सितम्बर, 2020 को एक प्रमुख साक्षरता अभियान के तौर पर आंरभ किया है। नये साक्षरता अभियान की घोषणा का उद्देश्य वर्ष 2030 तक पूर्ण साक्षरता को हासिल करना है। अभियान के तहत शहरों व गांवों के 15 साल से अधिक आयु के अशिक्षित लोगों को मूलभूत शिक्षा ज्ञान उपलब्ध करवाना है। अभियान का मूल उद्देश्य महिलाओं, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति तथा अन्य लोग जो किन्हीं कारणों से शिक्षा हासिल करने से वंचित रह गए हैं, उन्हें मूल शिक्षा का ज्ञान उपलब्ध करवाकर उनके जीवन को और सरल बनाने के साथ-साथ साक्षरता दर में वृद्धि को भी सुनिश्चित करना है।